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झारखंड की शरण ले रहे यूपी के अपराधी, इनकाउंटर से हैं खौफजदा - यूपी पुलिस के एनकाउंटर से डरे अपराधी

यूपी में लगातार हो रहे अपराधियों के एनकाउंटर के बाद यूपी के शातिर अपराधी झारखंड में पनाह ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस की अपरधियों के खिलाफ सख्त रवैये से अपराधियों में दहशत है.

UP criminals taking refuge in Jharkhand
अपराधी रवि पटेल
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Published : Feb 23, 2021, 10:25 AM IST

रांचीः उत्तर प्रदेश पुलिस की अपरधियो के खिलाफ सख्त रवैये से अपराधियों में दहशत है. यूपी में लगातार हो रहे अपराधियों के एनकाउंटर के बाद यूपी के शातिर अपराधी अब झारखंड में पनाह ले रहे हैं. रांची पुलिस के हत्थे चढ़ा बनारस का कुख्यात अपराधी रवि पटेल भी इनकाउंटर के डर से भागकर रांची आ गया. उसे पुलिस की योजना की जानकारी मिली थी, इसलिए उसने बनारस छोड़ दिया. पकड़े जाने के बाद उसने रांची पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि योगी सरकार में अपराधियों के एनकाउंटर से दहशत का माहौल है.

इसे भी पढ़ें- बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा की जमानत याचिका खारिज, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप


कस्टम अधिकारी की हत्या कर हुआ था फरार
साल 2009 में बनारस एक सीनियर कस्टम अधिकारी नंदेश्वर राय की हत्या में रवि पटेल मुख्य आरोपी था. उसने झारखंड के धनबाद में भी कपड़ा कारोबारी बिहारी लाल चौधरी की हत्या की थी. बनारस में रवि पटेल के ऊपर 12 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से हत्या और रंगदारी के कई मामले है.

हाल के दिनों में यूपी पुलिस ने जो मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट बनाई थी, उसमें रवि पटेल का भी नाम शामिल था. जब रवि पटेल को लगा उसका भी एनकाउंटर हो सकता है तो उसने अपना ठिकाना झारखंड को बना लिया. रवि से हुई पूछताछ में रांची पुलिस को यह भी बताया है कि उसे रांची में एक हत्या के लिए सुपारी भी मिली थी, हत्या किसकी करनी है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई थी और उससे पहले ही वह पकड़ा गया.

यूपी से हथियार लाकर झारखंड में करता था सप्लाई
कुख्यात अपराधी रवि पटेल रांची के खेलगांव इलाके रहकर हथियारों की तस्करी कर रहा था. वह गाजीपुर से हथियार खरीदकर रांची लाता था. इसके बाद उसे धनबाद के अपराधी तारक नारायण सिंह उर्फ राहुल को देता था. राहुल हथियार की बिक्री करने के बाद मुनाफा का पैसे रवि को भी देता था. धनबाद के व्यवसायी बिहारी लाल चौधरी की हत्या के मामले में राहुल जेल में बंद था. उसी साल रवि पटेल को भी धनबाद जेल में ट्रांसफर किया गया था.

जेल से छूटने के बाद 2015 में वह कुछ दिन धनबाद में ही रहा, इसके बाद वह बनारस वापस लौट गया, इसी दौरान जेल से छूटने के बाद राहुल ने उससे संपर्क किया. हथियार सप्लाई करने का उसने उसे प्रस्ताव दिया, लॉकडाउन के दौरान राहुल ने पटेल की मदद भी की. जब बनारस में पुलिस की दबिश बढ़ी तो रवि ने राहुल से बात कर राजधानी रांची में ही अपना ठिकाना बना लिया.

