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रांची: जेल में बंद 215 विचाराधीन कैदी 45 दिनों के लिए निकलेंगे बाहर, कोरोना से बचने के लिए दिया गया प्रशिक्षण - आर्ट ऑफ लिविंग

रांची जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कोविड-19 से बचाव के लिए तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया गया था, जिसका समापन हो गया. झारखंड हाई पावर कमेटी के निर्देश पर ऐसे विचाराधीन बंदी, जो 7 साल से कम सजा वाले मामले में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्हें जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया गया है.

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विचाराधीन कैदी निकलेंगे बाहर
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Published : Jun 8, 2021, 7:50 PM IST

रांची: जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त तत्वाधान में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कोविड-19 से बचाव के लिए चलाए जा रहे तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन हो गया. झारखंड हाई पावर कमेटी के दिशा निर्देश पर ऐसे विचाराधीन बंदी, जो 7 साल से कम सजा वाले मामले में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्हें जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया गया है.

देखें पूरी खबर

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आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक पंचानन सिंह ने बताया कि बंदियों को ट्रेनिंग के माध्यम से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर के बारे में जानकारी दी गई और अपने में रोग निरोधक क्षमता कैसे विकसित की जाए, इसको लेकर योग पर नियम ध्यान का भी प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें बताया गया कि खानपान और दैनिक जीवन किस तरीके से कोविड-19 के काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है.

215 कैदियों को छोड़ने का आदेश
वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक प्रसाद ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम होने से बंदियों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है, झारखंड हाई कोर्ट हाई पावर कमेटी के द्वारा 7 साल से कम सजा पाने वाले विचाराधीन 215 कैदियों को छोड़ने का आदेश जारी किया गया है, जिसमें अब तक 20 कैदियों को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 45 दिनों की जमानत पर छोड़ा गया है.

रांची: जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त तत्वाधान में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कोविड-19 से बचाव के लिए चलाए जा रहे तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन हो गया. झारखंड हाई पावर कमेटी के दिशा निर्देश पर ऐसे विचाराधीन बंदी, जो 7 साल से कम सजा वाले मामले में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्हें जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया गया है.

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आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक पंचानन सिंह ने बताया कि बंदियों को ट्रेनिंग के माध्यम से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर के बारे में जानकारी दी गई और अपने में रोग निरोधक क्षमता कैसे विकसित की जाए, इसको लेकर योग पर नियम ध्यान का भी प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें बताया गया कि खानपान और दैनिक जीवन किस तरीके से कोविड-19 के काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है.

215 कैदियों को छोड़ने का आदेश
वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक प्रसाद ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम होने से बंदियों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है, झारखंड हाई कोर्ट हाई पावर कमेटी के द्वारा 7 साल से कम सजा पाने वाले विचाराधीन 215 कैदियों को छोड़ने का आदेश जारी किया गया है, जिसमें अब तक 20 कैदियों को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 45 दिनों की जमानत पर छोड़ा गया है.

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