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असामाजिक तत्वों का अड्डा बना अरबन हाट, कैसे बढ़ेंगी व्यवसायिक गतिविधियां - अरबन हाट का आधारशिला

रांची के कांके डैम के नजदीक साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अरबन हाट की आधारशिला रखी थी, लेकिन योजना पर 5 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद सरकार का मन बदल गया और उस जगह पर स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने का फैसला लिया गया, जिसका निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका.

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अरबन हाट
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Published : Mar 11, 2021, 4:46 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 9:33 PM IST

रांची: शहर में 30 अगस्त 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अरबन हाट की आधारशिला रखी थी. जिस समय हाट की नींव रखी गई तो लोगों को लगा कि यहां के स्थानीय छोटे बड़े व्यवसायियों को बड़ा मार्केट मिलेगा, जिसमें ट्रेनिंग सेंटर से लेकर व्यवसायिक गतिविधि भी होगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इस हाट के लगने से स्थानीय शिल्पकारों को उम्मीद थी कि देश भर के शिल्पकार यहां दुकान लगाने पहुंचेंगे, जिससे उत्पाद बेचने के लिए बाजार मिलेगा, लेकिन उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं.

देखें स्पेशल स्टोरी

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अरबन हाट तैयार होने से पहले ही अचानक सरकार का मन बदल गया और अरबन हाट की जगह इसे स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने की कवायद होने लगी. तब तक इस योजना पर 5 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुका था. योजना में हुए बदलाव के बाद काम बंद हो गया, जो आज तक शुरू नहीं हो सका.

जहां पर अरबन हाट तैयार होना था वहां अब असामाजिक तत्वों की अय्याशी का एक नया अड्डा बन गया है. साइट इंचार्ज अवधेश कुमार की मानें तो काम ठप्प रहने से यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देर शाम तक रहता है, यदि यहां काम पूरा हो जाता तो स्थानीय लोगों की गरीबी को दूर करने में अरबन हाट मील का पत्थर साबित होता.


फिर से शुरू होगा काम: मेयर

नगर निगम के सहयोग से नगर विकास विभाग की ओर से 14वें वित्त आयोग के तहत शुरू की गई इस योजना पर 17 करोड़ खर्च करने का फैसला लिया गया था. बाद में रघुवर सरकार ने अपना फैसला बदल लिया और अरबन हाट को स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने का फैसला लिया, जिस पर खर्च करने का टारगेट करीब 30 करोड़ तय हुआ.

हालांकि बदली हुई योजना पर भी काम शुरू नहीं हो पाया. इधर मेयर आशा लकड़ा ने अरबन हाट का काम फिर से शुरू करने की बात कही है. उन्होंने काम बंद होने पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कामकाज एक साल से ठप्प था, अब फिर शुरू किया जाएगा.

इसे भी पढे़ं: महंगाई की डबल मार: तेजी से बढ़ रही घरेलू सिलेंडर की कीमत, सब्सिडी में भी कटौती कर रही सरकार

किसानों को मिलता लाभ
कांके डैम के नजदीक करीब 10 एकड़ में फैले अरबन हाट में 72 दुकान, एक बैंक्वेट हॉल बना है. अरबन हाट तैयार करने का जिम्मा सिंघल इंटरप्राइजेज को दिया गया था. यदि यह तैयार हो जाता तो स्थानीय किसानों को ना केवल एक बड़ा व्यवसायिक बाजार मिलता, बल्कि सड़क किनारे दुकान लगाने से भी मुक्ति मिल जाती.

रांची: शहर में 30 अगस्त 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अरबन हाट की आधारशिला रखी थी. जिस समय हाट की नींव रखी गई तो लोगों को लगा कि यहां के स्थानीय छोटे बड़े व्यवसायियों को बड़ा मार्केट मिलेगा, जिसमें ट्रेनिंग सेंटर से लेकर व्यवसायिक गतिविधि भी होगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इस हाट के लगने से स्थानीय शिल्पकारों को उम्मीद थी कि देश भर के शिल्पकार यहां दुकान लगाने पहुंचेंगे, जिससे उत्पाद बेचने के लिए बाजार मिलेगा, लेकिन उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं.

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अरबन हाट तैयार होने से पहले ही अचानक सरकार का मन बदल गया और अरबन हाट की जगह इसे स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने की कवायद होने लगी. तब तक इस योजना पर 5 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुका था. योजना में हुए बदलाव के बाद काम बंद हो गया, जो आज तक शुरू नहीं हो सका.

जहां पर अरबन हाट तैयार होना था वहां अब असामाजिक तत्वों की अय्याशी का एक नया अड्डा बन गया है. साइट इंचार्ज अवधेश कुमार की मानें तो काम ठप्प रहने से यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देर शाम तक रहता है, यदि यहां काम पूरा हो जाता तो स्थानीय लोगों की गरीबी को दूर करने में अरबन हाट मील का पत्थर साबित होता.


फिर से शुरू होगा काम: मेयर

नगर निगम के सहयोग से नगर विकास विभाग की ओर से 14वें वित्त आयोग के तहत शुरू की गई इस योजना पर 17 करोड़ खर्च करने का फैसला लिया गया था. बाद में रघुवर सरकार ने अपना फैसला बदल लिया और अरबन हाट को स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने का फैसला लिया, जिस पर खर्च करने का टारगेट करीब 30 करोड़ तय हुआ.

हालांकि बदली हुई योजना पर भी काम शुरू नहीं हो पाया. इधर मेयर आशा लकड़ा ने अरबन हाट का काम फिर से शुरू करने की बात कही है. उन्होंने काम बंद होने पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कामकाज एक साल से ठप्प था, अब फिर शुरू किया जाएगा.

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कांके डैम के नजदीक करीब 10 एकड़ में फैले अरबन हाट में 72 दुकान, एक बैंक्वेट हॉल बना है. अरबन हाट तैयार करने का जिम्मा सिंघल इंटरप्राइजेज को दिया गया था. यदि यह तैयार हो जाता तो स्थानीय किसानों को ना केवल एक बड़ा व्यवसायिक बाजार मिलता, बल्कि सड़क किनारे दुकान लगाने से भी मुक्ति मिल जाती.

Last Updated : Mar 11, 2021, 9:33 PM IST
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