रांची: कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में सोमवार को सोशल डिस्टेंसिंग की उस समय धज्जियां उड़ती देखी गईं, जब महानगर कांग्रेस की ओर से ऑटो चालकों के बीच खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जा रहा था. हैरत की बात यह है कि प्रदेश अध्यक्ष व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव भी उस दौरान मौजूद रहे और खाद्यान्न सामग्री वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तक नहीं किया गया.
अनलॉक वन की शुरुआत हो गई है, लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में पालन करने का गाइडलाइन जारी किया गया है, लेकिन जब सरकार में मंत्री की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न हो तो इससे ज्यादा हैरत की बात और क्या होगी. झारखंड सरकार के मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव की मौजूदगी में कांग्रेस भवन में सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर खाद्यान्न वितरण किया गया. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के सवाल पर रामेश्वर उरांव ने कहा कि इसके लिए दोषी केंद्र की सरकार है, जिन्होंने बिना सोचे समझे अचानक लॉकडाउन कर दिया और लोगों को दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ा.
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मजबूरी के कारण टूट रहा है सोशल डिस्टेंसिंग
मंत्री ने कहा कि जरूरतमंद लोग पेट की आग बुझाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को भूल जाते हैं, लेकिन सबको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए ही काम करना है, ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ जीवन यापन भी चल सके. रांची महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष संजय पांडे ने भी माना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे ज्यादा जरूरी है. इसके लिए सरकार, पार्टी और प्रशासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है, लेकिन गरीब लोगों को लगता है कि जहां भी खाद सामग्री मिल रही है, वहां से जल्द खाद्य सामग्री ले ले. क्योंकि उन्हें यह भी डर सता रहा है कि कहीं उन्हें अनाज नहीं मिला तो वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएंगे.
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की मजबूरी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग टूट रहा है. कोरोना संक्रमण से बचाव का सबसे बड़ा हथियार सोशल डिस्टेंसिंग ही है, लेकिन कांग्रेस भवन की तस्वीर से सवाल यह उठ रहा है कि जब जनप्रतिनिधि ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवाएंगे तो आम जनता क्यों इसका पालन करने में दिलचस्पी दिखाएगी.