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विधानसभा स्थापना दिवस: राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्पीकर ने साझा किए विचार, विनोद सिंह ने किताबों के लिए समर्पित की सम्मान राशि

झारखंड विधानसभा अपनी स्थापना का 22वां वर्षगांठ मना रहा है (22nd Anniversary of Jharkhand Legislative Assembly). इस मौके पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने अपने-अपने विचार साझा किये.

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Published : Nov 22, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 10:13 PM IST

रांची: झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में (22nd Anniversary of Jharkhand Legislative Assembly) राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनकी बदौलत झारखंड देश का 28वां राज्य बना, लेकिन अब मंथन करने की जरूरत है कि लोक आकांक्षाओं पर हम कहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि जनता सर्वोपरी होती है. जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी और मर्यादा को अक्षुण रखना जनप्रतिनिधियों का दायित्व होता है. कार्यवाही में बढ़ता अवरोध चिंता का विषय है. ऐसा करना चाहिए कि जनता खुद कहे कि हमारा विधायक सर्वश्रेष्ठ है. इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दिनों को साझा करते हुए कहा कि उनका दरवाजा सबके लिए खुला रहा. उन्होंने कभी भेदभाव नहीं किया. राजनीति का मकसद ही लोगों की सेवा करना होना चाहिए.

ये भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस: सदन की गरिमा पर राज्यपाल ने पढ़ाया नैतिकता का पाठ, जानिए झारखंड के राजनेताओं की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज खुशी का दिन है. जब हम एकीकृत बिहार में थे तो एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में यहां के विधायक गुम हो जाते थे. पटना से दूर होने के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हुईं. बाद में अनचाहे वातावरण बनने लगे. आदिवा, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर शोषण लंबे समय तक चला. अंग्रेजों के जाने के बाद भी समस्याओं से निजात के लिए लड़ाई चली. दिशोम गुरू शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबे संघर्ष के बाद झारखंड राज्य मिला. इसके बाद राज्य को दिशा देने के सिलसिला शुरू हुआ. लेकिन मैं इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहूंगा कि इतने वर्षों में हम कहां पहुंचे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है. सभी माननीयों की बराबर भूमिका होती है. पक्ष और विपक्ष की मिलकर राज्य के लोगों के प्रति संवेदनाएं होनी चाहिए. राज्य के मुख्यधारा में लाने का प्रयास होना चाहिए. यहां की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में है, उनके सामने चुनौतियां हैं. बाबा भीमराव जी ने हमे जो संविधान दिया है, उसे हम और कितना मजबूत करें, इसपर काम करने की जरूरत है. महात्मा गांधी, सरदार पटेल, भीम राव अंबेदकर जैसे नेताओं ने हमे मार्गदर्शन दिया. निश्चित रूप से हमे भी उनके दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है.

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि शिक्षा से ही विकास संभव है. बच्चों की पढ़ाई पर फोकस करना होगा. उन्होंने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन की वजह से राज्य मिला. उन्होंने हमेशा शिक्षा को बढ़ावा देने की पैरवी की. उन्होंने उत्कृष्ट विधायक चुने जाने पर बिनोद सिंह समेत अन्य कर्मियों को शुभकामनाएं दी.

उत्कृष्ट विधायक के रूप में चयनित बगोदर से भाकपा माले के विधायक बिनोद सिंह समेत पांच विधानसभा कर्मियों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर बिनोद सिंह ने सम्मान राशि को अपने क्षेत्र के स्कूल-कॉलेजों में पुस्तकें खरीदने के लिए समर्पित कर दिया.

रांची: झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में (22nd Anniversary of Jharkhand Legislative Assembly) राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनकी बदौलत झारखंड देश का 28वां राज्य बना, लेकिन अब मंथन करने की जरूरत है कि लोक आकांक्षाओं पर हम कहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि जनता सर्वोपरी होती है. जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी और मर्यादा को अक्षुण रखना जनप्रतिनिधियों का दायित्व होता है. कार्यवाही में बढ़ता अवरोध चिंता का विषय है. ऐसा करना चाहिए कि जनता खुद कहे कि हमारा विधायक सर्वश्रेष्ठ है. इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दिनों को साझा करते हुए कहा कि उनका दरवाजा सबके लिए खुला रहा. उन्होंने कभी भेदभाव नहीं किया. राजनीति का मकसद ही लोगों की सेवा करना होना चाहिए.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज खुशी का दिन है. जब हम एकीकृत बिहार में थे तो एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में यहां के विधायक गुम हो जाते थे. पटना से दूर होने के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हुईं. बाद में अनचाहे वातावरण बनने लगे. आदिवा, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर शोषण लंबे समय तक चला. अंग्रेजों के जाने के बाद भी समस्याओं से निजात के लिए लड़ाई चली. दिशोम गुरू शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबे संघर्ष के बाद झारखंड राज्य मिला. इसके बाद राज्य को दिशा देने के सिलसिला शुरू हुआ. लेकिन मैं इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहूंगा कि इतने वर्षों में हम कहां पहुंचे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है. सभी माननीयों की बराबर भूमिका होती है. पक्ष और विपक्ष की मिलकर राज्य के लोगों के प्रति संवेदनाएं होनी चाहिए. राज्य के मुख्यधारा में लाने का प्रयास होना चाहिए. यहां की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में है, उनके सामने चुनौतियां हैं. बाबा भीमराव जी ने हमे जो संविधान दिया है, उसे हम और कितना मजबूत करें, इसपर काम करने की जरूरत है. महात्मा गांधी, सरदार पटेल, भीम राव अंबेदकर जैसे नेताओं ने हमे मार्गदर्शन दिया. निश्चित रूप से हमे भी उनके दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है.

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि शिक्षा से ही विकास संभव है. बच्चों की पढ़ाई पर फोकस करना होगा. उन्होंने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन की वजह से राज्य मिला. उन्होंने हमेशा शिक्षा को बढ़ावा देने की पैरवी की. उन्होंने उत्कृष्ट विधायक चुने जाने पर बिनोद सिंह समेत अन्य कर्मियों को शुभकामनाएं दी.

उत्कृष्ट विधायक के रूप में चयनित बगोदर से भाकपा माले के विधायक बिनोद सिंह समेत पांच विधानसभा कर्मियों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर बिनोद सिंह ने सम्मान राशि को अपने क्षेत्र के स्कूल-कॉलेजों में पुस्तकें खरीदने के लिए समर्पित कर दिया.

Last Updated : Nov 22, 2022, 10:13 PM IST
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