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'ट्वीटर' के माध्यम से गुड गवर्नेंस की तस्वीर बनाने में लगे हेमंत, बीजेपी ने कहा ट्विटर से नहीं हो सकता राज्य का भला

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में गुड गवर्नेंस को लेकर एक नया अध्याय लिखने की कोशिश में हैं. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ट्विटर को चुना है. हेमंत अपने निजी टि्वटर हैंडल से राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं और फिर अपडेट करने की भी हिदायत देते हैं.

'ट्वीटर' के माध्यम से गुड गवर्नेंस की तस्वीर बनाने में लगे हेमंत, बीजेपी ने कहा ट्विटर से नहीं हो सकता राज्य का भला
हेमंत सोरेन
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Published : Jan 18, 2020, 12:36 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 1:24 PM IST

रांचीः प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में गुड गवर्नेंस को लेकर एक नई इबारत लिखने की कोशिश में हैं. इसके लिए वह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ट्विटर का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं. सोरेन, मुख्यमंत्री बनने के बाद एक तरफ जहां अपने निजी टि्वटर हैंडल से राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं.

देखें पूरी खबर

वहीं दूसरी तरफ इस काम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल का भी बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि आम लोगों की शिकायतें सीधे सीएम के ट्विटर हैंडल पर आ रही है. साथ ही सोरेन उन शिकायतों के कंप्लायंस को लेकर एक्शन में नजर आ जाते हैं. अपनी टिप्पणी के साथ अधिकारियों को मुख्यमंत्री दिशा-निर्देश देते हैं और फिर अपडेट करने की भी हिदायत देते हैं.

और पढ़़ें- कांग्रेस विधायकों ने सोनिया से की मुलाकात, रामेश्वर उरांव बोलेः एकजुट रहने और संगठन को मजबूत बनाने का मिला निर्देश

एक पखवाड़े में करीब 70 ट्वीट किए सीएम ने

आंकड़ों को पलट कर देखें तो पिछले एक पखवाड़े में 70 से अधिक ट्वीट सोरेन के और मुख्यमंत्री सचिवालय के ट्विटर हैंडल से किए गए हैं. उनमें एक तरफ लोगों की शिकायतों के निष्पादन को लेकर दिए गए दिशा-निर्देश हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की गतिविधियों की जानकारी और तस्वीर भी साझा की गई है. सीधा जिले के उपायुक्तों को दिशा निर्देश देते हुए सोरेन कार्यवाही का फीडबैक भी लेते नजर आते हैं. अपने कुछ ट्वीट में उन्होंने कड़ी टिप्पणी भी की है. साथ ही कहा है कि ऐसी घटनाएं दोबारा रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए. जमशेदपुर में गरीबी की वजह से बच्चा बेचने की घटना हो या फिर अन्य जिलों में ठंड से ठिठुरते लोगों की शिकायतों के बाद सोरेन सभी मामलों में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए नजर आते हैं.

कांग्रेस ने किया वेलकम, बीजेपी ने लिया आड़े हाथों

राज्य में सरकार में सहयोगी कांग्रेस का साफ कहना है कि यह एक अच्छा माध्यम है. जिसका उपयोग मुख्यमंत्री बखूबी कर रहे हैं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ट्विटर से जो भी कंप्लेन आ रहे हैं. उसका कंप्लायंस हो रहा है, यह अपने आप में एक उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का एक ही मकसद है कि समस्या का समाधान होना चाहिए. इसमें वह सफल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएम के इस इनिशिएटिव का वह स्वागत करते हैं.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा कि ट्विटर एक अच्छा प्लेटफार्म हो सकता है लेकिन झारखंड में मंत्रियों और अधिकारियों को लोगों के बीच जाकर उनकी शिकायतें सुननी होगी. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो ट्विटर के बारे में जानते तक नहीं हैं. ऐसे में ट्विटर के माध्यम से शासन कर झारखंड का भला नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि इसके लिए नेताओं और अधिकारियों को लोगों के बीच जाने की आदत बनानी होगी.

रांचीः प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में गुड गवर्नेंस को लेकर एक नई इबारत लिखने की कोशिश में हैं. इसके लिए वह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ट्विटर का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं. सोरेन, मुख्यमंत्री बनने के बाद एक तरफ जहां अपने निजी टि्वटर हैंडल से राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं.

देखें पूरी खबर

वहीं दूसरी तरफ इस काम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल का भी बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि आम लोगों की शिकायतें सीधे सीएम के ट्विटर हैंडल पर आ रही है. साथ ही सोरेन उन शिकायतों के कंप्लायंस को लेकर एक्शन में नजर आ जाते हैं. अपनी टिप्पणी के साथ अधिकारियों को मुख्यमंत्री दिशा-निर्देश देते हैं और फिर अपडेट करने की भी हिदायत देते हैं.

