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तेजस्वी को CM उम्मीदवार मानने को तैयार नहीं कुशवाहा, बोले- बार-बार एक ही सवाल क्यों? - पटना की खबर

विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता बता रहे हैं तो कांग्रेस का भी कहना है कि नेता राष्‍ट्रीय जनता दल का ही होना चाहिए. पढ़ें, इस मुद्दे पर रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू...

upendra kushwaha on tejashwi face cm candidate in assembly polls
उपेंद्र कुशवाहा से खास बातचीत
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Published : Sep 4, 2020, 3:41 PM IST

पटनाः बिहार में महागठबंधन के नेता इस बात को बार-बार दोहराते रहे कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक है और कोई भी दल नाराज नहीं है. महागठबंधन में सब कुछ सही सलामत है. न चेहरे की चिंता करें, न समन्वय समिति बनने की. वक्त आने पर हम एक साथ मजबूत होकर चुनाव लड़ेंगे और अच्छे नतीजे आएंगे.

उपेंद्र कुशवाहा से खास बातचीत

इस बीच राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ईटीवी भारत को दिए अपने इंटरव्यू में कहा है कि 'बैठक में जिसके नाम पर सहमति होगी, वे स्वीकार कर लेंगे'. ऐसे में संदेश साफ है कि अभी तेजस्‍वी के नाम पर महागठबंधन में सहमति नहीं बनीं है. इन तमाम मुद्दों पर बिहार के ब्यूरो चीफ अमित भेलारी ने रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा से बात की...

