रांचीः राजधानी में द्धितीय जनजातीय एवं लोक चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया है. जिसमें भाग लेने वालों चित्रकारों द्वारा बनाये गये चित्रों की प्रदर्शनी 4 फरवरी से 6 फरवरी तक ऑड्रे हाउस की लगाई गयी है. इसमें कई राज्यों से जनजातीय समुदाय के लोक कलाकार शामिल हो रहे हैं. बता दें कि इससे पहले पतरातू में 28 जनवरी से 3 फरवरी तक लगी शिविर में चित्रकारों ने तमाम चित्र बनाए हैं.
इसमें केरल से लेकर लद्दाख, गुजरात से नागालैंड तक के 70 से अधिक जनजातीय और लोक चित्रकारों ने इस शिविर में भाग लिया. इस प्रदर्शनी में भगवान बिरसा मुंडा की चित्रकला सीरीज लगाई है. रंगों के माध्यम से चित्रकारों ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के विभिन्न रंगों के प्रस्तुत किया है. इस दो दिवसीय प्रदर्शनी के पहले दिन खाद्य सचिव हिमानी पांडे ने शिरकत की और कलाकारों का हौसला बढ़ाया.
झारखंड की कला संस्कृति से देश दुनिया को परिचय कराने के उद्देश्य से राजधानी के आड्रे हाउस में जनजातीय चित्रकार प्रदर्शनी लगाई गई है. इसके माध्यम से जनजातीय कलाकारों को अपनी बहुआयामी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने का मौका दिया गया है. डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के द्धारा देश भर के जनजातीय चित्रकारों को एक जगह एक मंच पर लाने के उद्देश्य से आयोजित इस द्धितीय जनजातीय एवं लोक चित्रकार शिविर में देश के कई प्रांतों से कलाकारों ने हिस्सा लिया.
डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार ने कहा कि रामगढ़ जिला के पतरातू में 28 जनवरी से 3 फरवरी तक द्धितीय जनजातीय एवं लोक चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में देशभर के विभिन्न राज्यों के परंपरागत चित्रकारों ने भाग लिया और अपनी चित्रकला के माध्यम से अनेकता में एकता का संदेश दिया. इस जनजातीय और लोक चित्रकार शिविर में पहली बार उत्तर-पूर्व के राज्यों में नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, असम और त्रिपुरा के चित्रकारों ने भी भाग लिया और अपने रंगों का जादू चलाया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा आदिवासी समुदाय के जो आचार्य शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों में चित्रकला का अध्यापन कर रहे हैं, उन्होंने भी इस बार शिविर में भाग लिया.