रांचीः केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Union Minister of State for Education Annapurna Devi) की अध्यक्षता में केंद्र प्रायोजित योजना और नई शिक्षा नीति को मोरहाबादी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक आयोजित की गई. इस दौरान राज्य की लचर शिक्षा व्यवस्था से नाराज अन्नपूर्णा देवी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई. बैठक में राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे.
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समीक्षा बैठक में फ्लैगशिप स्कीम के तहत पीएम रोशन स्कीम, समग्र शिक्षा, एनएमएमएस स्कॉलरशिप और नई शिक्षा नीति पर चर्चा की गई. बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राज्य में पीएम श्री स्कूल 14 हजार विद्यालय खुलने थे. इसको लेकर राज्य को केंद्र के साथ एमओयू करना है. लेकिन राज्य सरकार एमओयू नहीं किया गया है. सरकार की प्रतिबद्धता क्या है यह समझ में नहीं आता है. अच्छी चीज लेने में भी परेशानी हो रही है. हर एक नियुक्ति में कोर्ट में जाना राज्य का दुर्भाग्य है. इसीलिए यह राज्य बहुत पीछे है. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 90 ह जार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है. स्कूलों में वैकेंसी है. लेकिन सरकार की इच्छशक्ति में कमी होने की वजह से नियुक्ति नहीं की जा रही है. केंद्र की ओर से स्मार्ट लैब के लिए फंड दे रही है. लेकिन काम पूरा नहीं हो रहा है.
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि सस्ती लोकप्रियता और भावनाये भुनाने के लिए नीतियां ऐसी बनाई जा रही हैं, जो संवैधानिक समीक्षा के दौरान खारिज हो जाएगी. अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पीएम श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत देश में 14500 से ज्यादा विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करते हुए आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाना है. झारखण्ड सरकार पहल करती तो राज्य के प्रत्येक प्रखंड में कम से कम दो-तीन विद्यालय विकसित हो जाएंगे. लेकिन झारखंड देश के इक्के-दुक्के राज्यों में शामिल है, जिसने अबतक भारत सरकार के साथ एमओयू नहीं किया है. राज्य के बच्चों को बेहतर शिक्षा से वंचित किया जा रहा है.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बैठक के दौरान राज्य के कस्तूरबा विद्यालयों की व्यवस्था पर असंतोष जताया और कहा कि इन विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारी सभी महिला कार्यरत है. यह व्यवस्था सुनिश्चित करें. उन्होंने पिछले दिनों राज्य के कुछ कस्तूरबा विद्यालयों में हुई अप्रिय घटनाओं का हवाला दिया और कहा कि राज्य के अधिकांश विद्यालयों में चारदीवारी भी नहीं है. उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों में वोकेशनल शिक्षा का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया.