रांची: नये साल 2023 का वेलकम करने के लिए 1 जनवरी को बड़ी संख्या में लोग घर से बाहर निकले. किसी ने पार्क में पिकनिक मनाया तो किसी ने वाटर फॉल्स के प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाया. किसी ने डैम या अन्य पर्यटन स्थल पर पहुंचकर पिकनिक मनाया और मौजमस्ती की. नये साल 2023 के सेलिब्रेशन के लिए राजधानी के बिरसा मुंडा जू, बायो डाइवर्सिटी पार्क, पतरातू डैम, रॉक गार्डन, सिधो कान्हो पार्क, और निगम पार्क में बड़ी संख्या में लोग दिन भर पहुंचते रहे (Tourist places of Ranchi buzzing on New Year 2023).
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इन सबके बीच रांची का ओल्ड जेल परिसर आकर्षण का केंद्र रहा, जो अब एक म्यूजियम (Birsa Munda Museum) में तब्दील हो चुका है और फिरंगियों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में झारखंड के वीर सपूतों के बलिदान और त्याग की कहानी को जर्रा जर्रा में आत्मसात किये हुए है. धरती आबा बिरसा मुंडा को जिस सेल में फिरंगियों ने बंदकर रखा था, उन्हें अमानवीय प्रताड़ना दी थी और अंत में कैद में ही उनकी शहादत हो गई. इस दास्तान से जुड़ी हर याद को नये साल में राजधानीवासी ने ना सिर्फ जाना और समझा बल्कि, अपनी नई पीढ़ियों यानि बच्चों को यह बताया कि देश की आजादी ऐसे ही नहीं मिली है, बल्कि इसके लिए हमारे पूर्वजों ने जीवन का बलिदान दिया है. बिरसा मुंडा के अलावा अन्य शहीदों की जीवनी को लोगों ने जाना. उन्हें जनजातीय जीवन की भी जानकारी मिली. पत्थलगढ़ी, झारखंड के त्योहार, यहां की सभ्यता संस्कृति, यहां की खेती, उपज सभी की जानकारी खुद में समेटे बिरसा मुंडा संग्रहालय को 1 जनवरी 2023 को लोगों ने मस्ती और ज्ञान के लिए नंबर एक का डेस्टिनेशन माना.
चिंता की बात यह कि कोरोना और मास्क के प्रति उदासीन दिखें रांचीवासी: नए वर्ष की मस्ती और नूतन वर्ष में अपने सुनहरे इतिहास की जानकारी अगली पीढ़ी को पहुंचाने की उमंग के बीच चिंता की बात यह रही कि कोरोना के ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट BF.7 के संक्रमण बढ़ने के संभावित खतरे और चीन से कोरोना की डरावनी तस्वीर हर दिन आने के बावजूद राजधानी रांची के पार्क, डैम, संग्रहालय और पर्यटन स्थल पहुंचने वाले लोग कोरोना से बचाव के लिए प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करते दिखे. ज्यादातर लोगों ने मास्क लगाना जरूरी नहीं समझा और जिन लोगों ने मास्क लिया भी था, तो वह उनके पर्स में या नाक-मुंह के नीचे खिसका था. आज स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही या उदासीनता भी दिखी और किसी भी वैसी जगह जहां बड़ी संख्या में लोगों को नए साल के सेलिब्रेशन के लिए पहुंचने की उम्मीद थी. वहां सैंपल टेस्टिंग या कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता की कोई कोशिश नहीं की गई थी. ईटीवी भारत अपने सभी पाठकों से अपील करता है कि कोरोना का खतरा टला नहीं है. इसलिए मास्क लगाना जारी रखें, भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से जितना संभव है, बचें और हाथों को सेनेटाइज करें.