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Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट में हाजिर हुए परिवहन सचिव, अवहेलना के लिए मांगी अदालत से माफी - Ranchi News

झारखंड के परिवहन सचिव श्रीनिवासन झारखंड हाईकोर्ट में हाजिर हुए. उन्होंने अवमानना के लिए अदालत से माफी मांगी. अपने जवाब में परिवहन सचिव ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर की कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की है.

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Transport Secretary Appeared In High Court
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Published : Apr 17, 2023, 5:33 PM IST

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सूबे के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन सोमवार को न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की अदालत में हाजिर हुए. उन्होंने हाईकोर्ट से क्षमा मांगी. अदालत ने आदेश की अवहेलना का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि वह निजी कारणों से अवकाश पर अपने घर गये थे. इसके बाद मंत्री के निधन के कारण दो दिन का राजकीय शोक था. इस वजह से अदालत में समय से जवाब नहीं दे सकें.

ये भी पढे़ं-Congress MLA Cash Scandal: झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने सरकार और विधायक से मांगा जवाब

सचिव के जवाब से कोर्ट संतुष्ट, सरकार को शीघ्र नियुक्ति करने का आदेशः उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया पर अदालत को आश्वस्त किया कि इससे नियुक्ति संबंधित संचिका वित्त विभाग के पास अनुमति के लिए भेज दी गई है. संचिका वित्त विभाग के पास लंबित है. जैसे ही वित्त विभाग की अनुमति मिल जाती है, उसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. सचिव के जवाब पर संतुष्टि जाहिर करते हुए अदालत ने मामले को निष्पादित करते हुए सरकार को शीघ्र नियुक्ति करने का आदेश दिया है. परिवहन सचिव ने कोर्ट को बताया कि 15 मई तक सुनील कुमार पासवान की मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रूप में नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

परिवहन सचिव ने मामले में देरी का कारण बतायाः परिवहन सचिव श्रीनिवासन ने सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट से रमेश हांसदा के मामले में जो आदेश आया है उसके बाद नियुक्ति नियमावली में संशोधन होने के कारण भी नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने में कठिनाई हुई. जिसके कारण मामला लटक गया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राज्यवर्धन ने पक्ष रखा. सुनवाई के बाबत जानकारी हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी.

कोर्ट ने अवमानना मामले में परिवहन सचिव के खिलाफ जारी किया था वारंटः दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में राज्य के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन की गिरफ्तारी का जमानतीय वारंट जारी किया था. जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने रांची के एसएसपी को वारंट सौंपते हुए सचिव को 17 अप्रैल की दोपहर 1.15 बजे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था. जवाब दाखिल नहीं करने पर हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव के खिलाफ वारंट जारी किया था.

एमवीआई की नियमित बहाली का मामलाः दरअसल, सुनील कुमार पासवान द्वारा मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) की नियमित बहाली के मामले में दायर अवमानना याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट द्वारा बार-बार दिए गए आदेश के बावजूद परिवहन सचिव की ओर से जवाब नहीं दिए जाने से नाराज कोर्ट ने प्रतिवादी परिवहन सचिव के श्रीनिवासन के खिलाफ बेलेबल गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने इस बेलेबल वारंट ऑफ अरेस्ट का तामिला रांची एसएसपी को करने का आदेश दिया था. बता दें कि यह मामला तत्कालीन परिवहन सचिव के रविकुमार से जुड़ा हुआ है.

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सूबे के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन सोमवार को न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की अदालत में हाजिर हुए. उन्होंने हाईकोर्ट से क्षमा मांगी. अदालत ने आदेश की अवहेलना का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि वह निजी कारणों से अवकाश पर अपने घर गये थे. इसके बाद मंत्री के निधन के कारण दो दिन का राजकीय शोक था. इस वजह से अदालत में समय से जवाब नहीं दे सकें.

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सचिव के जवाब से कोर्ट संतुष्ट, सरकार को शीघ्र नियुक्ति करने का आदेशः उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया पर अदालत को आश्वस्त किया कि इससे नियुक्ति संबंधित संचिका वित्त विभाग के पास अनुमति के लिए भेज दी गई है. संचिका वित्त विभाग के पास लंबित है. जैसे ही वित्त विभाग की अनुमति मिल जाती है, उसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. सचिव के जवाब पर संतुष्टि जाहिर करते हुए अदालत ने मामले को निष्पादित करते हुए सरकार को शीघ्र नियुक्ति करने का आदेश दिया है. परिवहन सचिव ने कोर्ट को बताया कि 15 मई तक सुनील कुमार पासवान की मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रूप में नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

परिवहन सचिव ने मामले में देरी का कारण बतायाः परिवहन सचिव श्रीनिवासन ने सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट से रमेश हांसदा के मामले में जो आदेश आया है उसके बाद नियुक्ति नियमावली में संशोधन होने के कारण भी नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने में कठिनाई हुई. जिसके कारण मामला लटक गया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राज्यवर्धन ने पक्ष रखा. सुनवाई के बाबत जानकारी हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी.

कोर्ट ने अवमानना मामले में परिवहन सचिव के खिलाफ जारी किया था वारंटः दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में राज्य के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन की गिरफ्तारी का जमानतीय वारंट जारी किया था. जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने रांची के एसएसपी को वारंट सौंपते हुए सचिव को 17 अप्रैल की दोपहर 1.15 बजे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था. जवाब दाखिल नहीं करने पर हाई कोर्ट ने परिवहन सचिव के खिलाफ वारंट जारी किया था.

एमवीआई की नियमित बहाली का मामलाः दरअसल, सुनील कुमार पासवान द्वारा मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) की नियमित बहाली के मामले में दायर अवमानना याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट द्वारा बार-बार दिए गए आदेश के बावजूद परिवहन सचिव की ओर से जवाब नहीं दिए जाने से नाराज कोर्ट ने प्रतिवादी परिवहन सचिव के श्रीनिवासन के खिलाफ बेलेबल गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने इस बेलेबल वारंट ऑफ अरेस्ट का तामिला रांची एसएसपी को करने का आदेश दिया था. बता दें कि यह मामला तत्कालीन परिवहन सचिव के रविकुमार से जुड़ा हुआ है.

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