बाराबंकी: बाराबंकी पुलिस ने तीन शातिर मार्फीन तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 5 किलो 110 ग्राम अवैध मार्फीन बरामद की गई है. जिसकी अंतराष्ट्रीय कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है. तस्करी का ये धंधा झारखंड से ऑपरेट किया जा रहा था. गिरोह का सरगना झारखंड का रहने वाला है. एनडीपीएस में पिता के जेल में बंद होने से ये अवैध धंधा बेटा संचालित कर रहा था.
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अवैध मार्फीन बरामद
सर्विलांस टीम और मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र की पुलिस ने मंगलवार को दादन चौराहे के पास से तीन शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है. जिनके कब्जे से पांच किलो एक सौ दस ग्राम अवैध मार्फीन बरामद की गई है. साथ ही तस्करी में प्रयुक्त की जाने वाली कार भी बरामद हुई है. तस्करों के पास से बरामद अवैध मार्फीन की अंतराष्ट्रीय कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
झारखंड से ऑपरेट हो रहा तस्करी का धंधा
पकड़े गए अभियुक्तों में अवधेश कुमार पुत्र बिजेंद्र दांगी झारखंड प्रदेश के चतरा जिले के पथरगड्ढा थाने के चौथा गांव का रहने वाला है. ये तस्करी के नेटवर्क का सरगना है. इसके अलावा सद्दाम उर्फ अफसार बाराबंकी जिले के असंदरा थाने के पारा इब्राहिम का निवासी है, तीसरा अभियुक्त कृष्ण कुमार मिश्र है जो लखनऊ जिले के गुडम्बा थाने के सेक्टर एच-जानकीपुरम का रहने वाला है.
कई प्रदेशों में हो रही सप्लाई
अवैध मार्फीन तस्करी के इस गिरोह को अवधेश संचालित करता है. इसके द्वारा बड़े पैमाने पर क्रूड माल और फाइन मार्फीन की सप्लाई झारखंड से उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में की जाती है. सद्दाम इसका खास साथी है. जो पिछले काफी अर्से से इस अवैध तस्करी में लिप्त है.
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पिता एनडीपीएस मामले में जेल में बंद
दरअसल अवधेश के पिता बिजेंद्र दांगी और सद्दाम के मामा झारखंड की एक जेल में पिछले 04 वर्षों से एनडीपीएस के मामले में बंद हैं. जेल में मिलाई के दौरान ही अवधेश और सद्दाम की मुलाकात हुई और तभी से ये दोनों इस अवैध कारोबार में लिप्त हो गए.
बाराबंकी में इस गिरोह के कई सदस्य सक्रिय
अभियुक्त सद्दाम और कृष्णकुमार झारखंड से मार्फीन लाकर बाराबंकी, लखनऊ, अयोध्या, गोंडा और आसपास के कई जिलों में सप्लाई करते हैं. कुछ दिनों पहले सद्दाम और कृष्णकुमार दोनों मार्फीन लेने के लिए झारखंड गए थे, लेकिन पूरा पैसा न दे पाने के कारण सद्दाम ने अवधेश से कहा कि मेरे साथ चलो वहां मार्फीन सप्लाई भी हो जाएगी और अपना पैसा भी ले लेना, लेकिन बाराबंकी आते ही तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए.