रांची: राज्य सरकार द्वारा झारखंड में मंडी शुल्क 2 फीसदी बढ़ाए जाने को लेकर व्यापारियों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. इसी के मद्देनजर 16 मई यानी आज से राज्य भर के सारे व्यापारियों ने बाहर से माल नहीं खरीदने का ऐलान कर दिया है. राज्य भर के व्यापारियों ने घोषणा करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि 16 मई से कोई भी व्यापारी बाहर से माल नहीं खरीदेगा, जितने भी माल उनके पास बचे हैं सिर्फ वही बेचे जाएंगे.
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बाजार शुल्क बढ़ाने का विरोध प्रदेश के व्यापारी लगातार कर रहे हैं. व्यापारियों के इस निर्णय को लेकर चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए 2 प्रतिशत मंडी शुल्क बढ़ाना चाह रही है. इसका बोझ व्यापारियों पर दिया जा रहा है जो कि कहीं से भी जायज नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार के पास अभी-भी करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए सरकारी खजाने में बचा है. इसके बावजूद भी अधिक आय की क्या आवश्यकता है, यह व्यापारियों की समझ से परे है. अगर 2 प्रतिशत बाजार शुल्क में बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर खाद्य पदार्थों के दामों पर पड़ेगा.
उन्होंने बताया कि एक तरफ राज्य सरकार यह कहती है कि वो आम लोगों के हित में महंगाई को कम करेंगे. दूसरी तरफ वही सरकार 2 फीसदी बाजार शुल्क बढ़ाकर आम लोगों की जेब काटने में जुटी है. उन्होंने राज्य के अफसरों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2 प्रतिशत बाजार शुल्क बढ़ाने की सलाह देने वाले ऑफिसर सिर्फ अपना हित देख रहे हैं. आम लोगों की परेशानी को नजरअंदाज करते हुए उनकी जेब पर बाजार शुल्क का दबाव डाल रहे हैं जो कि कहीं से भी उचित नहीं है.
दीपक मारू ने कहा कि जब बाहर से व्यापारी माल खरीदना बंद कर देंगे तो आने वाले 4 से 5 दिनों के अंदर आम लोगों की समस्याओं बढ़ने लगेंगी. इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार और यहां के अफसर होंगे. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए 2 फीसदी बाजार शुल्क विधेयक को वापस लेने पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में राज्य भर के व्यापारी और भी कड़े कदम उठाएंगे, जिससे राज्य की आर्थिक व्यवस्था भी चरमरा सकती है, साथ ही कालाबाजारी और महंगाई की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है.