रांची: बंगाल के बाद अब झारखंड में भी ईडी के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. राज्य के विभिन्न जगहों पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट(ed) की हो रही लगातार कार्रवाई को लेकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है. ईडी के खिलाफ विरोध को लेकर झारखंड के आदिवासी संगठन की तरफ से शुक्रवार को राज भवन मार्च का ऐलान किया गया. जिसमें आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और आदिवासी समाज में लोग शामिल रहेंगे.
गुरुवार को आदिवासी संगठनों ने ऐलान करते हुए यह कहा है कि आज(19 जनवरी) आदिवासी संगठन राज भवन मार्च करेंगे, साथ ही अपने पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन कर यह बताने का काम करेंगे कि झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री को अस्थिर करने का प्रयास न करें. आदिवासी सरना समिति के अजय तिर्की ने यह बयान दिया है कि आदिवासी संगठन द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री को केंद्रीय एजेंसी तंग ना करें और आदिवासियों के हक और अधिकार को छीनने का प्रयास बंद करें.
गुरुवार को आदिवासी संगठनों द्वारा किए गए ऐलान में यह भी कहा गया है कि राजभवन मार्च के साथ पारंपरिक हथियारों का भी प्रदर्शन होगा, लेकिन आदिवासियों के ऐलान को लेकर जिला प्रशासन ने स्पष्ट कह दिया है कि किसी भी तरह के पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. रांची के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर राजेश्वर आलोक ने यह बताया कि लिखित रूप में अभी तक पारंपरिक हथियारों के प्रदर्शन की कोई सूचना नहीं दी गई है. इसलिए जिला प्रशासन के तरफ से राजभवन मार्च और प्रदर्शन के दौरान पारंपरिक हथियारों के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाएगी. प्रशासन की तरफ से एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन करेगा तो उन पर नियम संगत कानूनी कारवाई भी की जाएगी.
मालूम हो कि ईडी ने पहले ही राज्य के वरीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से विधि व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था का कायम रखने की जानकारी दे दी है. बता दें कि 20 जनवरी को ई़डी मुख्यमंत्री से पूछताछ करेगी. जिसको लेकर आदिवासी संगठनों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. अब देखने वाली बात होगी कि आदिवासी संगठनों का आक्रोश किस रूप में सामने आता है.
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