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रांची में दो साइबर अपराधी गिरफ्तार, ग्रामीणों के एटीएम बदल खाली कर देते थे उनके खाते

रांची में पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से भारी मात्रा में एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं.गिरोह के साइबर अपराधियों के निशाने पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले भोले-भाले लोग होते थे.

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साइबर अपराधी गिरफ्तार
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Published : Nov 8, 2020, 4:46 PM IST

रांची: पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो भोले-भाले ग्रामीणों को अपना शिकार बनाते थे. इस गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने धर दबोचा है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से भारी मात्रा में एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं.

देखें पूरी खबर



कैसे करते थे ठगी
इस गिरोह के साइबर अपराधियों के निशाने पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले भोले-भाले लोग होते थे. ग्रामीण इलाके में रहने वाले अभी भी एटीएम का प्रयोग सही तरीके से नहीं कर पाते हैं, जिसका फायदा यह अपराधी उठाते थे. इन अपराधियों का गिरोह पहले से ही एटीएम के बाहर खड़ा रहा करता था. जैसे ही कोई ग्रामीण पैसे निकालने के लिए एटीएम में जाता, यह उसकी सहायता के लिए उनके पास जाते थे और उनके एटीएम से पैसा निकाल उन्हें दे देते थे. उसी दौरान यह अपराधी पॉकेट में रखे हुए अपना एटीएम ग्रामीणों को दे देते और उनका एटीएम अपने पास रख लेते थे. जिस समय वे पैसे निकालते उस दौरान ग्रामीण अपना पिन भी बताते थे और वे उसे भी याद कर लिया करते थे. जैसे ही ग्रामीण बदला हुआ एटीएम लेकर वहां से निकलते थे, साइबर अपराधी वहां से बाहर निकल कर शहर के दूसरे एटीएम से ग्रामीणों के खाते को खाली कर दिया करते थे.

कैसे आये गिरफ्त में
रांची के ग्रामीण इलाकों से लगातार खातों से पैसे गायब होने की शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही थी. छानबीन के क्रम में और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान पुलिस ने यह पता लगा लिया है कि कुछ लोग ग्रामीणों को सहायता करने के नाम पर उनके एटीएम बदलकर उनके खातों से पैसे गायब कर रहे हैं. सूचना पर एक टीम का गठन कर सादे लिबास में पुलिसकर्मी एटीएम की निगरानी करने लगे. इसी बीच रविवार को दो साइबर अपराधी जो लगातार इलाके में ग्रामीणों को बरगला कर उनके पैसे गायब कर रहे थे, एटीएम के पास दिखे. चुकी उनमें से एक की पहचान सीसीटीवी से मिले फुटेज से हो गई थी, इसलिए पुलिसकर्मियों ने उन्हें पहचान लिया और एटीएम के बाहर से ही उन्हें धर दबोचा. गिरफ्तार साइबर अपराधियों में जीवन केवट और रितेश कुमार शामिल हैं. दोनों झारखंड के लोहरदगा जिले के रहने वाले हैं.


इसे भी पढे़ं:- देवघर के कुंडा थाना क्षेत्र में हुई गोलीबारी में एक की मौत, जांच में जुटी पुलिस

गुमला - लोहरदगा से लाखों की कर चुके है ठगी
गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वे लोग गुमला और लोहरदगा में भी इसी तरीके से ग्रामीणों को ठगा करते थे और उनके एटीएम हासिल कर उनके खाते को खाली कर दिया करते थे. पकड़े गए दोनों साइबर अपराधियों का पुराना अपराधिक इतिहास भी रहा है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने स्टेट बैंक के पांच, बैंक ऑफ इंडिया के चार, यूनियन बैंक के एक, केनरा बैंक का एक एटीएम बरामद किया है. आरोपियो के पास से पैन कार्ड, आधार कार्ड, कई मोबाइल और ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किए गए हैं.

