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Jharkhand Assembly Monsoon Session: हंगामे की भेंट चढ़ी मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही, 11,988 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पेश - वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव

झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 11,988 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया. इस बजट में किस विभाग के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं. जानिए इस रिपोर्ट में.Jharkhand Assembly Monsoon Session.

Jharkhand Assembly Monsoon Session
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Published : Jul 31, 2023, 3:52 PM IST

Updated : Jul 31, 2023, 7:38 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्षी दल भाजपा के हंगामे की भेंट चढ़ गई. प्रश्नकाल शुरू होते ही आदिवासियों के साथ दुष्कर्म, हत्या और लचर विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए भाजपा के विधायक वेल में आ गये और स्पेशल चर्चा की मांग करने लगे. वेल में हंगामे के बीच स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने प्रश्काल चलाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बन पाई.

ये भी पढ़ें- मानसून सत्र का दूसरा दिन: मणिपुर और विधि व्यवस्था पर उलझता रहा पक्ष-विपक्ष, हंगामे के बीच 11 हजार 988 करोड़ का प्रथम अनुपूरक पेश

भाकपा माले विधायक बिनोद सिंह का थानों में महिला दारोगा के रिक्त पद से जुड़ा प्रश्न लिया जा सका. लेकिन विपक्ष के शोरगुल में सरकार का जवाब जैसे खो गया. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने पहले 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही फिर भाजपा विधायक वेल में आ गये. हालांकि इस दौरान स्पीकर ने सदन को चलाने की पूरी कोशिश की. उन्होंने हंगामे के बीच शून्यकाल की सूचनाएं ली.

इस बीच विपक्ष का हंगामा होता रहा. भाजपा के विधायक वेल में बैठ गये. इसी दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वर्तमान वित्तीय वर्ष का 11,988 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट सभा पटल रखा. अनुपूरक बजट में सबसे ज्यादा ऊर्जा विभाग के लिए 7033 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा नगर विकास एवं आवास विभाग (नगर विकास प्रभाग) के लिए 927 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा ब्याज मद में 703 करोड़ , ऋण की वापसी मद में 415 करोड़, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मद में 587 करोड़, आपदा प्रबंधन प्रभाग के लिए 151 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 574 करोड़, कृषि विभाग के लिए 180 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

निजी विद्यालयों पर संकट- सरयू: इससे पहले ध्यानाकर्षण के तहत सरयू राय ने राज्य में संचालित करीब 40 हजार निजी विद्यालयों पर छाए संकट का हवाला देते हुए सरकार से राहत देने की मांग की. उन्होंने कहा कि शर्तों के मुताबिक मध्य विद्यालयों के लिए 0.75 एकड़ भूमि शहरी क्षेत्र में और 01 एकड़ भूमि ग्रामीण क्षेत्र में होना, प्राथमिक विद्यालयों के लिए 40 डिसमिल भूमि शहरी क्षेत्र के लिए और 60 डिसमिल ग्रामीण क्षेत्र के लिए होना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा विद्यालय के नाम से एक लाख सावधि जमा, निरीक्षण शुल्क के रूप में कक्षा 01 से 05 के लिए रु. 12,500 और कक्षा 8 के लिए 25 हजार रु. देने का प्रावधान है. मान्यता नहीं मिलने पर राशि जब्त हो जाएगी.

सरयू राय ने कहा कि अगर ऐसी शर्त नहीं हटेगी तो बड़े बड़े लोग ही स्कूल चला पाएंगे. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह शर्तें साल 2010 में ही लागू हुई थी. करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा विद्यालय इसके दायरे से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालय के लिए सीएनटी और एसपीटी की जमीन लेने के लिए लीज अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इस दौरान सीपी सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि नया मंत्री कहां से आ गये.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Assembly Monsoon Session: मानसून सत्र का दूसरा दिन, भाजपा विधायकों ने हेमंत सरकार से मांगा इस्तीफा

तीन माह में जीपीएफ में लौटेगी राशि- रामेश्वर: जीपीएफ में जमा अंशदायी पेंशन योजना की राशि वापस नहीं किए जाने पर झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने ध्यानकर्षण के तहत सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि 22.12.2003 के पूर्व प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में नियुक्त कर्मियों के अंशदायी पेंशन योजना में जमा की गई राशि को संबधित कर्मी के जीपीएफ खाता में वापस करने के लिए केंद्र सरकार को 31 अगस्त 2023 तक प्राप्त आवेदन भेजा जाना है.

