रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह (VC Dr Omkar Nath Singh) कांके प्रखंड के पिठोरिया के निकट जमुआरी गांव (Jamuari Village) पहुंचे. उन्होंने स्थानीय किसान महमूद आलम के करीब एक एकड़ खेतों में महिला किसानों के साथ मिलकर धान के बिचड़े की रोपाई की. इस दौरान कुलपति ने महिला किसानों का मनोबल भी बढाया औए उन्हें अधिक धान अच्छादन के लिए प्रेरित किया.
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कुलपति ने कहा कि धान झारखंड का सर्वाधिक प्रमुख फसल है, प्रदेश के अधिक से अधिक खेतों में धान की रोपनी की जाती है. उन्होंने बताया कि झारखंड की जमीन ऊंची, मध्यम और निचली भूमि के साथ उबड़–खाबड़ है, प्रदेश के किसान काफी मेहनती और जागरूक हैं, लेकिन अधिकतर खेत का जोत मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा काफी छोटा है. उन्होंने बताया कि किसानों के भोजन का मुख्य स्रोत चावल है और उन्हें अधिक मात्रा में धान उपजाने की जरूरत होती है, यही वजह है कि अधिक उपज की चाहत में बहुत किसान शंकर धान की खेती करना पसंद करते हैं.
डॉ ओंकार नाथ सिंह ने 25 से अधिक धान की उन्नत किस्म को किया विकसित
डॉ ओंकार नाथ सिंह देश के जाने माने धान विशेषज्ञ हैं. उन्होंने 25 से अधिक धान की उन्नत किस्म विकसित किया है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय धान के बिचड़े की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त है, समय से रोपाई में उपज अच्छी होती है, साथ ही धान कटाई के बाद रबी फसलों की भी खेती आसान हो जाती है.
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किसानों को अनुदानित दर पर उन्नत बीज उपलब्ध
बीएयू के कुलपति ने कहा कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की पहल पर प्रदेश के किसानों को अनुदानित दर पर उन्नत बीज उपलब्ध कराया जा चुका है, अब किसानों को अविलंब धान की रोपाई पूरी कर लेने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत केवीके वैज्ञानिकों को ससमय रोपाई और उन्नत तकनीकी प्रसार और मार्गदर्शन देने को कहा गया है, कृषि वैज्ञानिक भी इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं.
कुलपति ने की धान की रोपाई
जमुआरी गांव के किसान महमूद आलम को राष्ट्रीय बीज निगम प्रदत्त शंकर धान (डीआरआरएच किस्म – 2) 60 प्रतिशत अनुदानित दर पर करीब एक महीने पहले मिला था. बिचड़ा तैयार होने पर कुलपति ने कांके प्रखंड के बीटीएम प्रदीप सरकार के साथ धान रोपाई कार्य में भाग लिया. बीटीएम प्रदीप सरकार ने बताया कि गांव के करीब 12 एकड़ भूमि में शंकर धान किस्म (डीआरआरएच – 2) की रोपाई होगी.