रांचीः झारखंड में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने बड़ी तैयारी की है. झारखंड पुलिस के डीजीपी कमल नयन चौबे का यह मानना है कि नक्सलियों से ज्यादा अपराधी आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं. पुलिस मुख्यालय ने झारखंड के प्रत्येक जिले के 10 शीर्ष अपराधियों के खिलाफ दर्ज मामलों में सबूत जुटाकर स्पीडी ट्रायल का निर्देश दिया है.
सीआईडी ने जारी किया निर्देश
डीजीपी के दिशा निर्देश पर काम करते हुए झारखंड सीआईडी एडीजी ने आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सभी जिलों के एसपी को टास्क दिया है. टास्क के मुताबिक जिलों में आदतन अपराध करने वालों का डोजियर खोला जाएगा. इसके बाद ही अपराधी को सजा दिलाई जा सके इसके लिए प्रत्येक जिले के 10 शीर्ष अपराधियों के खिलाफ दर्ज मामलों में साक्ष्य जुटाकर स्पीडी ट्रायल का निर्देश दिया गया है.
स्पीडी ट्रायल के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई
सीआईडी के तरफ से स्पीडी ट्रायल के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. पहली श्रेणी में राज्य के शातिर अपराधी जो दर्जन भर कांडों में आरोपी हैं, उन्हें सजा दिलाने की प्राथमिकता होगी. दूसरी श्रेणी में महिला-बच्चों या कमजोर वर्ग के साथ हुए जघन्य कांड और तीसरी श्रेणी में नक्सल कांडों को रखा गया है.
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जेल से एक्टिव अपराधियों पर विशेष नजर
स्पीडी ट्रायल के तहत झारखंड के सभी जिलों के जिन शीर्ष 10 अपराधियों को सजा दिलाए जाने की बात कही गई है. उनमें वैसे अपराधी शामिल होंगे जो जेल में रहकर भी एक्टिव हैं या फिर उनके जेल से निकलने के बाद आपराधिक वारदातों के बढ़ने की आशंका है. सीआईडी के अनुसार दुष्कर्म के आरोपियों को भी स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाई जाएगी, जिसके लिए भी लिस्ट तैयार की जा रही है.
स्पीडी ट्रायल के दो चरण काफी सफल रहे थे
स्पीडी ट्रायल के पहले चरण में 500 केस का चयन हुआ था, जिसमें स्पीडी ट्रायल के नतीजे सकारात्मक रहे. इसे देखते हुए दूसरे चरण में 1000 कांडों का स्पीडी ट्रायल किया गया. दूसरे चरण में भी पुलिस की परफॉर्मेंस सजा दिलाने में काफी बेहतर रहा था. अब पुलिस तीसरे चरण की तैयारी में है. इसमें 1001 केसों का स्पीडी ट्रायल होगा. जिला स्तर से कांडों की सूची मिलने के बाद सीआईडी के स्तर पर इसकी समीक्षा की जा रही है, जिसके बाद पूरी सूची गृह विभाग को भेजी जाएगी.
स्पीडी ट्रायल के पहले चरण में अधिकांश मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने में झारखंड पुलिस सफल रही थी. स्पीडी ट्रायल के तहत आर्म्स एक्ट, एससी-एसटी एक्ट, दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, भ्रष्टाचार अधिनियम, सरकारी संपत्ति या धन के गबन से संबंधित मामले, भया दोहन, लूट और वैसे सभी कांड जिसमें अभियुक्तों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई होने संबंधित चार्जसीटेड की सूची तैयार करने का निर्देश जिले के एसपी को दिया गया है.
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जेल में अपराधियों से मिलने वाले भी निशाने पर
पुलिस मुख्यालय के नए आदेश के बाद जेल में बंद अपराधियों से मिलने वालों पर भी पूरी निगरानी रखी जाएगी. सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह जेल में बंद अपराधियों से मिलने आने वाले, उनके सहयोगी और परिवार के सदस्यों का मोबाइल नंबर पूरा पता और पहचान प्राप्त कर उनकी निगरानी रखेंगे. जेल में बंद कुख्यात अपराधियों पर सीसीए और छूट चुके कुख्यात अपराधियों पर तड़ीपार की कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया है. सभी जिलों के एसपी को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह फर्जी जमानतदार के ऊपर भी विशेष नजर रखें.
चुनाव के बाद तेज होगी प्रक्रिया
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा ने बताया कि राज्य में अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए उन्हें स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाने की योजना बनाई गई है. विधानसभा चुनाव के बाद यह प्रक्रिया तेज गति से अमल में लायी जाएगी.