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Fodder Scam Hearing: 36 आरोपियों की सजा पर आएगा फैसला, तीन साल से ज्यादा का हो सकता है कारावास

चारा घोटाला मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 36 आरोपियों की सजा पर फैसला आएगा. ऐसे आसार हैं कि सभी को तीन साल से ज्यादा की सजा हो सकती है.

Verdict on punishment of 36 accused in illegal withdrawal case from Doranda treasury of fodder scam in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 1, 2023, 6:34 AM IST

रांची: झारखंड में चारा घोटाला मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 28 अगस्त को 124 अभियुक्तों पर रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया. जिसमें 35 आरोपियों को बरी किया गया. वहीं 53 आरोपियों को दोषी करार देते हुए तीन साल से कम और तीन साल तक की सजा हुई है.

इसे भी पढ़ें- Fodder Scam Case: डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में फैसला, 124 आरोपियों में 35 हुए बरी, 89 को हुई सजा

इसके साथ ही 36 आरोपियों को कोर्ट ने 3 साल से अधिक की सजा सुनाई है. उनकी सजा की बिंदुओं पर कोर्ट शुक्रवार 1 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी. अब देखने वाली बात ये होगी कि 36 दोषियों में से सबसे ज्यादा सजा किसे होगी.

क्या है पूरा मामला? अविभाजित झारखंड और बिहार में बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था. संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव हुआ करते थे. उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी हुई थी. यह निकासी साल 1990 से 1995 के दौरान हुई थी. इस मामले में सीबीआई की विशेष न्यायधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में बहस पूरी हो चुकी है और अब उसपर फैसला आएगा.

617 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया: डोरंडा कोषागार मामले में 27 साल चली सुनवाई के दौरान कुल 617 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया. जबकि 50 हजार से ज्यादा डॉक्यूमेंट और एविडेंस पेश किए गए.

ये लोग शामिल: 124 आरोपियों में से 38 लोक सेवक रहे हैं, जिनमें से आठ कोषागार पदाधिकारी हैं. 86 आपूर्तिकर्ता मामले में आरोपी हैं. इन आरोपियों में 16 महिलाएं भी हैं. वहीं तीन साल से ज्यादा सजा पाने वाले में कई ऐसे आरोपी हैं. जिनकी उम्र 80 से 90 साल है.

बिहार से अलग होने के बाद चारा घोटाला मामले में कुल 53 मुकदमे दर्ज किए गए. जिसमें डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले पर जजमेंट होने के बाद चारा घोटाला से संबंधित सभी मुकदमों पर फैसला आ चुका है. शुक्रवार को 36 आरोपियों के सजा बिंदु पर फैसला सुनाए जाने के बाद इस मुकदमे का अंतिम केस होगा.

रांची: झारखंड में चारा घोटाला मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 28 अगस्त को 124 अभियुक्तों पर रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया. जिसमें 35 आरोपियों को बरी किया गया. वहीं 53 आरोपियों को दोषी करार देते हुए तीन साल से कम और तीन साल तक की सजा हुई है.

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इसके साथ ही 36 आरोपियों को कोर्ट ने 3 साल से अधिक की सजा सुनाई है. उनकी सजा की बिंदुओं पर कोर्ट शुक्रवार 1 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी. अब देखने वाली बात ये होगी कि 36 दोषियों में से सबसे ज्यादा सजा किसे होगी.

क्या है पूरा मामला? अविभाजित झारखंड और बिहार में बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था. संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव हुआ करते थे. उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी हुई थी. यह निकासी साल 1990 से 1995 के दौरान हुई थी. इस मामले में सीबीआई की विशेष न्यायधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में बहस पूरी हो चुकी है और अब उसपर फैसला आएगा.

617 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया: डोरंडा कोषागार मामले में 27 साल चली सुनवाई के दौरान कुल 617 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया. जबकि 50 हजार से ज्यादा डॉक्यूमेंट और एविडेंस पेश किए गए.

ये लोग शामिल: 124 आरोपियों में से 38 लोक सेवक रहे हैं, जिनमें से आठ कोषागार पदाधिकारी हैं. 86 आपूर्तिकर्ता मामले में आरोपी हैं. इन आरोपियों में 16 महिलाएं भी हैं. वहीं तीन साल से ज्यादा सजा पाने वाले में कई ऐसे आरोपी हैं. जिनकी उम्र 80 से 90 साल है.

बिहार से अलग होने के बाद चारा घोटाला मामले में कुल 53 मुकदमे दर्ज किए गए. जिसमें डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले पर जजमेंट होने के बाद चारा घोटाला से संबंधित सभी मुकदमों पर फैसला आ चुका है. शुक्रवार को 36 आरोपियों के सजा बिंदु पर फैसला सुनाए जाने के बाद इस मुकदमे का अंतिम केस होगा.

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