रांचीः प्रदेश के खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग ने कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए राज्य के लाभुकों के लिए इमरजेंसी टॉल फ्री नम्बर 1967 और 1800 212 5512 जारी किया है. साथ ही जरूरतमंद व्यक्ति 89695 83111 के जरिये व्हाट्सएप्प और एसएमस भी कर सकते हैं. इसके अलावा वेबसाइट- dfcajharkhand.in पर जाकर संपर्क कर सकते हैं. साथ ही pgms@dfcajharkhand.in पर ई-मेल कर लाभुक सहायता प्राप्त कर सकते हैं.
विभाग की ओर से जिला और पंचायत स्तर पर भोजन की व्यवस्था की गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जरूरतमंदों तक दो महीने तक का अग्रिम खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया गया है. विभाग के आंकड़ो के अनुसार अभी तक 1,34,486 लोगों तक अनाज पहुंचा दिया गया है. वहीं नन पीडीएस के तहत 1,56,630 लोगों तक अनाज उपलब्ध कराया गया है. वहीं दाल भात के विभिन्न योजनाओं में अब तक 29,10,168 लोगों को खाना खिलाया जा चुका है. विभाग की ओर से 36,306 लोगों तक विशेष राहत सामग्री के पैकेट पहुचाये गए हैं. जबकि एनजीओ और वोलेंटियर की टीम की ओर से 15,74,086 लोगों को खाना खिलाया जा चुका है. वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए 625 राहत कैम्प में 1,09,103 मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है. इसके साथ ही राज्य में 13,57,506 पेंशन धारकों तक उनके पेंशन की राशि भी उपलब्ध करा दी गई है.
राज्य में कोविड-19 से 17 लोग हैं संक्रमित
राज्य सरकार बार-बार राज्य के सभी नागरिकों से घर पर रहने के लिए आग्रह कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के अनुसार अभी तक राज्य में 1,682 लोगों का कोविड-19 टेस्ट लिया गया जिसमें से 17 पॉजिटिव पाए गये. पॉजिटिव पाए गए लोगों मे 6 बोकारो के हैं, 2 हजारीबाग के, 1 कोडरमा के और 8 रांची के हैं. कोरोना से बचाव के लिए राज्य में 3,768 क्वारेंटाइन सेंटर कार्य कर रहे हैं, जिसमें 15,534 लोगों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है. वहीं 1,16,214 लोग होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे हैं. अभी तक 60,744 लोगों ने अपना क्वॉरेंटाइन पूरा कर लिया है.
राज्य के बाहर फंसे झारखंड के लोगों की मदद के लिए सरकार है एक्टिव
कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में झारखंड के 7,87,007 लोग फंसे हुए हैं. जिनमें 5,177 जगहों पर 5,03,435 प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की जानकारी है. सभी लोगों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन तक हर स्तर से मदद पहुंचाई जा सके. अब तक सरकार की ओर से 4,834 जगहों पर फंसे 3,87,988 मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था कर दी गयी है.