  • सवालः क्या तैयारी चल रही है महागठबंधन में चुनाव को लेकर?
    जवाः जबरदस्त तैयारी चल रही है, जितनी पार्टी है पूरी मजबूती के साथ चुनाव में मैदान में जाने के लिए तैयार है. सबसे बड़ी बात ये है की जनता इस बार हम लोगों से आगे है. जिस तरीके से नीतीश कुमार जी ने बिहार को रसातल में पंहुचा दिया है. कोरोना के समय नीतीश कुमार और एक्सपोज्ड हो गए है. जनता ने नीतीश कुमार को हटाने का मन बना लिया है. महागठबंधन की सरकार आयेगी.
  • सवालः किन मुद्दों के साथ जनता के बीच जायेंगे और वोट मांगेगे?
    जवाबः हम लोगों का तो पुराना ही मुद्दा है, बिहार में पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिचाई, कारवाई और सुनवाई. इन्हीं मुद्दों के इर्द गिर्द नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ वादा किया. लेकिन नीतीश कुमार ने इसके लिए कुछ नहीं किया.
  • सवालः महागठबंधन में सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है, आप कितनी सीटों की उम्मीद कर रहे हैं?
    जवाबः सीटों की संख्या की जहां तक बात है, ये तो हमारे महागठबंधन की आपस की बात है. मीडिया में माध्यम से इन चीजों को नहीं डिस्कस करेंगे. कितने सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे, ये मुद्दा नहीं है. मुद्दा है, नीतीश कुमार और एनडीए को हराना.
  • सवालः क्या आपको नहीं लगता की समय आ गया है की सीटों पर बात शुरू होनी चाहिए महागठबंधन में?
    जवाबः हां ये बात सही है की जितनी जल्दी हो जाये उतना फ़ायदा है, लाभ है. विलंब हुआ है. आगे हम उम्मीद करते हैं कि सारी चीजें हो जायेंगी.
  • सवालः राजद के बड़े नेता से आप संपर्क करना चाहते हैं, लेकिन वो आपसे बात नहीं करना चाहते है?
    जवाबः पता नहीं कहां से ये सारी बातें आती हैं, आप लोगों के पास, मुझको नहीं मालूम. जो भी करना है, उसका प्रोसेस है और प्रोसेस चल रहा है. डायलॉग की बात जहां तक है, कोई परेशानी नहीं है. जब चाहे एक दूसरे से बातचीत होती है. कहीं कोई ऐसा नहीं है. कोई सच्चाई नहीं है इस बात में.
  • सवालः आपका संवाद किस से चल रहा है, तेजस्वी से, लालू जी से या फिर जगदा बाबू से?
    जवाबः सभी लोगों से बात हो रही अलग अलग स्तर पर, पार्टी के और लोग जो हैं उनसे भी हमारा डायलॉग चल रहा है. जहां जरूत होती है बात होती रहती है. सभी लोग संपर्क में हैं.
  • सवालः मांझी जी का महागठबंधन छोड़ना, आपके लिए नुक्सान देह है या फिर, एनडीए के लिए फायदेमंद?
    जवाबः महागठबंधन में रहना चाहिए था उनको, कोई भी व्यक्ति जाता है तो सवाभाविक रूप से उसका नुकसान होता है.
  • सवालः कितनी सीटे मिलेगी आपको महागठबंधन में?
    जवाबः इन चीजों को हम मीडिया के सामने नहीं कह सकते. जरूरत जहां है, वह बात हो रही है.
  • सवालः NDA में हलचल है, महागठबंधन सुस्त है?
    जवाबः बताये, यहां कुछ होगा तो आप लोग ही बोलेंगे की ये क्या हो रहा है, उनके यहां तो एक पार्टनर ऐसा है जो रोज कुछ न कुछ बोलता है, ऐसा कोई दिन नहीं गया की नीतीश कुमार के खिलाफ न बोलता हो.
  • सवालः चिराग पासवान अगर जुड़ना चाहते हैं तो क्या आप उनका स्वागत करेंगे?
    जवाबः हमलोग का महागठबंधन है और अभी इस तरह की बातों पर टिपण्णी करने का कोई मीनिंग नहीं है. पहले पता तो चले की क्या गड़बड़ है वहां पर.
  • सवालः क्या हुआ की आपने नीतीश कुमार को छोड़ दिया, एक समय आप लोगों की जोड़ी को लव कुश की जोड़ी माना जाता था?
    जवाबः बात तो बहुत परानी है, लेकिन जब आप पूछ रहे हैं तो मोटे तौर पर में बता दूं कि जो नीतीश कुमार का रवैया है वो जनता के बीच दिख रहा है, शुरुवाती दौर में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन थे उसी वक्त हमने महसूस किया था कि आगे यही हाल होने वाला है. उनको जनता के हीतों की चिंता नहीं कुर्सी की चिंता है. आज ये बात दिख रही है, लोग मरे तो मरे उनकी कुर्सी बची रहनी चाहिए.
  • सवालः महागठबंधन का नेता कौन होगा? मुख्यमंत्री कौन होगा?
    जवाबः देखिये, इस पर तो मैं बहुत बार अपनी बात कह चुका हूं, इसलिए रोज रोज एक ही बात को दोहराने की जरूरत नहीं है.
  • सवालः राजद मान के चल रही है की सरकार बनेगी तो मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही होंगे?
    जवाबः पुराना रिकॉड उठा के देख लीजिये, हमने कभी भी इससे इतर, टिपण्णी नहीं की है, और ये विषय एक बार नहीं हजारो बार मुझसे पूछा जा चूका है. बार बार हमने कहा है की नीतीश कुमार को हटाना है, एनडीए को हटाना है, महागठबंधन को सरकार में लाना है, जनता की यही प्राथमिकता है. और उपेन्द्र कुशवाहा इसके लिए काम कर रहा है.
  • सवालः तेजस्वी यादव को क्या आप महागठबंधन का नेता मानेंगे?
    जवाबः हमने कहा न की हजार बार इस सवाल का जवाब हम दे चुके हैं.
  • सवालः यानि की आप उनको नेता नहीं मानते?
    जवाबः ये तो आप बोल रहे है.
  • सवालः आप भी तो नहीं बोल रहे हैं?
    जवाबः रिकॉड देख लीजये, आपके ही स्टूडियो में पड़ा होगा, वो फाइल होगी. हमने एक बार नहीं अनेक बार इस विषय पर जवाब देते हुए, अपनी बात कह दी है. अब बार-बार एक ही बात को पूछने के पीछे, बुलवाने के पीछे, मुझको नहीं लगता है की कोई अर्थ है. हम सत्ता के पीछे कभी नहीं दौड़ते, हमने राज्य सभा छोड़ दिया, केंद्र में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

