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रिम्स के छात्रों को कब तक मिलेगी हॉस्टल आने की अनुमति? प्रबंधन ने जांच कमेटी का किया गठन

रिम्स के छात्रों से हॉस्टल खाली कराने के बाद अब इस बात की समीक्षा की जा रही है कि छात्रों को कब तक हॉस्टल में वापस बुलाया जाए. इसके अलावा दोषी छात्रों पर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है.

RIMS will be allowed to come to hostel
RIMS will be allowed to come to hostel
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Published : Jul 25, 2023, 8:09 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:20 PM IST

रिम्स के पीआरओ का बयान

रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में 18 जुलाई को हुई हॉस्टल के छात्रों के बीच मारपीट की घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाले लगभग 800 छात्रों से रूम खाली करा लिया गया है. आदेश जारी होने के बाद आनन-फानन में सभी छात्र हॉस्टल खाली कर अपने अपने घर चले गए, लेकिन घर जाने के बाद छात्रों के मन में यह संशय है कि उनका कोर्स कैसे पूरा होगा और प्रैक्टिकल सहित अन्य क्लासेस कैसे कंप्लीट होंगे. छात्रों की परेशानी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब प्रबंधन से बात की तो डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि जिस तरह की घटना हुई है वह रिम्स की गरिमा को कम करता है. आने वाले दिनों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रबंधन पूरे मामले को लेकर गंभीर है और हर स्तर पर बैठक कर समीक्षा की जा रही है ताकि छात्रों को जल्द से जल्द हॉस्टल बुलाया जाए.

ये भी पढ़ें: रिम्स कॉलेज प्रबंधन का छात्रों पर चला चाबुक, 2019-2022 सत्र के विद्यार्थियों को हॉस्टल से निकाला

डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि 8 जुलाई से लेकर 18 जुलाई तक के बीच हुई घटना का मुख्य कारण कौन हैं. उसे चिन्हित करने के लिए हाई लेवल कमिटी का गठन किया गया है. जिसमें एक्डेमिक डीन, स्टूडेंट वेलफेयर डीन, सर्जरी के एचओडी, बायोकेमिस्ट्री के एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी के एचओडी के साथ साथ डेंटल के ओरल पैथोलॉजी के हेड को शामिल किया गया है.

टीम में शामिल लोगों के द्वारा पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद एक रिपोर्ट डायरेक्टर को सौंपी जाएगी और फिर जिन छात्रों का नाम सामने आएगा उन पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उनके अभिभावकों को बुलाया जाएगा और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करा कर फिर जाकर उन्हें हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने बताया कि हॉस्टल खाली होने के बाद हॉस्टलों की रिपेयरिंग के लिए भी पदाधिकारियों के साथ बैठक की गई. पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ रिम्स के निदेशक और भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमें हॉस्टल के रिपेयरिंग को लेकर चर्चा की गई है.

डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि जब तक पूरे मामले पर सभी बातें स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक हॉस्टल में छात्रों को प्रवेश करने की अनुमति प्रबंधन की तरफ से नहीं दी जाएगी. इसके अलावा नेशनल मेडिकल काउंसिल से भी बातचीत की जा रही है ताकि जिन छात्रों के क्लास बाधित हो रही है या फिर प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहे हैं उनके लिए अतिरिक्त समय दिया जाए. जिससे कॉलेज की छवि खराब ना हो सके.

रिम्स अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह तक हॉस्टल में छात्रों को प्रवेश करने पर निर्णय ले लिया जाएगा. गौरतलब है कि 18 जुलाई की देर रात मेडिकल छात्रों के बीच तनातनी हुई थी. जिसको लेकर कई छात्रों ने मारपीट का आरोप लगाया था. मामले पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 19 जुलाई की देर रात आदेश जारी कर हॉस्टल में रहने वाले 2019 बैच से 2022 बैच के छात्रों को 20 जुलाई तक हॉस्टल खाली करवा दिया. छात्रों ने प्रबंधन के आदेश पर विरोध भी जताया, लेकिन प्रबंधन के सख्त आदेश के सामने छात्रों की एक न चली और सभी छात्रों को हॉस्टल खाली करना पड़ा.

