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रांचीः अब लंदन और जापान की तर्ज पर झारखंड में चलेगी ट्रेन, नामकुम-टाटीसिल्वे रेलखंड पर लगा ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम - South Eastern Railway

रांची-टाटीसिल्वे स्टेशन के बीच ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम के जरिए ट्रेनों के परिचालन कराया जाएगा. इस सिस्टम को विकसित करने में 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इससे सुरक्षित ट्रेन परिचालन भी होगा.

रांची
नामकुम-टाटीसिल्वे रेलखंड ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम का उद्घाटन करते अधिकारी
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Published : Mar 21, 2021, 8:53 PM IST

रांचीः जापान और लंदन की तर्ज पर रांची रेलमंडल में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम से ट्रेनें दौड़ती है. यह सिग्नलिंग सिस्टम रांची-टाटीसिल्वे रेलखंड के बीच लगाया गया है, जिसपर 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यह ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम झारखंड में पहली बार रांची रेलमंडल के रांची से टाटीसिल्वे स्टेशन के बीच लगाया गया है. रेलवे अधिकारी ने बताया कि ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम लगने से एक ट्रैक पर एक बार में 6 ट्रेनें चलाई जा सकती है. इसके साथ ही दुर्घटना की संभावना भी शून्य हो जाती है.

यह भी पढ़ेंःरांची में सेना बहाली में 237 युवाओं का डॉक्यूमेंटेशन और मेडिकल के लिए चयन, 2682 युवाओं ने लिया हिस्सा



सुरक्षित होगा ट्रेनों का परिचालन

ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से ट्रेनें सुरक्षित एवं तीव्र गति से परिचालन सुनिश्चित किया जाता है. ट्रेन के लोकोपायलट को आगे की सिंग्नल की जानकारी मिलती रहती है. वर्तमान में रांची रेलमंडल के रांची, नामकुम और टाटीसिल्वे स्टेशनों के बीच सिग्नलिंग की आधुनिक प्रणाली विकसित करने का काम रविवार को पूरा कर लिया गया है. ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली के तहत रेलखंड पर ट्रैक सर्किट या मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेल काउंटर लगाया गया है, जो दो स्टेशनों के बीच के रेलखंड के विभिन्न सेक्शनो में विभाजित किया जाता है.

रेलखंड पर बढ़ जाएगी कैपेसिटी
इतना ही नहीं, ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली से रेलखंड पर कैपेसिटी बढ़ जाती है और सेक्शन अधिक ट्रेनों के परिचालन के अनुकूल होता है. इस सिग्नलिंग प्रणाली के साथ-साथ चार नए गुमटी भी बनाए गए हैं, जिनमें डाटा लॉगर लगे हैं. इससे ट्रेनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिल सकेगी. रांची नामकुम के बीच दोनों दिशाओं में एक-एक सिग्नल और नामकुम-टाटीसिलवे के बीच दोनों दिशाओं में तीन-तीन ऑटोमेटिक सिग्नल लगाए गए हैं.


रांची रेलमंडल में पहली बार लगा ऑटोमेटिक सिग्नल
रांची रेलमंडल में ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली पहली बार लगाई गई है. रांची रेलमंडल के दक्षिण पूर्व रेलवे के 4 सेक्शनों खड़कपुर-टिकियापाड़ा, टाटानगर-राजखरसावां, गम्हरिया-विराजपुर और कांड्रा-चांडिल सेक्शन में ही ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली है. सिग्नल प्रणाली लगाए जाने के मौके पर अपर मंडल रेल प्रबंधक परिचालन एमएम पंडित, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सह मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस उरांव, मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) दीपांजल सरकार, सहायक परिचालन प्रबंधक विभूति नारायण शर्मा और कर्मचारी उपस्थित थे.

रांचीः जापान और लंदन की तर्ज पर रांची रेलमंडल में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम से ट्रेनें दौड़ती है. यह सिग्नलिंग सिस्टम रांची-टाटीसिल्वे रेलखंड के बीच लगाया गया है, जिसपर 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यह ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम झारखंड में पहली बार रांची रेलमंडल के रांची से टाटीसिल्वे स्टेशन के बीच लगाया गया है. रेलवे अधिकारी ने बताया कि ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम लगने से एक ट्रैक पर एक बार में 6 ट्रेनें चलाई जा सकती है. इसके साथ ही दुर्घटना की संभावना भी शून्य हो जाती है.

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सुरक्षित होगा ट्रेनों का परिचालन

ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से ट्रेनें सुरक्षित एवं तीव्र गति से परिचालन सुनिश्चित किया जाता है. ट्रेन के लोकोपायलट को आगे की सिंग्नल की जानकारी मिलती रहती है. वर्तमान में रांची रेलमंडल के रांची, नामकुम और टाटीसिल्वे स्टेशनों के बीच सिग्नलिंग की आधुनिक प्रणाली विकसित करने का काम रविवार को पूरा कर लिया गया है. ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली के तहत रेलखंड पर ट्रैक सर्किट या मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेल काउंटर लगाया गया है, जो दो स्टेशनों के बीच के रेलखंड के विभिन्न सेक्शनो में विभाजित किया जाता है.

रेलखंड पर बढ़ जाएगी कैपेसिटी
इतना ही नहीं, ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली से रेलखंड पर कैपेसिटी बढ़ जाती है और सेक्शन अधिक ट्रेनों के परिचालन के अनुकूल होता है. इस सिग्नलिंग प्रणाली के साथ-साथ चार नए गुमटी भी बनाए गए हैं, जिनमें डाटा लॉगर लगे हैं. इससे ट्रेनों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिल सकेगी. रांची नामकुम के बीच दोनों दिशाओं में एक-एक सिग्नल और नामकुम-टाटीसिलवे के बीच दोनों दिशाओं में तीन-तीन ऑटोमेटिक सिग्नल लगाए गए हैं.


रांची रेलमंडल में पहली बार लगा ऑटोमेटिक सिग्नल
रांची रेलमंडल में ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली पहली बार लगाई गई है. रांची रेलमंडल के दक्षिण पूर्व रेलवे के 4 सेक्शनों खड़कपुर-टिकियापाड़ा, टाटानगर-राजखरसावां, गम्हरिया-विराजपुर और कांड्रा-चांडिल सेक्शन में ही ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली है. सिग्नल प्रणाली लगाए जाने के मौके पर अपर मंडल रेल प्रबंधक परिचालन एमएम पंडित, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सह मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस उरांव, मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) दीपांजल सरकार, सहायक परिचालन प्रबंधक विभूति नारायण शर्मा और कर्मचारी उपस्थित थे.

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