रांचीः सीपीआई (एम ) की वरिष्ठ नेत्री सह पूर्व सांसद वृंदा करात रांची दौरे पर पहुंची हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जितनी महामारी के कारण बेरोजगारी नहीं बढ़ी थी उतना केंद्र सरकार की नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ती नजर आ रही है.
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दिन-ब-दिन पेट्रोल डीजल और गैस के दामों में वृद्धि की जा रही है, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत काफी कम है साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में भी मनरेगा मजबूरी में कटौती की है.
साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है लेकिन ये समय अघोषित इमरजेंसी जैसा है जहां लोगों को लिखने तक पर भी जेल भेज दिया जाता है.
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एनडीए में शामिल होने संबंधित रामदास अठावले के बयान पर वृंदा करात ने पूरी तरह से भड़कते हुए कहा कि उनका बयान से स्पष्ट होता है कि किस तरह से संविधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
सरना आदिवासी धर्मकोड के लिए दी बधाई
उन्होंने कहा कि रामदास अठावले का व्यवहार पूरी तरह से रिश्वतखोरी जैसा था और रामदास अठावले के रिश्वतखोर कहे जाने पर कोई संकोच और अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा कि रामदास अठावले ने अपने बयान से यह साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार अपने विरोधी दलों वाली राज्य सरकार पर भेदभाव और पक्षपात करती है.
साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा किसी एम को बधाई देने का काम किया है कि झारखंड के आदिवासियों की पहचान को लेकर उन्होंने सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव को केंद्र में भेजने का काम किया है हम लोगों की भी इस प्रस्ताव को केंद्र से पास कराने को लेकर प्रयास है .
बंगाल चुनाव पर उन्होंने कहा कि लाल झंडे ने बंगाल की पावन धरती से संप्रदायिकवाद को मुक्त करने का काम किया है, और तृणमूल कांग्रेस के लोग हैं वहां पर संप्रदायिक और मनुवाद को पनपने का मौका दिया है
बंगाल की जनता जानती है और वह बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस को किसी भी कीमत पर अपना भरोसा नहीं देंगे उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी से अलग विचारधारा के लोगों को एकजुट कर वहां पर हम लोग अच्छी सीट लाने की कोशिश करेंगे.