रांची: कांके चौक के नामकरण को लेकर रविवार की शाम बवाल हो गया. बवाल इतना बढ़ गया कि पहले कांग्रेस नेता को पीटकर घायल कर दिया गया, जबकि बीजेपी कार्यकर्ता के टिंबर और घर में आग लगा दी गई. इसके बाद लगातार रात के करीब दस बजे तक उपद्रव होता रहा. भीड़ ने पहले थाना घेरा, फिर सड़क जाम कर हंगामा करने लगे.
इस बीच रात के करीब 11 बजे पुलिस ने लाठीचार्ज की. लाठीचार्ज से भीड़ तितर-बितर हुई. इस दौरान आधा दर्जन से अधिक महिलाओं को चोट भी लगी. इस बीच कांके चौक, न्यू मार्केट और आसपास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. इधर, आगजनी के बाद आठ दमकल वाहन मौके पर पहुंची. पूरी रात दमकलकर्मी आग बुझाने में लगे रहे. आगलगी में बीजेपी कार्यकर्ता का परिवार और बच्चा बाल-बाल बच गया. हंगामा बढ़ता देख वहां ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग पहुंचे थे. पहले से डीएसपी वन नीरज कुमार मौजूद थे. मौके पर सांसद संजय सेठ, विधायक समरीलाल सहित अन्य भी पहुंचे थे. देर रात तक पुलिस के अधिकारी वहीं कैंप करते रहे. घटना के बाद धड़ाधड़ न्यू मार्केट और कांके चौक की दुकानें बंद हो चुकी थी.
ये है विवाद का कारण
जानकारी के अनुसार कांके चौक पर स्व. लक्ष्मण की प्रतिमा लगी है. इस पर चौक का नामकरण स्व. लक्ष्मण चौक किया गया जबकि दूसरे पक्ष के लोग वहां जय श्री राम के नाम से चौक का नामकरण चाहते हैं. वहां प्रतिमा को हटाकर मुरारी यादव की प्रतिमा लगाने की तैयारी थी. इसे लेकर बीते दो जनवरी से ही विवाद की स्थिति बनी है. रविवार की शाम करीब पांच बजे कदमा निवासी संदीप महतो और कांके चौक निवासी आशीष सिंह और गोलू सिंह के बीच चौक के नामकरण को लेकर झगड़ा हो गया.
दोनों पक्ष कांके थाना पहुंचे. इसके बाद कांके थानेदार विनय सिंह दोनों पक्षों के साथ कांके चौक पहुंचे. वहां कांके थानेदार की मौजूदगी में स्व. लक्ष्मण महतो नामकरण पक्ष के लोगों और श्री राम नामकरण पक्ष के लोगों के बीच मारपीट हो गई. बीच बचाव में आए कांग्रेस नेता मदन महतो पर थानेदार के सामने फरसा और तलवार से हमला कर दिया गया. इससे वे जख्मी हो गए. आनन-फानन में पुलिस ने उन्हें कांके जेनरल हॉस्पीटल भेजा, वहां से मेडिका रेफर कर दिया गया.
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हमला की सूचना पर पहुंची भीड़, हंगामे के बीच लगाई आग
इस हमले की सूचना पर मदन के गांव कदमा से सैकड़ों की भीड़ कांके चौक पहुंच गई. लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस बीच कुछ लोग बीजेपी कार्यकर्ता आशीष के टिंबर पहुंचे और आग लगा दी. आग तेजी से फैला और घर को भी चपेट में ले लिया. इसकी सूचना पर अग्निशमन विभाग की दमकल पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिश की. तब तक आग भयावह रूप ले चुका था. दमकलकर्मियों ने पहले आशीष के घर लगी आग पर काबू पाया, हालांकि टिंबर में रखी लकडिय़ों में पूरी रात आग धधकती रही. एक के बाद एक लगातार आठ दमकल मौके पर पहुंची थी.
हावी रही भीड़, पुलिस बैकफुट पर
कांके थाने की पुलिस पर भीड़ हावी रही. मदन महतो से मारपीट के बाद भीड़ उग्र होती गई. पुलिस के सामने ही आग लगा दी गई. इसके बाद सैकड़ों की भीड़ ने थाना का घेराव कर दिया. थाने का घेराव कर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. कुछ देर के बाद कांके चौक गए वहां महिलाएं सड़क पर बैठ गई. इससे घंटो सड़क जाम रहा. पुलिस समझा-बुझाकर उन्हें हटाने का प्रयास करती रही. भीड़ को बेकाबू देख पुलिस ने लाठीचार्ज की. इसके बाद रात के दस बजे पूरी तरह भीड़ हटी.
दोनों पक्षों का अलग-अलग आरोप
दोनों पक्ष एक दूसरे पर अलग-अलग आरोप लगाते रहे. घायल हुए कांग्रेस नेता मदन महतो पक्ष के लोगों का आरोप है कि लक्ष्मण महतो चौक में स्व. लक्ष्मण महतो की मूर्ति है. जहां तोड़-फोड़ की जा रही थी. जिसे मदन महतो ने रोका. इस पर मदन पर फरसा से हमला कर घायल कर दिया गया. वहां फायरिंग भी की गई. हमला करने वालों में आशीष सिंह, गोलू सिंह, विवेक सिंह, चंकी यादव, ऋतिक यादव, सुखदा, अरुण मंडल, सुबोध, कृष्णा, राजा सहित अन्य शामिल हैं. इसे लेकर अमित कुमार ने थाने में आवेदन दिया है, जबकि बीजेपी कार्यकर्ता आशीष सिंह का आरोप है कि मदन महतो, अशोक महतो, अजय से 100 से 150 की भीड़ ने उनके घर आगजनी की. उपरोक्त लोग अक्सर रंगदारी, मारपीट और छिनतई करते है. मामले में दोनों पक्षों की ओर से थाने में आवेदन दिया है.