रांची: झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर झारखंड में शीघ्र अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट कानून लागू करने की मांग की है. वो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री भी हैं.
झारखंड में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट हो लागू
बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में लिखा है कि राज्य में अधिवक्ताओं के साथ घटनाएं घटती रहती है, धमकी मिलते रहते हैं. ऐसे में निर्भीकता से राज्य में अधिवक्ता अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए अब जरूरी है कि बिना किसी विलंब के झारखंड में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट राज्य सरकार लागू करें. राज्य सरकार के पास यह मामला विचाराधीन है.
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कैशलेस इलाज का होना चाहिए प्रावधान
वाइस चेयरमैन ने पत्र में लिखा है कि जिस प्रकार दिल्ली सरकार ने अधिवक्ता स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किया है, ठीक वैसे ही झारखंड में भी अधिवक्ता स्वास्थ्य बीमा लागू कराया जाए, जिसमें अधिवक्ताओं के दुर्घटना होने अथवा असाध्य रोग होने पर उनका कैशलेस इलाज का प्रावधान हो. अधिवक्ताओं के अलावा उनकी पत्नी और बच्चों को भी इसके दायरे में लाया जाय. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में झारखंड में अधिवक्ता कई चुनौतियां का सामना कर रहे हैं. राज्य सरकार को अधिवक्ताओं की कठिनाइयों पर ध्यान तक नहीं गया, जबकि दूसरे राज्यों में राज्य सरकारों ने अधिवक्ताओं की कठिनाइयों को देखकर सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया है.
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अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान
वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि झारखंड में भी अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए. अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं में राज्य सरकार को आर्थिक सहयोग करना चाहिए. दूसरे राज्यों में राज्य सरकारों का रुख इस दिशा में सकारात्मक रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य के सभी स्तर के न्यायालयों में आधारभूत संरचना बढ़ाने का भी आग्रह करते हुए लिखा है कि अब यह आवश्यक हो गया है कि न्यायालयों को आधुनिक तकनीक से युक्त किया जाए. जिला और अनुमंडल न्यायालयों में संचार, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वाईफाई समेत सारी आधुनिक सुविधाओं को और प्रभावी बनाई जाए.