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टीपीसी कमांडर भीखन को एनआईए ने घोषित किया वांटेड, खरीदे थे 50 से अधिक एके-47

टीपीसी के कमांडर भीखन गंझू को एनआईए ने एक नए मामले में वांटेड घोषित किया है. उसकी तलाश एनआईए के साथ साथ राज्य की पुलिस को भी है. नागालैंड आर्म्स डील केस में संलिप्तता के बाद भीखन गंझू के तार नागालैंड के अलगाववादी नेता एन सांगथम से जुड़ रहे हैं.

TPC Commander Bhikhan ganjhu declared as Wanted
भीखन को एनआईए ने घोषित किया वांटेड
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Published : Dec 13, 2020, 10:42 PM IST

रांची: तृतीय प्रस्तुति कमेटी(टीपीसी) के कमांडर भीखन गंझू को एनआईए ने एक नए मामले में वांटेड घोषित किया है. पहले से मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में वांटेड रहे भीखन की तलाश एनआईए के साथ साथ राज्य की पुलिस को भी है. एनआईए ने अक्बटूर महीने में बिहार के आर्म्स तस्कर गिरोह के तस्करों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में भीखन गंझू के नाम का भी खुलासा हुआ था. एनआईए ने ऐसे में भीखन गंझू को इस मामले में वांटेड घोषित किया है.

50 से अधिक एके 47 की डील
नागालैंड आर्म्स डील केस में संलिप्तता के बाद भीखन गंझू के तार नागालैंड के अलगाववादी नेता एन सांगथम से जुड़ रहे हैं. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक झारखंड के टीपीसी उग्रवादियों ने 50 से अधिक एके 47 हथियार खरीदे थे. इस सारी डील में भीखन गंझू शामिल था. म्यांमार आर्मी के हथियारों की भी तस्करी कर टीपीसी उग्रवादियों को बेचे गए थे. वांटेड घोषित होने के बाद गिरफ्तार नहीं होने की स्थिति में भीखन गंझू पर एनआईए इनाम घोषित कर सकती है.

आरा के शाहपुर का संतोष था मध्यस्थ
भीखन गंझू ने हथियारों की खरीद के लिए आरा के शाहपुर के रहने वाले संतोष कुमार से मध्यस्थता की थी. हथियारों की डील के बाद पटना के चंद्रविजय प्रताप उर्फ सुशील को पैसों का भुगतान किया गया था. एनआईए की पूर्व की चार्जशीट में जिक्र है कि हथियारों का जखीरा बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते बिहार और झारखंड के टीपीसी उग्रवादियों तक पहुंचाया गया था. नागालैंड के एन सांगथम को एनआईए हथियार तस्करी गिरोह का मास्टरमाइंड मानती है. रांची के दो बैंकों में खाता खोलकर भी हवाला के जरिए पैसों का भुगतान किया जाता था.

इसे भी पढे़ं: देवघर से 211 साइबर अपराधी गिरफ्तार, नए एसपी के नेतृत्व में हुई कार्रवाई

सीसीएल कर्मी से उग्रवादी बना भीखन गंझू
भीखन गंझू सीसीएल का कर्मी है. सीसीएल में काम करने के साथ साथ वह नक्सली संगठन टीपीसी से भी जुड़ा रहा है. टीपीसी की ओर से मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मामले में भी भीखन की संलिप्तता रही है. एनआईए ने पूर्व में भीखन गंझू के खिलाफ टेरर फंडिंग केस में चार्जशीट दायर की है. एनआईए ने बीते महीने टेरर फंडिंग केस में टीपीसी के सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता, आक्रमण समेत अन्य पर तीन से पांच लाख का इनाम घोषित किया है.