साइबर अपराधियों के अकाउंट को किया गया फ्रिज
रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ने बताया कि जो साइबर अपराधी पकड़े गए हैं, उनके अकाउंट में काफी पैसे हैं, फिलहाल पुलिस ने बैंक की सहायता से उनके खातों को फ्रीज करवा दिया है.

रांची: पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो भोले-भाले ग्रामीणों को अपना शिकार बनाते थे. इस गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने धर दबोचा है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से भारी मात्रा में एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं.

देखें पूरी खबर



कैसे करते थे ठगी
इस गिरोह के साइबर अपराधियों के निशाने पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले भोले-भाले लोग होते थे. ग्रामीण इलाके में रहने वाले अभी भी एटीएम का प्रयोग सही तरीके से नहीं कर पाते हैं, जिसका फायदा यह अपराधी उठाते थे. इन अपराधियों का गिरोह पहले से ही एटीएम के बाहर खड़ा रहा करता था. जैसे ही कोई ग्रामीण पैसे निकालने के लिए एटीएम में जाता, यह उसकी सहायता के लिए उनके पास जाते थे और उनके एटीएम से पैसा निकाल उन्हें दे देते थे. उसी दौरान यह अपराधी पॉकेट में रखे हुए अपना एटीएम ग्रामीणों को दे देते और उनका एटीएम अपने पास रख लेते थे. जिस समय वे पैसे निकालते उस दौरान ग्रामीण अपना पिन भी बताते थे और वे उसे भी याद कर लिया करते थे. जैसे ही ग्रामीण बदला हुआ एटीएम लेकर वहां से निकलते थे, साइबर अपराधी वहां से बाहर निकल कर शहर के दूसरे एटीएम से ग्रामीणों के खाते को खाली कर दिया करते थे.

कैसे आये गिरफ्त में
रांची के ग्रामीण इलाकों से लगातार खातों से पैसे गायब होने की शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही थी. छानबीन के क्रम में और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान पुलिस ने यह पता लगा लिया है कि कुछ लोग ग्रामीणों को सहायता करने के नाम पर उनके एटीएम बदलकर उनके खातों से पैसे गायब कर रहे हैं. सूचना पर एक टीम का गठन कर सादे लिबास में पुलिसकर्मी एटीएम की निगरानी करने लगे. इसी बीच रविवार को दो साइबर अपराधी जो लगातार इलाके में ग्रामीणों को बरगला कर उनके पैसे गायब कर रहे थे, एटीएम के पास दिखे. चुकी उनमें से एक की पहचान सीसीटीवी से मिले फुटेज से हो गई थी, इसलिए पुलिसकर्मियों ने उन्हें पहचान लिया और एटीएम के बाहर से ही उन्हें धर दबोचा. गिरफ्तार साइबर अपराधियों में जीवन केवट और रितेश कुमार शामिल हैं. दोनों झारखंड के लोहरदगा जिले के रहने वाले हैं.


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गुमला - लोहरदगा से लाखों की कर चुके है ठगी
गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वे लोग गुमला और लोहरदगा में भी इसी तरीके से ग्रामीणों को ठगा करते थे और उनके एटीएम हासिल कर उनके खाते को खाली कर दिया करते थे. पकड़े गए दोनों साइबर अपराधियों का पुराना अपराधिक इतिहास भी रहा है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने स्टेट बैंक के पांच, बैंक ऑफ इंडिया के चार, यूनियन बैंक के एक, केनरा बैंक का एक एटीएम बरामद किया है. आरोपियो के पास से पैन कार्ड, आधार कार्ड, कई मोबाइल और ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किए गए हैं.

साइबर अपराधियों के अकाउंट को किया गया फ्रिज
रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ने बताया कि जो साइबर अपराधी पकड़े गए हैं, उनके अकाउंट में काफी पैसे हैं, फिलहाल पुलिस ने बैंक की सहायता से उनके खातों को फ्रीज करवा दिया है.

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