रांची: किसी भी बड़े शहर के लिए जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट जरूरी है उसी प्रकार ट्रांसपोर्ट नगर भी उतना ही जरूरी माना जाता है, लेकिन राजधानी रांची की बात करें तो यहां पर अभी तक ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बन पाया. ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की मांग को लेकर परिवहन व्यवसाई और ट्रकों के मालिक आए दिन अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सरकार अभी तक इनकी मांगों पर कुछ भी संज्ञान नहीं ले पाई है.
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ट्रांसपोर्ट नगर न रहने के कारण राजधानी में आ रही समस्या को लेकर ईटीवी की टीम ने जब पड़ताल की तो हमने देखा कि ट्रांसपोर्ट नगर न होने की वजह से परिवहन व्यवसाई, ट्रक मालिक, ट्रक के चालक, उपचालक सहित आम लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
नो एंट्री में फंस जाते हैं
ट्रक ऑनर एसबी सिंह बताते हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर न रहने के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है क्योंकि अगर हमारा ट्रक किसी दूसरे राज्य या जिला से माल लेकर रांची पहुंचता है और वह सुबह 6:00 बजे तक शहर में प्रवेश कर जाता है तो उसे किसी भी बाजार में पहुंचने और उस व्यवसाई का माल उतारने में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगता है और माल उतारते-उतारते नो एंट्री का समय हो जाता है जिस वजह से हमारा ट्रक सुबह 7:00 बजे सुबह से रात 10:00 बजे रात तक शहर में ही फंसा रहता है, क्योंकि नो एंट्री में शहर के अंदर ट्रक का परिचालन बंद है.
नगर निगम एवं ट्रैफिक पुलिस करती है चालान
ऐसे में कई बार हम ट्रक चालकों को भाड़ा मिलने के बाद भी काम नहीं उठा पाते हैं. एसबी सिंह बताते हैं कि सरकार के सिर्फ उदासीन रवैया के कारण ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण नहीं हो पाया जिस वजह से ट्रक मालिक शोषित होने को मजबूर हैं, क्योंकि सुबह 7:00 बजे से रात 10:00 बजे तक शहर से बाहर नो एंट्री के कारण नहीं निकल सकते और अगर शहर में कहीं गाड़ी लगाते हैं तो नगर निगम एवं ट्रैफिक पुलिस वाले चालान काट देते हैं जिस वजह से हमें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.
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वहीं ट्रक मालिक अनिल सिंह चौहान बताते हैं कि अगर ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कर दिया जाता है तो ट्रक को शहर के अंदर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा, इससे हमें नो एंट्री में भी फंसने की समस्या नहीं रहेगी. वहीं उन्होंने बताया कि कई बार अगर ट्रक किसी खाली जगह पर लगाते हैं तो नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के द्वारा दंडित करते हुए चालान काटा जाता है, ऐसे में ट्रक मालिक काफी मजबूर हो जाते हैं.
ट्रांसपोर्ट नगर में होंगी सभी सुविधाएं
ट्रांसपोर्टर कुंदन सिंह और राजकिशोर बताते हैं ट्रांसपोर्ट नगर बनने से व्यापारी भी सुरक्षित रहेंगे क्योंकि ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण होता है तो ट्रक की पार्किंग के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर बैंक, सुरक्षाकर्मी सहित सभी व्यवस्थाएं होंगी जिससे हमें अपने व्यापार में लेनदेन के लिए कैश को लेकर एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाना पड़ेगा, क्योंकि हम ट्रांसपोर्ट नगर में बने बैंक में ही कैश जमा कर पाएंगे, जबकि वर्तमान समय में ट्रांसपोर्टरों को कैश लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता है जोकि सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक है.
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ट्रांसपोर्ट नगर बनने से बाहर के राज्य अन्य जिलों से आने वाले ट्रकों को शहर के बाहर ही पार्क करने की जगह मिल जाएगी और वहां से खुदरा व्यवसायी अपना माल छोटे छोटे वाहनों में भरकर अपनी दुकान पर ले आएंगे जिससे ना तो शहर में जाम की समस्या रहेगी और ना ही ट्रक मालिकों को नो एंट्री की वजह से नुकसान सहना पड़ेगा.
दिनचर्या हो रही प्रभावित
वहीं नो एंट्री की वजह से मजबूरी में सड़क किनारे ट्रक लगाने वाले चालक बताते हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर न रहने के कारण लोगों को काफी दिक्कतें होती है. चालकों को शौच, नहाने, सोने तथा अन्य दिनचर्या के कार्यों की कोई व्यवस्था नहीं होती जिससे हमारी दिनचर्या भी प्रभावित होता है, अगर ट्रांसपोर्ट नगर बन जाएगा तो वहां पर इन सभी चीजों का इंतजाम होगा और ट्रक चालकों को राहत होगी.
सुकुरहुटू में जमीन चिन्हित की गई थी
ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने कांके क्षेत्र के सुकुरहुटू में जमीन चिन्हित की थी वहीं नामकुम के सिधरौली में भी जमीन चिन्हित की गई थी लेकिन यह काम कागज पर ही रह गया और इसको लेकर आगे कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.वहीं आम लोगों ने भी बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर राजधानी रांची के लिए काफी जरूरी है जिससे शहर के मुख्य बाजारों में लगे ट्रकों को हटाया जा सकेगा और वहां पर लगने वाले जाम से भी निजात मिल पाएगी.
मेयर ने समस्या को बताया जायज
ट्रांसपोर्ट नगर न होने से परिवहन व्यवसायियों को आ रही परेशानियों को लेकर जब रांची की मेयर आशा लकड़ा से बात की तो उन्होंने भी इस समस्या को जायज बताते हुए कहा कि इस पर सरकार को विचार करने की जरूरत है और नगर विकास विभाग एवं परिवहन विभाग को संयुक्त रूप से इस प्रस्ताव को सरकार के समक्ष रखने की जरूरत है, ताकि सरकार इस पर काम कर ट्रक व्यापारियों की समस्या का समाधान कर सकें.
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साथ ही शहर में लगने वाले जाम की समस्या से भी निजात मिल सकेगी. ट्रांसपोर्ट नगर के लिए सरकार द्वारा कई बार जमीन चिन्हित की जा चुकी है, लेकिन यह काम आगे नहीं बढ़ पाया है.ट्रांसपोर्ट नगर के लिए सरकार को विचार करने की जरूरत है ताकि ट्रक मालिकों को आ रही समस्याओं का समाधान हो सके.