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विधायी प्रावधानों को जानें पदाधिकारी, तभी बना रहेगा विधायिका-कार्यपालिका में समन्वय: सीएम हेमंत सोरेन

विधायी कार्यों की जानकारी देने के उदेश्य से झारखंड विधानसभा सभागार में सोमवार से राज्य के पदाधिकारियों की ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू की गयी. तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया.

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Published : Jul 10, 2023, 6:34 PM IST

training program for officials jharkhand
training program for officials jharkhand

रांची: विधायिका और कार्यपालिका के बीच बेहतर समन्वय के साथ सदन की कार्यवाही संचालित करने के उदेश्य से झारखंड विधानसभा सभागार में सोमवार को अधिकारियों की तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हुई.

'विधि निर्माण की प्रक्रिया और कार्यपालिका का दायित्व' विषय पर आयोजित इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने संबोधित किया.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: विधायी कार्यों का पाठ पढ़ेंगे राज्य के अधिकारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में शामिल होंगे सीएम

स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने इस तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम को अहम बताते हुए कहा कि दैनिक जीवन में काम करते वक्त यह देखा जाता है कि कई तरह की भूल हो जाती है. यही भूल भविष्य में ना हो और कार्यपालिका, विधायिका के बीच कॉर्डिनेशन बना रहे, इसे ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने किया पदाधिकारियों को संबोधित: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आए पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं. मगर कार्यपालिका स्थायी व्यवस्था है, जो योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का काम करती है.

सीएम ने कहा कि कई मौके पर देखा गया है कि विधायिका और कार्यपालिका के बीच बेहतर समन्वय नहीं होने की वजह से कार्यशैली पर सवाल उठने लगते हैं. ऐसे में सभी सचिवालय, सरकार के अधिकारियों और राजभवन सचिवालय की भूमिका अहम हो जाती है कि विधायिका के साथ समन्वय बनाकर विधिसम्मत कार्यों को करें. अधिकारियों को विधायी कार्य और शक्तियों की जानकारी रहे. इसी उद्देश्य से इस तरह की ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित की गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी यह देखा जाता है कि एक ही विषय को अलग-अलग ढंग से पदाधिकारियों द्वारा व्याख्या कर दी जाती है, जिससे चीजें सुलझने के बजाय उलझ जाती है.

संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की अहम भूमिका है, जो अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करती है. मगर इसमें यदि समन्वय नहीं हो तो टकराव की स्थिति बन जाती है.

तीन दिनों तक होगी चर्चा: विधानसभा सभागार में तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन लोकसभा के पूर्व महासचिव पी.डी.टी आचार्य ने राज्य के पदाधिकारियों को संबोधित किया. पी.डी.टी आचार्य के द्वारा राज्य विधानमंडल के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों पर उद्घाटन सत्र के बाद विस्तार से चर्चा की गई. जिसमें राज्य सरकार के कई आईएएस, आईपीएस और सचिवालयकर्मी शामिल हुए. इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन और तीसरे दिन कई विशिष्ट व्यक्तियों का व्याख्यान होगा.

रांची: विधायिका और कार्यपालिका के बीच बेहतर समन्वय के साथ सदन की कार्यवाही संचालित करने के उदेश्य से झारखंड विधानसभा सभागार में सोमवार को अधिकारियों की तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हुई.

'विधि निर्माण की प्रक्रिया और कार्यपालिका का दायित्व' विषय पर आयोजित इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने संबोधित किया.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: विधायी कार्यों का पाठ पढ़ेंगे राज्य के अधिकारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में शामिल होंगे सीएम

स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने इस तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम को अहम बताते हुए कहा कि दैनिक जीवन में काम करते वक्त यह देखा जाता है कि कई तरह की भूल हो जाती है. यही भूल भविष्य में ना हो और कार्यपालिका, विधायिका के बीच कॉर्डिनेशन बना रहे, इसे ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने किया पदाधिकारियों को संबोधित: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आए पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं. मगर कार्यपालिका स्थायी व्यवस्था है, जो योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का काम करती है.

सीएम ने कहा कि कई मौके पर देखा गया है कि विधायिका और कार्यपालिका के बीच बेहतर समन्वय नहीं होने की वजह से कार्यशैली पर सवाल उठने लगते हैं. ऐसे में सभी सचिवालय, सरकार के अधिकारियों और राजभवन सचिवालय की भूमिका अहम हो जाती है कि विधायिका के साथ समन्वय बनाकर विधिसम्मत कार्यों को करें. अधिकारियों को विधायी कार्य और शक्तियों की जानकारी रहे. इसी उद्देश्य से इस तरह की ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित की गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी यह देखा जाता है कि एक ही विषय को अलग-अलग ढंग से पदाधिकारियों द्वारा व्याख्या कर दी जाती है, जिससे चीजें सुलझने के बजाय उलझ जाती है.

संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की अहम भूमिका है, जो अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करती है. मगर इसमें यदि समन्वय नहीं हो तो टकराव की स्थिति बन जाती है.

तीन दिनों तक होगी चर्चा: विधानसभा सभागार में तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन लोकसभा के पूर्व महासचिव पी.डी.टी आचार्य ने राज्य के पदाधिकारियों को संबोधित किया. पी.डी.टी आचार्य के द्वारा राज्य विधानमंडल के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों पर उद्घाटन सत्र के बाद विस्तार से चर्चा की गई. जिसमें राज्य सरकार के कई आईएएस, आईपीएस और सचिवालयकर्मी शामिल हुए. इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन और तीसरे दिन कई विशिष्ट व्यक्तियों का व्याख्यान होगा.

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