रांची: एक बार फिर आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनों ने राज्य में स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर आंदोलन करने का मूड बनाया है. इसी कड़ी में संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजधानी रांची में एक महारैली की तैयारी को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान राज्य सरकार के विरोध में आवाज बुलंद किया गया.
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एक लंबे समय से झारखंड के आदिवासी और मूलवासी सामाजिक संगठनों की ओर से झारखंड में स्थानीय और नियोजन नीति स्पष्ट करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. साथ ही 1932 खतियान की मांग भी की जा रही है. रघुवर सरकार के अलावे हेमंत सरकार से भी इन संगठनों की ओर से स्थानीय और नियोजन नीति को स्पष्ट करने की मांग लगातार की जा रही है. इसके अलावे नियुक्ति नियमावली में भाषाएं विवाद को सुलझाने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने की अपील भी की गई है. इसी कड़ी में सामाजिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में झारखंड में स्थानीय और नियोजन नीति विषय को लेकर संयुक्त अभियान के तहत महारैली के आयोजन की तैयारी चल रही है. साथ ही अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की रणनीति भी बनाई जा रही है. शुक्रवार को आयोजित आदिवासी संगठनों के इस बैठक के दौरान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि किसी भी हाल में राज्य में आदिवासियों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. जो भावना आदिवासियों का है राज्य में उसी के अनुरूप काम करना होगा.