पटनाः बिहार में महागठबंधन के नेता इस बात को बार-बार दोहराते रहे कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक है और कोई भी दल नाराज नहीं है. महागठबंधन में सब कुछ सही सलामत है. न चेहरे की चिंता करें, न समन्वय समिति बनने की. वक्त आने पर हम एक साथ मजबूत होकर चुनाव लड़ेंगे और अच्छे नतीजे आएंगे.

उपेंद्र कुशवाहा से खास बातचीत

इस बीच राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ईटीवी भारत को दिए अपने इंटरव्यू में कहा है कि 'बैठक में जिसके नाम पर सहमति होगी, वे स्वीकार कर लेंगे'. ऐसे में संदेश साफ है कि अभी तेजस्‍वी के नाम पर महागठबंधन में सहमति नहीं बनीं है. इन तमाम मुद्दों पर बिहार के ब्यूरो चीफ अमित भेलारी ने रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा से बात की...

  • सवालः क्या तैयारी चल रही है महागठबंधन में चुनाव को लेकर?
    जवाः जबरदस्त तैयारी चल रही है, जितनी पार्टी है पूरी मजबूती के साथ चुनाव में मैदान में जाने के लिए तैयार है. सबसे बड़ी बात ये है की जनता इस बार हम लोगों से आगे है. जिस तरीके से नीतीश कुमार जी ने बिहार को रसातल में पंहुचा दिया है. कोरोना के समय नीतीश कुमार और एक्सपोज्ड हो गए है. जनता ने नीतीश कुमार को हटाने का मन बना लिया है. महागठबंधन की सरकार आयेगी.
  • सवालः किन मुद्दों के साथ जनता के बीच जायेंगे और वोट मांगेगे?
    जवाबः हम लोगों का तो पुराना ही मुद्दा है, बिहार में पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिचाई, कारवाई और सुनवाई. इन्हीं मुद्दों के इर्द गिर्द नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ वादा किया. लेकिन नीतीश कुमार ने इसके लिए कुछ नहीं किया.
  • सवालः महागठबंधन में सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है, आप कितनी सीटों की उम्मीद कर रहे हैं?
    जवाबः सीटों की संख्या की जहां तक बात है, ये तो हमारे महागठबंधन की आपस की बात है. मीडिया में माध्यम से इन चीजों को नहीं डिस्कस करेंगे. कितने सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे, ये मुद्दा नहीं है. मुद्दा है, नीतीश कुमार और एनडीए को हराना.
  • सवालः क्या आपको नहीं लगता की समय आ गया है की सीटों पर बात शुरू होनी चाहिए महागठबंधन में?
    जवाबः हां ये बात सही है की जितनी जल्दी हो जाये उतना फ़ायदा है, लाभ है. विलंब हुआ है. आगे हम उम्मीद करते हैं कि सारी चीजें हो जायेंगी.
  • सवालः राजद के बड़े नेता से आप संपर्क करना चाहते हैं, लेकिन वो आपसे बात नहीं करना चाहते है?
    जवाबः पता नहीं कहां से ये सारी बातें आती हैं, आप लोगों के पास, मुझको नहीं मालूम. जो भी करना है, उसका प्रोसेस है और प्रोसेस चल रहा है. डायलॉग की बात जहां तक है, कोई परेशानी नहीं है. जब चाहे एक दूसरे से बातचीत होती है. कहीं कोई ऐसा नहीं है. कोई सच्चाई नहीं है इस बात में.
  • सवालः आपका संवाद किस से चल रहा है, तेजस्वी से, लालू जी से या फिर जगदा बाबू से?
    जवाबः सभी लोगों से बात हो रही अलग अलग स्तर पर, पार्टी के और लोग जो हैं उनसे भी हमारा डायलॉग चल रहा है. जहां जरूत होती है बात होती रहती है. सभी लोग संपर्क में हैं.