इसे भी पढ़ें- रांचीः जख्मी राजस्व कर्मचारी इलाज के दौरान मौत, अपराधियों ने मारी थी गोली

रिमांड में पर लेगी पुलिस
रवि पटेल रांची के खेलगांव इलाके में देव कुमार पप्पू नाम के व्यक्ति के घर किराए पर रह रहा था. पुलिस ने रवि पटेल के साथ उसके मकान मालिक को भी हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. रांची पुलिस को अंदेशा है कि रवि बड़े पैमाने पर झारखंड में हथियार की तस्करी करवा रहा था, रवि से पूछताछ करने के लिए रांची पुलिस रिमांड पर भी लेगी.

रांचीः उत्तर प्रदेश पुलिस की अपरधियो के खिलाफ सख्त रवैये से अपराधियों में दहशत है. यूपी में लगातार हो रहे अपराधियों के एनकाउंटर के बाद यूपी के शातिर अपराधी अब झारखंड में पनाह ले रहे हैं. रांची पुलिस के हत्थे चढ़ा बनारस का कुख्यात अपराधी रवि पटेल भी इनकाउंटर के डर से भागकर रांची आ गया. उसे पुलिस की योजना की जानकारी मिली थी, इसलिए उसने बनारस छोड़ दिया. पकड़े जाने के बाद उसने रांची पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि योगी सरकार में अपराधियों के एनकाउंटर से दहशत का माहौल है.

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कस्टम अधिकारी की हत्या कर हुआ था फरार
साल 2009 में बनारस एक सीनियर कस्टम अधिकारी नंदेश्वर राय की हत्या में रवि पटेल मुख्य आरोपी था. उसने झारखंड के धनबाद में भी कपड़ा कारोबारी बिहारी लाल चौधरी की हत्या की थी. बनारस में रवि पटेल के ऊपर 12 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से हत्या और रंगदारी के कई मामले है.

हाल के दिनों में यूपी पुलिस ने जो मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट बनाई थी, उसमें रवि पटेल का भी नाम शामिल था. जब रवि पटेल को लगा उसका भी एनकाउंटर हो सकता है तो उसने अपना ठिकाना झारखंड को बना लिया. रवि से हुई पूछताछ में रांची पुलिस को यह भी बताया है कि उसे रांची में एक हत्या के लिए सुपारी भी मिली थी, हत्या किसकी करनी है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई थी और उससे पहले ही वह पकड़ा गया.

यूपी से हथियार लाकर झारखंड में करता था सप्लाई
कुख्यात अपराधी रवि पटेल रांची के खेलगांव इलाके रहकर हथियारों की तस्करी कर रहा था. वह गाजीपुर से हथियार खरीदकर रांची लाता था. इसके बाद उसे धनबाद के अपराधी तारक नारायण सिंह उर्फ राहुल को देता था. राहुल हथियार की बिक्री करने के बाद मुनाफा का पैसे रवि को भी देता था. धनबाद के व्यवसायी बिहारी लाल चौधरी की हत्या के मामले में राहुल जेल में बंद था. उसी साल रवि पटेल को भी धनबाद जेल में ट्रांसफर किया गया था.

जेल से छूटने के बाद 2015 में वह कुछ दिन धनबाद में ही रहा, इसके बाद वह बनारस वापस लौट गया, इसी दौरान जेल से छूटने के बाद राहुल ने उससे संपर्क किया. हथियार सप्लाई करने का उसने उसे प्रस्ताव दिया, लॉकडाउन के दौरान राहुल ने पटेल की मदद भी की. जब बनारस में पुलिस की दबिश बढ़ी तो रवि ने राहुल से बात कर राजधानी रांची में ही अपना ठिकाना बना लिया.

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रिमांड में पर लेगी पुलिस
रवि पटेल रांची के खेलगांव इलाके में देव कुमार पप्पू नाम के व्यक्ति के घर किराए पर रह रहा था. पुलिस ने रवि पटेल के साथ उसके मकान मालिक को भी हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. रांची पुलिस को अंदेशा है कि रवि बड़े पैमाने पर झारखंड में हथियार की तस्करी करवा रहा था, रवि से पूछताछ करने के लिए रांची पुलिस रिमांड पर भी लेगी.

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