जवाब में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि तीन माह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. इस बीच विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष की सभा की कार्यवाही 1 अगस्त यानी मंगलवार को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्षी दल भाजपा के हंगामे की भेंट चढ़ गई. प्रश्नकाल शुरू होते ही आदिवासियों के साथ दुष्कर्म, हत्या और लचर विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए भाजपा के विधायक वेल में आ गये और स्पेशल चर्चा की मांग करने लगे. वेल में हंगामे के बीच स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने प्रश्काल चलाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बन पाई.

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भाकपा माले विधायक बिनोद सिंह का थानों में महिला दारोगा के रिक्त पद से जुड़ा प्रश्न लिया जा सका. लेकिन विपक्ष के शोरगुल में सरकार का जवाब जैसे खो गया. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने पहले 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही फिर भाजपा विधायक वेल में आ गये. हालांकि इस दौरान स्पीकर ने सदन को चलाने की पूरी कोशिश की. उन्होंने हंगामे के बीच शून्यकाल की सूचनाएं ली.

इस बीच विपक्ष का हंगामा होता रहा. भाजपा के विधायक वेल में बैठ गये. इसी दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वर्तमान वित्तीय वर्ष का 11,988 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट सभा पटल रखा. अनुपूरक बजट में सबसे ज्यादा ऊर्जा विभाग के लिए 7033 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा नगर विकास एवं आवास विभाग (नगर विकास प्रभाग) के लिए 927 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा ब्याज मद में 703 करोड़ , ऋण की वापसी मद में 415 करोड़, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मद में 587 करोड़, आपदा प्रबंधन प्रभाग के लिए 151 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 574 करोड़, कृषि विभाग के लिए 180 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

निजी विद्यालयों पर संकट- सरयू: इससे पहले ध्यानाकर्षण के तहत सरयू राय ने राज्य में संचालित करीब 40 हजार निजी विद्यालयों पर छाए संकट का हवाला देते हुए सरकार से राहत देने की मांग की. उन्होंने कहा कि शर्तों के मुताबिक मध्य विद्यालयों के लिए 0.75 एकड़ भूमि शहरी क्षेत्र में और 01 एकड़ भूमि ग्रामीण क्षेत्र में होना, प्राथमिक विद्यालयों के लिए 40 डिसमिल भूमि शहरी क्षेत्र के लिए और 60 डिसमिल ग्रामीण क्षेत्र के लिए होना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा विद्यालय के नाम से एक लाख सावधि जमा, निरीक्षण शुल्क के रूप में कक्षा 01 से 05 के लिए रु. 12,500 और कक्षा 8 के लिए 25 हजार रु. देने का प्रावधान है. मान्यता नहीं मिलने पर राशि जब्त हो जाएगी.

सरयू राय ने कहा कि अगर ऐसी शर्त नहीं हटेगी तो बड़े बड़े लोग ही स्कूल चला पाएंगे. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह शर्तें साल 2010 में ही लागू हुई थी. करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा विद्यालय इसके दायरे से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालय के लिए सीएनटी और एसपीटी की जमीन लेने के लिए लीज अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इस दौरान सीपी सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि नया मंत्री कहां से आ गये.

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तीन माह में जीपीएफ में लौटेगी राशि- रामेश्वर: जीपीएफ में जमा अंशदायी पेंशन योजना की राशि वापस नहीं किए जाने पर झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने ध्यानकर्षण के तहत सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि 22.12.2003 के पूर्व प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में नियुक्त कर्मियों के अंशदायी पेंशन योजना में जमा की गई राशि को संबधित कर्मी के जीपीएफ खाता में वापस करने के लिए केंद्र सरकार को 31 अगस्त 2023 तक प्राप्त आवेदन भेजा जाना है.

जवाब में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि तीन माह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. इस बीच विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष की सभा की कार्यवाही 1 अगस्त यानी मंगलवार को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

Last Updated : Jul 31, 2023, 7:38 PM IST
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