  • सवालः मांझी जी का महागठबंधन छोड़ना, आपके लिए नुक्सान देह है या फिर, एनडीए के लिए फायदेमंद?
    जवाबः महागठबंधन में रहना चाहिए था उनको, कोई भी व्यक्ति जाता है तो सवाभाविक रूप से उसका नुकसान होता है.
  • सवालः कितनी सीटे मिलेगी आपको महागठबंधन में?
    जवाबः इन चीजों को हम मीडिया के सामने नहीं कह सकते. जरूरत जहां है, वह बात हो रही है.
  • सवालः NDA में हलचल है, महागठबंधन सुस्त है?
    जवाबः बताये, यहां कुछ होगा तो आप लोग ही बोलेंगे की ये क्या हो रहा है, उनके यहां तो एक पार्टनर ऐसा है जो रोज कुछ न कुछ बोलता है, ऐसा कोई दिन नहीं गया की नीतीश कुमार के खिलाफ न बोलता हो.
  • सवालः चिराग पासवान अगर जुड़ना चाहते हैं तो क्या आप उनका स्वागत करेंगे?
    जवाबः हमलोग का महागठबंधन है और अभी इस तरह की बातों पर टिपण्णी करने का कोई मीनिंग नहीं है. पहले पता तो चले की क्या गड़बड़ है वहां पर.
  • सवालः क्या हुआ की आपने नीतीश कुमार को छोड़ दिया, एक समय आप लोगों की जोड़ी को लव कुश की जोड़ी माना जाता था?
    जवाबः बात तो बहुत परानी है, लेकिन जब आप पूछ रहे हैं तो मोटे तौर पर में बता दूं कि जो नीतीश कुमार का रवैया है वो जनता के बीच दिख रहा है, शुरुवाती दौर में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन थे उसी वक्त हमने महसूस किया था कि आगे यही हाल होने वाला है. उनको जनता के हीतों की चिंता नहीं कुर्सी की चिंता है. आज ये बात दिख रही है, लोग मरे तो मरे उनकी कुर्सी बची रहनी चाहिए.
  • सवालः महागठबंधन का नेता कौन होगा? मुख्यमंत्री कौन होगा?
    जवाबः देखिये, इस पर तो मैं बहुत बार अपनी बात कह चुका हूं, इसलिए रोज रोज एक ही बात को दोहराने की जरूरत नहीं है.
  • सवालः राजद मान के चल रही है की सरकार बनेगी तो मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही होंगे?
    जवाबः पुराना रिकॉड उठा के देख लीजिये, हमने कभी भी इससे इतर, टिपण्णी नहीं की है, और ये विषय एक बार नहीं हजारो बार मुझसे पूछा जा चूका है. बार बार हमने कहा है की नीतीश कुमार को हटाना है, एनडीए को हटाना है, महागठबंधन को सरकार में लाना है, जनता की यही प्राथमिकता है. और उपेन्द्र कुशवाहा इसके लिए काम कर रहा है.
  • सवालः तेजस्वी यादव को क्या आप महागठबंधन का नेता मानेंगे?
    जवाबः हमने कहा न की हजार बार इस सवाल का जवाब हम दे चुके हैं.
  • सवालः यानि की आप उनको नेता नहीं मानते?
    जवाबः ये तो आप बोल रहे है.
  • सवालः आप भी तो नहीं बोल रहे हैं?
    जवाबः रिकॉड देख लीजये, आपके ही स्टूडियो में पड़ा होगा, वो फाइल होगी. हमने एक बार नहीं अनेक बार इस विषय पर जवाब देते हुए, अपनी बात कह दी है. अब बार-बार एक ही बात को पूछने के पीछे, बुलवाने के पीछे, मुझको नहीं लगता है की कोई अर्थ है. हम सत्ता के पीछे कभी नहीं दौड़ते, हमने राज्य सभा छोड़ दिया, केंद्र में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
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