रांची: धुर्वा थाना क्षेत्र के रहने वाले सूरज बैठा ने सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच में इसी साल जून महीने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था कि साइबर अपराधियों ने क्रेडिट कार्ड के नाम पर उनके विभिन्न खातों से 4.21 लाख की ठगी कर ली थी. दरअसल, साइबर अपराधियों ने गूगल पर आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई का फर्जी कस्टमर केयर नंबर डाल रखा था. क्रेडिट कार्ड को लेकर आई समस्या को सुलझाने के लिए सुरेंद्र ने गूगल के जरिए ही कस्टमर केयर का नंबर खोजा और उसे पर कॉल कर दिया यहीं से साइबर अपराधियों ने सुरेंद्र को फंसा लिया और उनके खाते को हैक कर लाखों की निकासी कर ली.
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देवघर से हुई निकासी: सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ठगी के मामले की तफ्तीश में जुटी तो उन्हें जानकारी मिली कि जो पैसे सुरेंद्र से ठगे गए थे, उनकी निकासी झारखंड के देवघर जिले से हुई है. मनी ट्रेल का पीछा करते हुए सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच की टीम देवघर पहुंची और वहां से उन्होंने ठगी में शामिल साइबर अपराधी शदान अख्तर और राकेश कुमार को धर दबोचा.
साइबर क्राइम ब्रांच के पूछताछ में दोनों साइबर अपराधियों ने अपना अपराध भी कबूल किया है. दोनों अपराधियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने दर्जनों लोगों से साइबर ठगी की है. साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा क्रेडिट कार्ड से संबंधित ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है. साथ ही कुछ गाइडलाइंस भी जारी किए हैं, जिस पर अमल करने से आप इस तरह के ठगी से बच सकते हैं.
किसी भी अज्ञात नंबर से कॉल आने पर आप अपनी कोई भी निजी जानकारी उससे साझा न करें: इंटरनेट सर्च इंजन गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए गए कस्टमर केयर, हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही संपर्क करें. किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम विवर, रस डेस्क जैसे एप्लीकेशन अपने मोबाइल में इंस्टॉल ना करें. इन्हीं एप्लीकेशन के माध्यम से साइबर अपराधी आपके फोन को रिमोट एक्सेस के जरिए हैक कर लेते हैं और उसी से फिर ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं. साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें.