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विश्व एड्स दिवस राज्यस्तरीय कार्यक्रम, राज्य में उठी किन्नरों के लिए वेलफेयर बोर्ड बनाने की मांग - Ranchi News

विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2022) के मौके पर रांची में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सोशल एक्टिविस्ट और ट्रांसजेंडर अमृता सोनी ने झारखंड में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने की मांग की (Transgender Welfare Board Demand in Jharkhand by social activist).

World AIDS Day 2022
World AIDS Day 2022
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Published : Dec 2, 2022, 7:04 AM IST

Updated : Dec 2, 2022, 7:39 AM IST

रांची: विश्व एड्स दिवस पर राज्य में सरकारी स्तर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम में सोशल एक्टिविस्ट और ट्रांसजेंडर अमृता सोनी ने ट्रांसजेंडर के दर्द को बयां करते हुए झारखंड में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड के गठन (Transgender Welfare Board Demand in Jharkhand by social activist) की मांग की.

यह भी पढ़ें: विश्व एड्स दिवस: झारखंड में इस वर्ष एक हजार से अधिक मिले नए HIV पॉजिटिव, 2030 तक राज्य एड्स मुक्त बनाने का लक्ष्य

झारखंड में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की मांग: यह कार्यक्रम झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी और एसपीएमयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ. एड्स दिवस कार्यक्रम में लखनऊ से आई सोशल एक्टिविस्ट और ट्रांसजेंडर अमृता सोनी को मंच से बोलने का मौका मिला. उन्होंने एड्स दिवस पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की उपस्थिति में HIV पॉजिटिव ट्रांसजेंडर के हालात पर बोला. उन्होंने मंच से अपने संबोधन में एक ट्रांसजेंडर के दर्द को न सिर्फ बयां किया बल्कि सरकार से मांग भी कर दी कि झारखंड में भी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड का गठन होना चाहिए.

देखें वीडियो

HIV पॉजिटिव पर सवाल: अमृता सोनी ने कहा कि आज जब हम इक्विलिटी यानि समानता की बात करते हैं तो यह सिर्फ HIV पॉजिटिव तक ही सीमित विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि आखिर ट्रांसजेंडर HIV पॉजिटिव कैसे हो जाते हैं, ट्रांसजेंडर के पास यह बीमारी कहां से और कैसे आती है यह बड़ा सवाल है. अमृता सोनी ने कहा कि हम बराबरी की बात करते हैं लेकिन यहां न कोई सुविधा ट्रांसजेंडर को दी जाती है और न कोई व्यवस्था है. जब तक शिक्षा के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर के लिए विशेष काम नहीं किया जाता है तब तक समानता की बात बेमानी है. उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड का गठन होना जरूरी है जैसा छतीसगढ़ और अन्य राज्यों में हुआ है.


ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने का आश्वासन: उन्होंने कहा कि सोशल स्टिग्मा और भेदभाव के बीच अगर वास्तव में हम समानता की बात करते हैं तो जरूरी है कि अस्पताल में जो डॉक्टर हमारा इलाज करता है वह भी ट्रांसजेंडर के बिहेवियर चेंजेज को जाने. राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने ट्रांसजेंडर के लिए वेलफेयर बोर्ड बनाने की पहल शुरू करने के आश्वासन के साथ साथ कहा राज्य में ट्रांसजेंडर को भी सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है. वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य को 2030 तक एड्स मुक्त करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह जागरूक है. राज्य में 24 हजार से अधिक HIV पॉजिटिव लोगों में से 14 हजार के करीब एड्स कंट्रोल सोसाइटी से दवा दी जा रही है वहीं 28 से अधिक NGO भी जुड़े हैं.

रांची: विश्व एड्स दिवस पर राज्य में सरकारी स्तर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम में सोशल एक्टिविस्ट और ट्रांसजेंडर अमृता सोनी ने ट्रांसजेंडर के दर्द को बयां करते हुए झारखंड में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड के गठन (Transgender Welfare Board Demand in Jharkhand by social activist) की मांग की.

यह भी पढ़ें: विश्व एड्स दिवस: झारखंड में इस वर्ष एक हजार से अधिक मिले नए HIV पॉजिटिव, 2030 तक राज्य एड्स मुक्त बनाने का लक्ष्य

झारखंड में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की मांग: यह कार्यक्रम झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी और एसपीएमयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ. एड्स दिवस कार्यक्रम में लखनऊ से आई सोशल एक्टिविस्ट और ट्रांसजेंडर अमृता सोनी को मंच से बोलने का मौका मिला. उन्होंने एड्स दिवस पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की उपस्थिति में HIV पॉजिटिव ट्रांसजेंडर के हालात पर बोला. उन्होंने मंच से अपने संबोधन में एक ट्रांसजेंडर के दर्द को न सिर्फ बयां किया बल्कि सरकार से मांग भी कर दी कि झारखंड में भी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड का गठन होना चाहिए.

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HIV पॉजिटिव पर सवाल: अमृता सोनी ने कहा कि आज जब हम इक्विलिटी यानि समानता की बात करते हैं तो यह सिर्फ HIV पॉजिटिव तक ही सीमित विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि आखिर ट्रांसजेंडर HIV पॉजिटिव कैसे हो जाते हैं, ट्रांसजेंडर के पास यह बीमारी कहां से और कैसे आती है यह बड़ा सवाल है. अमृता सोनी ने कहा कि हम बराबरी की बात करते हैं लेकिन यहां न कोई सुविधा ट्रांसजेंडर को दी जाती है और न कोई व्यवस्था है. जब तक शिक्षा के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर के लिए विशेष काम नहीं किया जाता है तब तक समानता की बात बेमानी है. उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड का गठन होना जरूरी है जैसा छतीसगढ़ और अन्य राज्यों में हुआ है.


ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने का आश्वासन: उन्होंने कहा कि सोशल स्टिग्मा और भेदभाव के बीच अगर वास्तव में हम समानता की बात करते हैं तो जरूरी है कि अस्पताल में जो डॉक्टर हमारा इलाज करता है वह भी ट्रांसजेंडर के बिहेवियर चेंजेज को जाने. राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने ट्रांसजेंडर के लिए वेलफेयर बोर्ड बनाने की पहल शुरू करने के आश्वासन के साथ साथ कहा राज्य में ट्रांसजेंडर को भी सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है. वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य को 2030 तक एड्स मुक्त करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह जागरूक है. राज्य में 24 हजार से अधिक HIV पॉजिटिव लोगों में से 14 हजार के करीब एड्स कंट्रोल सोसाइटी से दवा दी जा रही है वहीं 28 से अधिक NGO भी जुड़े हैं.

Last Updated : Dec 2, 2022, 7:39 AM IST
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