रिम्स के पीआरओ का बयान

रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में 18 जुलाई को हुई हॉस्टल के छात्रों के बीच मारपीट की घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाले लगभग 800 छात्रों से रूम खाली करा लिया गया है. आदेश जारी होने के बाद आनन-फानन में सभी छात्र हॉस्टल खाली कर अपने अपने घर चले गए, लेकिन घर जाने के बाद छात्रों के मन में यह संशय है कि उनका कोर्स कैसे पूरा होगा और प्रैक्टिकल सहित अन्य क्लासेस कैसे कंप्लीट होंगे. छात्रों की परेशानी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब प्रबंधन से बात की तो डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि जिस तरह की घटना हुई है वह रिम्स की गरिमा को कम करता है. आने वाले दिनों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रबंधन पूरे मामले को लेकर गंभीर है और हर स्तर पर बैठक कर समीक्षा की जा रही है ताकि छात्रों को जल्द से जल्द हॉस्टल बुलाया जाए.

ये भी पढ़ें: रिम्स कॉलेज प्रबंधन का छात्रों पर चला चाबुक, 2019-2022 सत्र के विद्यार्थियों को हॉस्टल से निकाला

डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि 8 जुलाई से लेकर 18 जुलाई तक के बीच हुई घटना का मुख्य कारण कौन हैं. उसे चिन्हित करने के लिए हाई लेवल कमिटी का गठन किया गया है. जिसमें एक्डेमिक डीन, स्टूडेंट वेलफेयर डीन, सर्जरी के एचओडी, बायोकेमिस्ट्री के एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी के एचओडी के साथ साथ डेंटल के ओरल पैथोलॉजी के हेड को शामिल किया गया है.

टीम में शामिल लोगों के द्वारा पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद एक रिपोर्ट डायरेक्टर को सौंपी जाएगी और फिर जिन छात्रों का नाम सामने आएगा उन पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उनके अभिभावकों को बुलाया जाएगा और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करा कर फिर जाकर उन्हें हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने बताया कि हॉस्टल खाली होने के बाद हॉस्टलों की रिपेयरिंग के लिए भी पदाधिकारियों के साथ बैठक की गई. पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ रिम्स के निदेशक और भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमें हॉस्टल के रिपेयरिंग को लेकर चर्चा की गई है.

डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि जब तक पूरे मामले पर सभी बातें स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक हॉस्टल में छात्रों को प्रवेश करने की अनुमति प्रबंधन की तरफ से नहीं दी जाएगी. इसके अलावा नेशनल मेडिकल काउंसिल से भी बातचीत की जा रही है ताकि जिन छात्रों के क्लास बाधित हो रही है या फिर प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहे हैं उनके लिए अतिरिक्त समय दिया जाए. जिससे कॉलेज की छवि खराब ना हो सके.

रिम्स अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह तक हॉस्टल में छात्रों को प्रवेश करने पर निर्णय ले लिया जाएगा. गौरतलब है कि 18 जुलाई की देर रात मेडिकल छात्रों के बीच तनातनी हुई थी. जिसको लेकर कई छात्रों ने मारपीट का आरोप लगाया था. मामले पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 19 जुलाई की देर रात आदेश जारी कर हॉस्टल में रहने वाले 2019 बैच से 2022 बैच के छात्रों को 20 जुलाई तक हॉस्टल खाली करवा दिया. छात्रों ने प्रबंधन के आदेश पर विरोध भी जताया, लेकिन प्रबंधन के सख्त आदेश के सामने छात्रों की एक न चली और सभी छात्रों को हॉस्टल खाली करना पड़ा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:20 PM IST
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