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रांची में कोरोना का डाटा अपलोड करने को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, DDC बोले- नहीं हो गैप - रांची में प्रशिक्षण कार्यशाला

रांची में कोविड-19 से संबंधित डाटा अपलोड को लेकर समीक्षात्मक बैठक सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर डीडीसी अनन्य मित्तल ने सभी लैब, अस्पताल संचालकों और इंसिडेंट कमांडर को निर्देश दिए.

Training workshop in Ranchi
रांची में प्रशिक्षण कार्यशाला
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Published : Aug 9, 2020, 10:15 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोविड-19 से संबंधित भारत सरकार के तीन पोर्टल पर डाटा अपलोड को लेकर समीक्षात्मक बैठक सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन रविवार को विकास भवन में किया गया. इस मौके पर डीडीसी अनन्य मित्तल ने सभी लैब, अस्पताल संचालकों और इंसिडेंट कमांडर से कहा कि कोरोना से संबंधित भारत सरकार के तीन पोर्टल हैं. जिनमें अलग-अलग डाटा अपलोड किया जाना है. उन्होंने सभी से पोर्टल में सही तरीके से डाटा अपलोड करने की बात कही, ताकि किसी भी स्तर पर डाटा गैप न हो. बैठक के दौरान कई सरकारी और निजी लैब, अस्पताल के संचालकों और इंसिडेंट कमांडर्स को मोबाइल ऐप का प्रशिक्षण दिया गया. जिला सूचना पदाधिकारी शिव बनर्जी ने आरटीपीसीआर मोबाइल ऐप के बारे में प्रशिक्षण देते हुए सभी को बताया कि किस तरह से ऐप काम करता है और कैसे एसआरएफ आईडी जनरेट की जाती है.

ये भी पढ़ें: झारखंड में कुल 32 जनजातियों का है निवास स्थान, जानिए कौन-कौन से है जनजाति और आदिम जनजाति

उन्होंने कोविड-19 के जांच के लिए सैंपल संग्रह कर रहे निजी और सरकारी लैब संचालकों को बताया कि आरटी पीसीआर मोबाइल ऐप में जांच के लिए आने वाले लोगों की सही जानकारी अपलोड करनी है. खासकर उनके संबंधित थाने का जिक्र जरू करें. उन्होंने बताया कि इस ऐप में जांच के बाद नेगेटिव और पॉजिटिव रिपोर्ट दोनों की डाटा एंट्री करें. प्रशिक्षण के दौरान जिला सूचना पदाधिकारी शिव बनर्जी ने निजी और सरकारी अस्पताल संचालकों को बताया कि फैसिलिटी ऐप में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध आधारभूत संरचना, लॉजिस्टिक्स और सुविधाओं की जानकारी अपलोड करनी है. मरीजों के एडमिशन और डिस्चार्ज की इंट्री भी ऑनलाइन करनी है. वहीं, सीवी पोर्टल में पॉजिटिव और नेगेटिव मरीजों की पूरी जानकारी अपलोड करनी है.

रांची: वैश्विक महामारी कोविड-19 से संबंधित भारत सरकार के तीन पोर्टल पर डाटा अपलोड को लेकर समीक्षात्मक बैठक सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन रविवार को विकास भवन में किया गया. इस मौके पर डीडीसी अनन्य मित्तल ने सभी लैब, अस्पताल संचालकों और इंसिडेंट कमांडर से कहा कि कोरोना से संबंधित भारत सरकार के तीन पोर्टल हैं. जिनमें अलग-अलग डाटा अपलोड किया जाना है. उन्होंने सभी से पोर्टल में सही तरीके से डाटा अपलोड करने की बात कही, ताकि किसी भी स्तर पर डाटा गैप न हो. बैठक के दौरान कई सरकारी और निजी लैब, अस्पताल के संचालकों और इंसिडेंट कमांडर्स को मोबाइल ऐप का प्रशिक्षण दिया गया. जिला सूचना पदाधिकारी शिव बनर्जी ने आरटीपीसीआर मोबाइल ऐप के बारे में प्रशिक्षण देते हुए सभी को बताया कि किस तरह से ऐप काम करता है और कैसे एसआरएफ आईडी जनरेट की जाती है.

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उन्होंने कोविड-19 के जांच के लिए सैंपल संग्रह कर रहे निजी और सरकारी लैब संचालकों को बताया कि आरटी पीसीआर मोबाइल ऐप में जांच के लिए आने वाले लोगों की सही जानकारी अपलोड करनी है. खासकर उनके संबंधित थाने का जिक्र जरू करें. उन्होंने बताया कि इस ऐप में जांच के बाद नेगेटिव और पॉजिटिव रिपोर्ट दोनों की डाटा एंट्री करें. प्रशिक्षण के दौरान जिला सूचना पदाधिकारी शिव बनर्जी ने निजी और सरकारी अस्पताल संचालकों को बताया कि फैसिलिटी ऐप में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध आधारभूत संरचना, लॉजिस्टिक्स और सुविधाओं की जानकारी अपलोड करनी है. मरीजों के एडमिशन और डिस्चार्ज की इंट्री भी ऑनलाइन करनी है. वहीं, सीवी पोर्टल में पॉजिटिव और नेगेटिव मरीजों की पूरी जानकारी अपलोड करनी है.

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