रांचीः विश्व आदिवासी दिवस को भव्य बनाने में राज्य सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. राजधानी रांची में जगह-जगह बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं. वहीं दूसरी ओर विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर पारंपरिक वेशभूषा में 32 जनजातीय वाद्य यंत्रों के साथ रीझ रंग रसिका रैली निकाली जाएगी, जिसमें मांदर की थाप पर लोग थिरकते हुए नजर आएंगे.
महोत्सव के पहले दिन यानी आज (09 अगस्त) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोपहर 1 बजे इसका उद्घाटन करेंगे. मुख्य अतिथि के रूप में इस दौरान राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष और सांसद शिबू सोरेन मौजूद रहेंगे. आगंतुक अतिथियों का स्वागत नगाड़ा समूह दल के 50 कलाकारों के द्वारा नगाड़ा की प्रस्तुति के साथ होगी. इसके अलावा पाइका नृत्य समूह के द्वारा भी मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा.
बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित होने वाले आदिवासी महोत्सव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोपहर 2 बजे संबोधित करेंगे. उद्घाटन सत्र के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा. जिसमें झारखंड की स्वर कोकिला कहाने वाली मोनिका मुंडू अपनी जादुई आवाज से मंत्रमुग्ध करेंगी. मोनिका मुंडू नागपुरी संगीत की दुनिया में जाना पहचाना चेहरा हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश से आए समूह द्वारा कोम्मू कोया नृत्य प्रस्तुति, ओडिशा से आए परोजा नृत्य, गरासिया आदिवासी समुदाय द्वारा राजस्थानी वालार नृत्य, केरल के आदिवासी समुदाय द्वारा पालियन नृत्य, तपन पटनायक और उनके समूह द्वारा सरायकेला छऊ नृत्य, राजेश बड़ाईक द्वारा मांदर वादन, पद्मश्री मुकुंद लाल नायक द्वारा नागपुरी लोक नृत्य, इसके अलावा छत्तीसगढ़ से आए बस्तर बैंड की प्रस्तुति होगी. वहीं वर्षा लकड़ा द्वारा नागपुरी नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी.
दूसरे दिन भी बिखरेगी आदिवासी संस्कृति की छटाः दूसरे दिन यानी 10 अगस्त को 11 बजे से महोत्सव की शुरुआत उरांव आदिवासी समुदाय का लोक नृत्य से होगी. जिसके बाद पाइका नृत्य, गोंड आदिवासी समुदाय का किहो नृत्य, कर्नाटक के आदिवासी समुदाय द्वारा दामिनी लोक नृत्य, लखन गुड़िया का मुंडारी गायन वादन, पद्मश्री मधु मंसूरी की गायन प्रस्तुति, रमेश्वर मिंज द्वारा बांसुरी वादन होगा. दोपहर 2 बजे अरुणाचल प्रदेश के निशि आदिवासी समुदाय द्वारा रेखम पड़ा नृत्य, असम के हाजोंग आदिवासी समुदाय आदिवासी द्वारा लेवा टाना नृत्य, असम के दिओरीआदिवासी समुदाय का बिहु नृत्य के अलावे झारखंड रंगारंग महोत्सव स्थानीय आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाएगा. इसके अलावे गुजरात के अफ्रीकन आदिवासी समुदाय द्वारा सिद्धि धमाल नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा.
समापन समारोह को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संबोधित करेंगे जिसमें सुश्री एंजेल मरीना तिर्की और आदिवासियत- एक जीवन शैली विषय पर आउटलुक इंडिया के संपादक के साथ परिचर्चा आयोजित की जाएगी. नंदलाल नायक की प्रस्तुति और ड्रोन, लेजर एवं फायर शो के माध्यम से झारखंड की सभ्यता और संस्कृति को दर्शाते हुए इस महोत्सव का समापन होगा.
जनजातीय विषय पर होगा राष्ट्रीय सेमिनारः इस महोत्सव में आदिवासी सभ्यता और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. समारोह के समापन में लेजर शो के तहत झारखंड के इतिहास और संस्कृति को दर्शाया जाएगा. इसके अलावा इस मौके पर ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी टीआरआई के द्वारा सेमिनार, पैनल डिस्कशन, ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल पेंटिंग प्रदर्शनी के अलावे पैनल डिस्कशन में जनजातीय भाषा, चुनौती और उपयोगिता जैसे विषय पर विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे. जानकारी के मुताबिक इस मौके पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सेमिनार में जनजातीय भाषा, जनजातियों के इतिहास, जनजातियों की आर्थिक स्थिति और जनजातियों के भविष्य और इतिहास को दर्शन कराती विषयों पर चर्चा होगी. जिसमें रामचंद्र उरांव, प्रतिमा एक्का, भूपेश कुमार, अलका अरोड़ा, संदेश कुमार, प्रभाकर तिर्की, पिनाकी घोष, डॉक्टर सत्यम, अरुणा तिर्की, कपिल टोप्पो, प्रवीण एक्का का व्याख्यान होगा. जनजातीय फिल्म महोत्सव में करीब एक दर्जन जनजातीय फिल्में प्रदर्शित की जाएगी. दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश, असम, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान के जनजातीय समुदाय के कई कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत नागपुरी, छऊ, डोमकच, पाइका समेत अन्य नृत्य की प्रस्तुति होगी.