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एक पखवाड़े में करीब 70 ट्वीट किए सीएम ने

आंकड़ों को पलट कर देखें तो पिछले एक पखवाड़े में 70 से अधिक ट्वीट सोरेन के और मुख्यमंत्री सचिवालय के ट्विटर हैंडल से किए गए हैं. उनमें एक तरफ लोगों की शिकायतों के निष्पादन को लेकर दिए गए दिशा-निर्देश हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की गतिविधियों की जानकारी और तस्वीर भी साझा की गई है. सीधा जिले के उपायुक्तों को दिशा निर्देश देते हुए सोरेन कार्यवाही का फीडबैक भी लेते नजर आते हैं. अपने कुछ ट्वीट में उन्होंने कड़ी टिप्पणी भी की है. साथ ही कहा है कि ऐसी घटनाएं दोबारा रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए. जमशेदपुर में गरीबी की वजह से बच्चा बेचने की घटना हो या फिर अन्य जिलों में ठंड से ठिठुरते लोगों की शिकायतों के बाद सोरेन सभी मामलों में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए नजर आते हैं.

कांग्रेस ने किया वेलकम, बीजेपी ने लिया आड़े हाथों

राज्य में सरकार में सहयोगी कांग्रेस का साफ कहना है कि यह एक अच्छा माध्यम है. जिसका उपयोग मुख्यमंत्री बखूबी कर रहे हैं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ट्विटर से जो भी कंप्लेन आ रहे हैं. उसका कंप्लायंस हो रहा है, यह अपने आप में एक उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का एक ही मकसद है कि समस्या का समाधान होना चाहिए. इसमें वह सफल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएम के इस इनिशिएटिव का वह स्वागत करते हैं.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा कि ट्विटर एक अच्छा प्लेटफार्म हो सकता है लेकिन झारखंड में मंत्रियों और अधिकारियों को लोगों के बीच जाकर उनकी शिकायतें सुननी होगी. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो ट्विटर के बारे में जानते तक नहीं हैं. ऐसे में ट्विटर के माध्यम से शासन कर झारखंड का भला नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि इसके लिए नेताओं और अधिकारियों को लोगों के बीच जाने की आदत बनानी होगी.

Intro:रांची। प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में गुड गवर्नेंस को लेकर एक नई इबारत लिखने की कोशिश में हैं। इसके लिए वह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ट्विटर का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। सोरेन, मुख्यमंत्री बनने के बाद एक तरफ जहां अपने निजी टि्वटर हैंडल से राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस काम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल का भी बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि आम लोगों की शिकायतें सीधे सीएम के ट्विटर हैंडल पर आ रही है। साथ ही सोरेन उन शिकायतों के कंप्लायंस को लेकर एक्शन में नजर आ जाते हैं। अपनी टिप्पणी के साथ अधिकारियों को मुख्यमंत्री दिशा-निर्देश देते हैं और फिर अपडेट करने की भी हिदायत देते हैं।


Body:एक पखवाड़े में करीब 70 ट्वीट किए सीएम ने
आंकड़ों को पलट कर देखें तो पिछले एक पखवाड़े में 70 से अधिक ट्वीट सोरेन के और मुख्यमंत्री सचिवालय के ट्विटर हैंडल से किए गए हैं। उनमें एक तरफ लोगों की शिकायतों के निष्पादन को लेकर दिए गए दिशा निर्देश हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की गतिविधियों की जानकारी और तस्वीर भी साझा की गई है। सीधा जिले के उपायुक्तों को दिशा निर्देश देते हुए सोरेन कार्यवाही का फीडबैक भी लेते नजर आते हैं। अपने कुछ ट्वीट में उन्होंने कड़ी टिप्पणी भी की है। साथ ही कहा है कि ऐसी घटनाएं दोबारा रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए। जमशेदपुर में गरीबी की वजह से बच्चा बेचने की घटना हो या फिर अन्य जिलों में ठंड से ठिठुरते लोगों की शिकायतों के बाद सोरेन सभी मामलों में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए नजर आते हैं।


Conclusion:कांग्रेस ने किया वेलकम, बीजेपी ने लिया आड़े हाथों
राज्य में सरकार में सहयोगी कांग्रेस का साफ कहना है कि यह एक अच्छा माध्यम है। जिसका उपयोग मुख्यमंत्री बखूबी कर रहे हैं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ट्विटर से जो भी कंप्लेन आ रहे हैं। उसका कंप्लायंस हो रहा है, यह अपने आप में एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का एक ही मकसद है कि समस्या का समाधान होना चाहिए। इसमें वह सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम के इस इनिशिएटिव का वह स्वागत करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा कि ट्विटर एक अच्छा प्लेटफार्म हो सकता है लेकिन झारखंड में मंत्रियों और अधिकारियों को लोगों के बीच जाकर उनकी शिकायतें सुननी होगी। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो ट्विटर के बारे में जानते तक नहीं हैं। ऐसे में ट्विटर के माध्यम से शासन कर झारखंड का भला नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इसके लिए नेताओं और अधिकारियों को लोगों के बीच जाने की आदत बनानी होगी।
Last Updated : Jan 18, 2020, 1:24 PM IST
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