रांची: महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद देशभर में अर्बन नक्सल अचानक बेहद चर्चा में आया था. झारखंड की राजधानी रांची में भी इस मामले को लेकर कई रेड किये गये थे. अब अर्बन नक्सल पर नजर रखने के लिए झारखंड में एक अलग यूनिट का ही गठन कर दिया गया है, जो अर्बन नक्सलियों के हर मूवमेंट पर कड़ी नजर रखेगी.
कौन है अर्बन नक्सल
अर्बन नक्सली ऐसे नक्सली या नक्सली समर्थक को कहा जाता है जो शहर में रहकर बौद्धिक स्तर पर नक्सली विचारधारा और संगठन का समर्थन करते हैं. झारखंड में भी भीमा कारेगांव हिंसा के तार जुड़े थे, जिसके बाद झारखंड पुलिस में अर्बन नक्सल पर नजर रखने के लिए अलग से एक यूनिट गठित कर दी गई है. झारखंड पुलिस की स्पेशल इंटेलीजेंस ब्यूरो(एसआईबी) के अधीन ही अर्बन नक्सल एंड फ्रंटल आर्गेनाइजेशन यूनिट का गठन कर दिया गया है.
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कैसे काम करेगी यूनिट
झारखंड पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, अर्बन नक्सल एंड फ्रंटल आर्गेनाइजेशन यूनिट को विशेष तौर पर शहरी क्षेत्र में रहने वाले नक्सलियों, उनके फ्रंटल आर्गेनाइजेशन के सदस्यों की गतिविधि पर नजर रखने का जिम्मा दिया गया है. नक्सली संगठनों से सहानूभूति रखने वालों पर भी यह यूनिट नजर रखेगी.
कैसे जुड़ा था भीमा कोरेगांव हिंसा से तार
भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद महाराष्ट्र की पूणे पुलिस और एटीएस ने मामले की जांच शुरू की तो इस मामले में रांची में रहने वाले फादर स्टेन स्वामी को भी आरोपी बनाया गया. फादर स्टेन के ठिकानें पर दो बार पूणे पुलिस ने छापेमारी भी की.वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के मामले में भी अभय नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था. झारखंड, छतीसगढ़ में नक्सली वारदातों के बाद अभय के द्वारा ही प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती थी.
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पांच जोन में बांटकर सूचना जुटा रही एसआईबी
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तर्ज पर पिछले साल एसआईबी का गठन किया गया था. एसआईबी के द्वारा झारखंड को पांच जोन में बांटकर सूचना संग्रह का काम किया जा रहा है. प्रत्येक जोन का प्रभार डीएसपी या इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को दिया गया है. वहीं, स्पेशल ब्रांच के एसपी नक्सल को ही एसपी एसआईबी का प्रभार अब दिया गया है.
शहर से पकड़े गए हैं नक्सलियों के समर्थक
झारखंड के कई शहरों से कई ऐसे लोग पकड़े गए हैं जो कट्टर नक्सल समर्थक थे. ये लोग नक्सली हिंसा में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं थे, वे लोग शहर में रखकर जंगल में रहने वाले अपने मित्रों के मदद के लिए काम किया करते थे.