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मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिला विश्व ब्रह्मण संघ का प्रतिनिधिमंडल, UP की तर्ज पर पुजारियों को मानदेय देने की मांग - रांची में विश्व विश्व ब्रह्मण संघ ने की मानदेय की मांग

रांची में अपनी मांगों को लेकर विश्व ब्राह्मण संघ ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की. संघ की मांग है की उत्तर प्रदेश की तरह ही झारखंड के पुजारियों को मानदेय दिया जाए.

विश्व ब्रह्मण संघ ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
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Published : Oct 9, 2019, 3:11 PM IST

रांची: विश्व ब्राह्मण संघ ने प्रदेश के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मानदेय देने की मांग की है. इसे लेकर संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की.

देखें पूरी खबर

मुलाकात के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में ही वहां मंदिरों में तैनात पुजारियों के लिए मानदेय की व्यवस्था की है. ऐसी ही व्यवस्था झारखंड में होनी चाहिए, साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से झारखंड में ब्राह्मण भवन के निर्माण करवाने की भी मांग की. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 19 हजार मंदिर हैं, जिनमें से 9 सौ से अधिक रांची में है.

इसे भी पढ़ें:- दुर्गाबाटी मंदिर से माता को नम आंखों से दी गई विदाई, कंधे पर उठाकर प्रतिमा को ले जाते हैं लोग

मानदेय देने की मांग
वहीं, डेलिगेशन में शामिल सौम्या मिश्रा ने बताया की पारंपरिक प्रधानों को मजबूत करने के पीछे वाजिब कारण है. उन्होंने बताया कि जहां पुरोहित, सरना और पारंपरिक प्रधान मजबूत हैं, वहां धर्मांतरण के मामले ना के बराबर उठे हैं, साथ ही वहां गौ हत्या के मामले भी कम हैं. उन्होंने कहा की जिस तरीके से राज्य सरकार ने आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान आदि लोगों को मानदेय देने का फैसला किया है, उसी तरह राज्य के मंदिरों में पुरोहितों को अगर मजबूत किया जाएगा तो धर्मांतरण और गौ हत्या के मामले और कम हो जाएंगे. सौम्या मिश्रा ने बताया की गौ हत्या प्रतिषेध अधिनियम लागू किए हुए कितने वर्ष हो गए लेकिन अभी तक उसमें से एक भी मामले में कन्विक्शन तक नहीं हुआ है.

संघ ने 17 बिंदुओं का मांग पत्र दिया
संघ ने मुख्यमंत्री के सामने 17 बिंदुओं का एक मांग पत्र भी रखा, जिसमें राज्य में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड या आयोग, संस्कृत और योग विश्वविद्यालय की स्थापना और एक ग्यारह वीं तक संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य करने की मांग भी शामिल है.

रांची: विश्व ब्राह्मण संघ ने प्रदेश के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मानदेय देने की मांग की है. इसे लेकर संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की.

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मुलाकात के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में ही वहां मंदिरों में तैनात पुजारियों के लिए मानदेय की व्यवस्था की है. ऐसी ही व्यवस्था झारखंड में होनी चाहिए, साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से झारखंड में ब्राह्मण भवन के निर्माण करवाने की भी मांग की. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 19 हजार मंदिर हैं, जिनमें से 9 सौ से अधिक रांची में है.

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मानदेय देने की मांग
वहीं, डेलिगेशन में शामिल सौम्या मिश्रा ने बताया की पारंपरिक प्रधानों को मजबूत करने के पीछे वाजिब कारण है. उन्होंने बताया कि जहां पुरोहित, सरना और पारंपरिक प्रधान मजबूत हैं, वहां धर्मांतरण के मामले ना के बराबर उठे हैं, साथ ही वहां गौ हत्या के मामले भी कम हैं. उन्होंने कहा की जिस तरीके से राज्य सरकार ने आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान आदि लोगों को मानदेय देने का फैसला किया है, उसी तरह राज्य के मंदिरों में पुरोहितों को अगर मजबूत किया जाएगा तो धर्मांतरण और गौ हत्या के मामले और कम हो जाएंगे. सौम्या मिश्रा ने बताया की गौ हत्या प्रतिषेध अधिनियम लागू किए हुए कितने वर्ष हो गए लेकिन अभी तक उसमें से एक भी मामले में कन्विक्शन तक नहीं हुआ है.

संघ ने 17 बिंदुओं का मांग पत्र दिया
संघ ने मुख्यमंत्री के सामने 17 बिंदुओं का एक मांग पत्र भी रखा, जिसमें राज्य में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड या आयोग, संस्कृत और योग विश्वविद्यालय की स्थापना और एक ग्यारह वीं तक संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य करने की मांग भी शामिल है.

Intro:बाइट 1 धर्मेंद्र तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष विश्व ब्राह्मण संघ
बाइट 2 स्वामी दिव्य ज्ञान

रांची। विश्व ब्राह्मण संघ ने प्रदेश के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मानदेय देने की मांग की है। इस बाबत संघ की के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की। मुलाकात के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में ही वहां मंदिरों में तैनात पुजारियों के लिए मानदेय की व्यवस्था की है। ऐसी ही व्यवस्था झारखंड में होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने झारखंड में ब्राह्मण भवन के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री से मांग की। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 19000 मंदिर है जिनमें से 9 सौ से अधिक रांची में है।


Body:वही डेलिगेशन में शामिल सौम्या मिश्रा ने बताया कि पारंपरिक प्रधानों को मजबूत करने के पीछे वाजिब कारण है। उन्होंने बताया कि जहां पुरोहित, सरना और पारंपरिक प्रधान मजबूत हैं वहां धर्मांतरण के मामले ना के बराबर उठे हैं। साथ ही वहां गौ हत्या के मामले भी न्यून है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से राज्य सरकार ने आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान आदि लोगों को मानदेय देने का फैसला किया है। उसी तरह राज्य के मंदिरों में पुरोहितों को अगर मजबूत किया जाएगा तो धर्मांतरण और गौ हत्या के मामले और कम हो सकेंगे। उन्होंने कहा की हैरत की बात यह है कि गौ हत्या प्रतिषेध अधिनियम लागू किए हुए कितने वर्ष हो गए लेकिन अभी तक उसमें के एक मामले में कन्विक्शन तक नहीं हुआ है।


Conclusion:संघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष 17 बिंदुओं का एक मांग पत्र भी रखा। जिसमें राज्य में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड या आयोग, संस्कृत और योग विश्वविद्यालय की स्थापना और एक ग्यारह वीं तक संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य करने की मांग शामिल है।

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