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सरकार गिराने की साजिश मामला: मोबाइल और डिवाइस की फॉरेंसिक जांच से मिल सकते हैं कई अहम सुराग, कोर्ट ने दी अनुमति

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Published : Oct 21, 2021, 1:26 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 9:13 PM IST

सरकार गिराने की साजिश मामले में मोबाइल और बरामद डिवाइस की फॉरेंसिक जांच के बाद पुलिस को कई अहम सुराग मिल सकते हैं. कोर्ट ने रांची पुलिस को फॉरेंसिक जांच की इजाजत दे दी है.

Vigilance Court allows phone tapping investigation in horse trading case
विजिलेंस स्पेशल कोर्ट ने दी फोन टेपिंग जांच की अनुमति

रांची: सरकार गिराने की साजिश में शामिल आरोपियों के मोबाइल और डिवाइस की फॉरेंसिक जांच की रांची पुलिस को अनुमति मिल गई है. रांची पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए अदालत से अनुमति मांगी थी, जिस पर रांची व्यवहार न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपियों के पास से मिले मोबाइल और डिवाइस की फॉरेंसिक जांच करने की इजाजत दे दी है. फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद सरकार गिराने की साजिश में शामिल कई अहम लोगों की भी संलिप्तता सामने आ सकती है.

ये भी पढ़ें- झारखंड सरकार गिराने की साजिश मामलाः आरोपियों को लगा झटका, रांची एसीबी कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज

वहीं, दूसरी तरफ आज इसी मामले में रांची पुलिस की ओर से अदालत में चार्जशीट दाखिल करने की बातें सामने आई थी, लेकिन पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल नहीं की गई. आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं होने का लाभ आरोपियों को मिल सकता है.

रांची पुलिस ने सरकार गिराए जाने की साजिश के आरोप में आरोपियों में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों से पूछताछ के दौरान रांची पुलिस को कई अहम सुराग सामने हाथ लगे. इन आरोपियों पर आईपीसी की धारा 419, आईपीसी की धारा 420, आईपीसी की धारा 124 A, आईपीसी की धारा 34, आरपी एक्ट की धारा 147(B), पीसी एक्ट की धारा 8/9 लगाई गई है.

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था. सरकार में शामिल विधायकों को पैसे का लालच देकर हेमंत सरकार को अल्पमत में लाने की कोशिश की जा रही थी. साजिश की भनक स्पेशल ब्रांच को लग गई, जिसके बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो शामिल हैं. इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी प्रभात रंजन बड़वार को दिया गया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में सोरेन सरकार गिराने की साजिश बेनकाब, झामुमो विधायक ने दर्ज कराई शिकायत

इस मामले में आरोपी निवारण कुमार महतो ने यह स्वीकार किया है कि सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के बदले उसे 50 लाख रुपया देने का लालच दिया गया था. अमित सिंह ने भी उसे पहले लालच दिया गया कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता. गिरफ्तारी के बाद से आरोपियों में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो न्यायिक हिरासत में जेल की चारदीवारी में बंद है

झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर सरकार बनाई हैं. झामुमो को 30, कांग्रेस को 16 और राजद के पास 1 सीट है. भाजपा के पास 26 सीटें हैं. बाकी सीटों में आजसु, सीपीआईएम, एनसीपी और को एक-एक सीट मिली है. इसके अलावा जेवीएम से चुनाव जीते बाबूलाल मरांडी भाजपा में और प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. हेमंत सरकार के पास कुल 51 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जो बहुमत से 10 ज्यादा. ऐसे में फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं दिख रहा है.

रांची: सरकार गिराने की साजिश में शामिल आरोपियों के मोबाइल और डिवाइस की फॉरेंसिक जांच की रांची पुलिस को अनुमति मिल गई है. रांची पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए अदालत से अनुमति मांगी थी, जिस पर रांची व्यवहार न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपियों के पास से मिले मोबाइल और डिवाइस की फॉरेंसिक जांच करने की इजाजत दे दी है. फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद सरकार गिराने की साजिश में शामिल कई अहम लोगों की भी संलिप्तता सामने आ सकती है.

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वहीं, दूसरी तरफ आज इसी मामले में रांची पुलिस की ओर से अदालत में चार्जशीट दाखिल करने की बातें सामने आई थी, लेकिन पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल नहीं की गई. आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं होने का लाभ आरोपियों को मिल सकता है.

रांची पुलिस ने सरकार गिराए जाने की साजिश के आरोप में आरोपियों में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों से पूछताछ के दौरान रांची पुलिस को कई अहम सुराग सामने हाथ लगे. इन आरोपियों पर आईपीसी की धारा 419, आईपीसी की धारा 420, आईपीसी की धारा 124 A, आईपीसी की धारा 34, आरपी एक्ट की धारा 147(B), पीसी एक्ट की धारा 8/9 लगाई गई है.

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था. सरकार में शामिल विधायकों को पैसे का लालच देकर हेमंत सरकार को अल्पमत में लाने की कोशिश की जा रही थी. साजिश की भनक स्पेशल ब्रांच को लग गई, जिसके बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो शामिल हैं. इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी प्रभात रंजन बड़वार को दिया गया है.

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इस मामले में आरोपी निवारण कुमार महतो ने यह स्वीकार किया है कि सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के बदले उसे 50 लाख रुपया देने का लालच दिया गया था. अमित सिंह ने भी उसे पहले लालच दिया गया कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता. गिरफ्तारी के बाद से आरोपियों में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो न्यायिक हिरासत में जेल की चारदीवारी में बंद है

झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर सरकार बनाई हैं. झामुमो को 30, कांग्रेस को 16 और राजद के पास 1 सीट है. भाजपा के पास 26 सीटें हैं. बाकी सीटों में आजसु, सीपीआईएम, एनसीपी और को एक-एक सीट मिली है. इसके अलावा जेवीएम से चुनाव जीते बाबूलाल मरांडी भाजपा में और प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. हेमंत सरकार के पास कुल 51 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जो बहुमत से 10 ज्यादा. ऐसे में फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं दिख रहा है.

Last Updated : Oct 21, 2021, 9:13 PM IST
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