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रांची में 43 लावारिस शवों का किया गया अंतिम संस्कार, महीनों से था मुक्ति का इंतजार

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Published : Jan 23, 2023, 7:38 AM IST

रांची में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार रविवार को किया गया. एक निजी संस्था द्वारा 43 शवों का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान और विधि विधान के साथ कराया गया. महीनों इंतजार के बाद रिम्स के मुर्दाघर में पड़े इन शवों को जुमार नदी के घाट पर उन्हें मुक्ति दी गयी.

Unclaimed dead bodies last rites in Ranchi
रांची में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार

रांची: कहते हैं मौत के बाद मुक्ति तभी मिलती है जब उसके शवों का अंतिम संस्कार नियम पूर्वक कराया जाए. अंतिम संस्कार की विधि मरने वाले के परिजन के द्वारा किया जाता है. अपने अपने संस्कृति और धर्म के अनुसार लोग अपने ईश्वर को याद कर मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं. लेकिन ऐसे भी कई हैं जिन्हें मरने के बाद भी मुक्ति नहीं मिलती. रिम्स में पड़े लावारिस शवों का हाल कुछ ऐसा ही है, पर निजी संस्था द्वारा प्रशासन की मदद से इनका विधिवत अंतिम संस्कार किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- रांची में 31 लावारिस शवों का किया गया अंतिम संस्कार

रविवार को संस्था के सदस्य रिम्स के मोर्चरी हाउस से लावारिस शवों को ट्रैक्टर पर लाद कर जुमार नदी के घाट ले गए. जिसमें कई शवों की स्थिति काफी खराब थी क्योंकि वह पिछले 3 महीने से पहचान के इंतजार में पड़े हुए थे. संस्था द्वारा 43 शवों का अंतिम संस्कार सामूहिक रूप से किया गया. संस्था के सदस्यों ने दाह संस्कार से पूर्व ईश्वर मृत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की, उसके बाद सभी शवों को मुखाग्नि दी गई.

इन लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए संस्था कई दिनों से प्रयास कर रही थी. रिम्स के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा था, साथ ही नगर निगम के तरफ से भी लकड़ी एवं अन्य संसाधन मुहैया कराने की प्रक्रिया के लिए बातचीत की जा रही थी. संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा पिछले 5 साल से लावारिस शवों की अंत्येष्टि की जा रही है. उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा किए जा रहे इस पवित्र और नेक कार्य में शहर के अन्य नामचीन व्यवसायी भी उनका समर्थन दे रहे हैं.

संस्था ने अब तक 1492 लावारिस शवों को दिलाई मुक्तिः रांची में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम की तरफ से संस्था की बेहतर पहल को देखते हुए लकड़ी मुहैया करा दी जाती है ताकि शवों को जलाने में किसी तरह की समस्या ना हो. रविवार को 43 शवों का अंतिम संस्कार करने के बाद इस संस्था के द्वारा अब तक कुल 1492 शवों का अंत्येष्टि करायी जा चुकी है. रविवार देर शाम तक 43 शवों का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार कराया गया. साथ ही अंतिम संस्कार के बाद सदस्य के सभी लोगों ने ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

कौन-कौन रहे उपस्थितः इस मौके पर संस्था की तरफ से अध्यक्ष प्रवीण लोहिया के साथ साथ रवि अग्रवाल, आशीष भाटिया, राहुल चौधरी, आरके गांधी, गौरी शंकर शर्मा, शिवशंकर शर्मा, सुमित अग्रवाल, हरीश नागपाल, केवल किशोर, संदीप पपनेजा, पंकज खिरवाल, संदीप कुमार, सुनील अग्रवाल, आदित्य राजगढ़िया, राजेश विजयवर्गीय, राहुल चौधरी, अमित अग्रवाल, नीरज खेतान, राहुल जायसवाल, नवीन गाड़ोदिया, नरेश प्रसाद, मनोज पाठक मौजूद रहे.

रांची: कहते हैं मौत के बाद मुक्ति तभी मिलती है जब उसके शवों का अंतिम संस्कार नियम पूर्वक कराया जाए. अंतिम संस्कार की विधि मरने वाले के परिजन के द्वारा किया जाता है. अपने अपने संस्कृति और धर्म के अनुसार लोग अपने ईश्वर को याद कर मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं. लेकिन ऐसे भी कई हैं जिन्हें मरने के बाद भी मुक्ति नहीं मिलती. रिम्स में पड़े लावारिस शवों का हाल कुछ ऐसा ही है, पर निजी संस्था द्वारा प्रशासन की मदद से इनका विधिवत अंतिम संस्कार किया जाता है.

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रविवार को संस्था के सदस्य रिम्स के मोर्चरी हाउस से लावारिस शवों को ट्रैक्टर पर लाद कर जुमार नदी के घाट ले गए. जिसमें कई शवों की स्थिति काफी खराब थी क्योंकि वह पिछले 3 महीने से पहचान के इंतजार में पड़े हुए थे. संस्था द्वारा 43 शवों का अंतिम संस्कार सामूहिक रूप से किया गया. संस्था के सदस्यों ने दाह संस्कार से पूर्व ईश्वर मृत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की, उसके बाद सभी शवों को मुखाग्नि दी गई.

इन लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए संस्था कई दिनों से प्रयास कर रही थी. रिम्स के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा था, साथ ही नगर निगम के तरफ से भी लकड़ी एवं अन्य संसाधन मुहैया कराने की प्रक्रिया के लिए बातचीत की जा रही थी. संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा पिछले 5 साल से लावारिस शवों की अंत्येष्टि की जा रही है. उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा किए जा रहे इस पवित्र और नेक कार्य में शहर के अन्य नामचीन व्यवसायी भी उनका समर्थन दे रहे हैं.

संस्था ने अब तक 1492 लावारिस शवों को दिलाई मुक्तिः रांची में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम की तरफ से संस्था की बेहतर पहल को देखते हुए लकड़ी मुहैया करा दी जाती है ताकि शवों को जलाने में किसी तरह की समस्या ना हो. रविवार को 43 शवों का अंतिम संस्कार करने के बाद इस संस्था के द्वारा अब तक कुल 1492 शवों का अंत्येष्टि करायी जा चुकी है. रविवार देर शाम तक 43 शवों का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार कराया गया. साथ ही अंतिम संस्कार के बाद सदस्य के सभी लोगों ने ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

कौन-कौन रहे उपस्थितः इस मौके पर संस्था की तरफ से अध्यक्ष प्रवीण लोहिया के साथ साथ रवि अग्रवाल, आशीष भाटिया, राहुल चौधरी, आरके गांधी, गौरी शंकर शर्मा, शिवशंकर शर्मा, सुमित अग्रवाल, हरीश नागपाल, केवल किशोर, संदीप पपनेजा, पंकज खिरवाल, संदीप कुमार, सुनील अग्रवाल, आदित्य राजगढ़िया, राजेश विजयवर्गीय, राहुल चौधरी, अमित अग्रवाल, नीरज खेतान, राहुल जायसवाल, नवीन गाड़ोदिया, नरेश प्रसाद, मनोज पाठक मौजूद रहे.

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