रांचीः विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वीसी रमेश सरण को उस समय शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ी जब वह रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग अपने किसी निजी काम से पहुंचे थे. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर विरोध किया और उनके सरकारी वाहन पर कालिख पोत दिया.
निजी काम से हिंदी विभाग पहुंचे थे
सोमवार को विभयू वीसी रमेश शरण रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग किसी निजी काम से पहुंचे थे. जैसे ही विद्यार्थियों की नजर उनके वाहन और उन पर पड़ी एबीवीपी के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और विनोबा भावे वीसी गोबैक के जमकर नारे लगाए गए. इस दौरान वीसी के सरकारी वाहन पर भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कालिख पोत कर विरोध प्रकट किया. साथ ही इस दौरान उनका जमकर विरोध भी हुआ. मौके पर पुलिस प्रशासन के पहुंचने के बाद ही वीसी को आरयू कैंपस से निकलने दिया गया.
क्या है मामला ?
एबीवीपी ने वीसी रमेश शरण पर गंभीर आरोप लगाया है. एबीवीपी का कहना है कि वीसी को कश्मीर से धारा 370 और 35A का हटाया जाना रास नहीं आया. इसलिए उन्होंने दीक्षांत समारोह को बीच में स्थगित कर दिया. एबीवीपी अब वीसी रमेश शरण को पद से हटाने की मांग कर रहा है.
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संप्रदायिक सद्भाव को खत्म करने का आरोप
5 अगस्त के दिन ही 35A और धारा 370 खत्म किया गया था और उसी दिन विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन भी किया गया था, लेकिन समारोह को बीच में ही वीसी द्वारा स्थगित कर दिया गया. उस दौरान कॉलेज परिसर में काफी अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. समारोह के दौरान पारंपरिक वेशभूषा में विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी जानी थी, लेकिन इसकी भी अवहेलना की गई. विद्यार्थियों ने काले कपड़ों में उस दिन डिग्री लिया. कुल 6,633 विद्यार्थियों के स्थान पर मात्र 243 विद्यार्थियों को ही डिग्री बांटकर यह समारोह खत्म कर दिया गया. वहीं, ABVP द्वारा लगातार वीसी पर ये आरोप लगाया जा रहा है कि संप्रदायिक सद्भाव को खत्म करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय कैंपस में वीसी द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है. इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अचानक समारोह को स्थगित करने का फरमान सुनाया गया.