रांची: जिले में अरगोड़ा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने रिम्स के पूर्व चिकित्सक डॉ. मनोरमा के खाते से पैसा उड़ाने वाले दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की टीम ने एक आरोपी जयराम मुखिया को दिल्ली से और दूसरे को रांची के हरमू हाउसिंग कॉलोनी से पकड़ा है. दोनों आरोपी मूलरूप से बिहार के समस्तीपुर के रोसड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं.
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार पुलिस ने आरोपियों के पास से खाते से उड़ाए कुछ रकम भी बरामद किये हैं. पीड़ित डॉ मनोरमा बिहारी और उनके पति अमन ज्योति बिहारी हरमू हाउसिंग कॉलोनी के रहने वाले हैं. दोनों रिम्स में चिकित्सक के पद से सेवानिवृत हो चुके हैं. पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी भरत मुखिया चिकित्सक दंपति के घर पर चालक के रूप में काम करता था. उसने दंपती के एटीएम समेत बैंक के अन्य डिटेल इक्ट्ठा कर अपने दोस्त जयराम मुखिया को दिया. इसके बाद आरोपी जयराम ने उनके खाते से 1.13 हजार रुपए की अवैध निकासी कर ली.
दर्जनों के खाते से पैसा उड़ा चुका है आरोपी
पूछताछ में आरोपी भरत मुखिया ने पुलिस को बताया कि वह डॉ. मनोरमा के घर पर चालक के रूप में काम करता था. वो उनके घर पर ही रहता था. डॉ. मनोरमा और उनके पति अमर ज्योति उन पर काफी विश्वास भी करते थे. उसका फायदा उठाकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया. उसने बताया कि वे दोनों कई लोगों के खाते से अब तक लाखों रुपए की निकासी कर चुके हैं. उसने यह भी बताया कि उसने दंपती के खाते की पूरी जानकारी आरोपी जयराम को दी. जयराम ने डॉ. मनोरमा और उनके पति के खाते को लिंक किया. इसके बाद खाते से राशि की निकासी की.
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40 प्रतिशत मिलता था लाभ
पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि ठगी के कुल पैसे का 60 प्रतिशत जयराम रखता था और शेष 40 प्रतिशत राशि भरत को मिलती था. डॉक्टर दंपती के खाते से पैसा उड़ाने के बाद आरोपी जयराम ने पेटीएम के जरिये भरत के खाते में उसका 40 प्रतिशत हिस्सा तुरंत भेज दिया था.
जुलाई में दर्ज करायी थी प्राथमिकी
डॉ. मनोरमा ने 18 जुलाई 2020 को अरगोड़ा थाने में 1.13 लाख रुपए खाते से उड़ाने के मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी थीं. उन्होंने पुलिस को बताया कि 13 जुलाई को उसने अपने पति को एटीएम कार्ड देकर पैसे निकालने को भेजा था. पैसा निकालने से पहले ही उनके खाते से राशि की निकासी का मैसेज आ गया. कुछ देर बाद उनके पति के भी खाते से राशि निकल गई. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर एक टीम का गठन किया गया. साइबर सेल की मदद से पता चला कि राशि दिल्ली के आरोपी जयराम के खाते में गए हैं. इसके बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी कर जयराम को पकड़ा. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने भरत को रांची के दबोचा.