रांचीः मणिपुर में हिंसा के खिलाफ आदिवासी संगठन मुखर हो गये हैं. इसको लेकर देश और प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी को लेकर सोमवार को आदिवासी संगठनों के द्वारा रांची में केंद्र और मणिपुर सरकार का पुतला जलाया गया.
रांची जिला के बेड़ो प्रखंड मुख्यालय में मणिपुर हिंसा खिलाफ विभिन्न आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध रैली निकाली और केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार का पुतला दहन किया गया. यह रैली प्रखंड मुख्यालय से मणिपुर सरकार मुर्दाबाद, भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए महावीर चौक, थाना गेट, जिला परिषद, बजार टांड़, देवी मंडप होते हुए पोस्ट ऑफिस से वापस महावीर चौक में आकर सभा में तब्दील हो गयी. जहां आदिवासी संगठन के लोगों के द्वारा केंद्र सरकार और मणिपुर सीएम का पुतला दहन किया गया.
इस मौके पर प्रोफेसर करमा उरांव ने कहा कि भाजपा आदिवासी तुष्टिकरण की नीति अपना रही है. मणिपुर में हिंसा के बाद आदिवासी समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. नैतिकता के आधार पर मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा दें, वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो. वहीं कैथलिक सभा के अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर में ऐसी घटना घटी, जिससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया का सिर शर्म से झूक गया है. इस घटना ने तालिबानी शासन को भी पीछे छोड़ दिया है और इसे रोकने में डबल इंजन की सरकार फेल रही है. लेकिन इस पर कड़ी कार्रवाई करने की जगह मामले को डायवर्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. मणिपुर हिंसा में आदिवासियों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार हो रहा है. इस मौके पर सेलवेस्टर तिर्की, बिरसु उरांव, विरेंद्र उरांव, लालदेव लोहरा, रमेश उरांव, सोमरा लोहरा, जुलिया मिंज, मनकु कुजूर सहित कई लोग शामिल हुए.