कैसे सामने आया था मामला
7 फरवरी 2019 को बिहार के पूर्णिया में पुलिस ने एसयूवी गाड़ी जब्त की थी. मौके से पुलिस ने सूरज प्रसाद, वीरेंगनॉव कहोरनगम, क्लेरशन काबो को गिरफ्तार किया था. जांच में पुलिस को दो ग्रेनेड लॉचर, एक एके 47 राइफल, 5.56 एमएम की 1800 राउंड गोली बरामद किया था. गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर रांची के अरगोड़ा, लातेहार के नेतरहाट से अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. बाद में हथियार तस्करों के टीपीसी लिंक का खुलासा हुआ था. मामले में त्रिपुरारी सिंह, मुकेश सिंह, निंगखान सांगथम, संतोष सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.

रांची: तृतीय प्रस्तुति कमेटी(टीपीसी) के कमांडर भीखन गंझू को एनआईए ने एक नए मामले में वांटेड घोषित किया है. पहले से मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में वांटेड रहे भीखन की तलाश एनआईए के साथ साथ राज्य की पुलिस को भी है. एनआईए ने अक्बटूर महीने में बिहार के आर्म्स तस्कर गिरोह के तस्करों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में भीखन गंझू के नाम का भी खुलासा हुआ था. एनआईए ने ऐसे में भीखन गंझू को इस मामले में वांटेड घोषित किया है.

50 से अधिक एके 47 की डील
नागालैंड आर्म्स डील केस में संलिप्तता के बाद भीखन गंझू के तार नागालैंड के अलगाववादी नेता एन सांगथम से जुड़ रहे हैं. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक झारखंड के टीपीसी उग्रवादियों ने 50 से अधिक एके 47 हथियार खरीदे थे. इस सारी डील में भीखन गंझू शामिल था. म्यांमार आर्मी के हथियारों की भी तस्करी कर टीपीसी उग्रवादियों को बेचे गए थे. वांटेड घोषित होने के बाद गिरफ्तार नहीं होने की स्थिति में भीखन गंझू पर एनआईए इनाम घोषित कर सकती है.

आरा के शाहपुर का संतोष था मध्यस्थ
भीखन गंझू ने हथियारों की खरीद के लिए आरा के शाहपुर के रहने वाले संतोष कुमार से मध्यस्थता की थी. हथियारों की डील के बाद पटना के चंद्रविजय प्रताप उर्फ सुशील को पैसों का भुगतान किया गया था. एनआईए की पूर्व की चार्जशीट में जिक्र है कि हथियारों का जखीरा बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते बिहार और झारखंड के टीपीसी उग्रवादियों तक पहुंचाया गया था. नागालैंड के एन सांगथम को एनआईए हथियार तस्करी गिरोह का मास्टरमाइंड मानती है. रांची के दो बैंकों में खाता खोलकर भी हवाला के जरिए पैसों का भुगतान किया जाता था.

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सीसीएल कर्मी से उग्रवादी बना भीखन गंझू
भीखन गंझू सीसीएल का कर्मी है. सीसीएल में काम करने के साथ साथ वह नक्सली संगठन टीपीसी से भी जुड़ा रहा है. टीपीसी की ओर से मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मामले में भी भीखन की संलिप्तता रही है. एनआईए ने पूर्व में भीखन गंझू के खिलाफ टेरर फंडिंग केस में चार्जशीट दायर की है. एनआईए ने बीते महीने टेरर फंडिंग केस में टीपीसी के सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता, आक्रमण समेत अन्य पर तीन से पांच लाख का इनाम घोषित किया है.

कैसे सामने आया था मामला
7 फरवरी 2019 को बिहार के पूर्णिया में पुलिस ने एसयूवी गाड़ी जब्त की थी. मौके से पुलिस ने सूरज प्रसाद, वीरेंगनॉव कहोरनगम, क्लेरशन काबो को गिरफ्तार किया था. जांच में पुलिस को दो ग्रेनेड लॉचर, एक एके 47 राइफल, 5.56 एमएम की 1800 राउंड गोली बरामद किया था. गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर रांची के अरगोड़ा, लातेहार के नेतरहाट से अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. बाद में हथियार तस्करों के टीपीसी लिंक का खुलासा हुआ था. मामले में त्रिपुरारी सिंह, मुकेश सिंह, निंगखान सांगथम, संतोष सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.

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