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रांची के तीन मार्गों का पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयन, स्मार्ट सिटी CEO ने दी हरी झंडी

केंद्रीय योजना साइकिल फॉर चेंज चैलेंज और स्ट्रीट फॉर पीपुल प्रतिस्पर्द्धा के तहत रांची के तीन महत्वपूर्ण मार्गों का चयन पायलट प्रोजेक्ट के लिए किया गया है. इसको लेकर मंगलवार को राज्य शहरी विकास अभिकरण निदेशक कार्यालय में बैठक की गई. जिसमें स्मार्ट सिटी के सीईओ अमित कुमार ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी.

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Published : Jan 19, 2021, 5:13 PM IST

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राज्य शहरी विकास अभिकरण निदेशक कार्यालय में बैठक

रांचीः केंद्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे साइकिल फॉर चेंज चैलेंज और स्ट्रीट फॉर पीपुल प्रतिस्पर्द्धा के तहत राजधानी के तीन महत्वपूर्ण मार्गों का चयन पायलट प्रोजेक्ट के लिए किया गया है. जिसमें बिरसा चौक से प्रोजेक्ट भवन, बिरसा चौक से राजेंद्र चौक और बिरसा चौक से कांके रोड वाया हरमू बाईपास की सड़क शामिल है.

मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित राज्य शहरी विकास अभिकरण निदेशक कार्यालय में साइकिल फॉर चेंज चैलेंज पर आधारित बैठक में रांची स्मार्ट सिटी के सीईओ अमित कुमार ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी. अब इस प्रतिस्पर्द्धा के लिए बनी टीम यह तय करेगी कि इन तीनों मार्गों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत टेस्टिंग के लिए क्या कुछ कदम उठाए जाए. इस बैठक में राजधानी में साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुझाव भी दिए गए.

साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए दिए गए सुझाव

  • शहर की सड़कों के किनारे सड़कों पर मौजूद पॉटहोल्स भरे जाएं.
  • सड़क के किनारे अवस्थित सरकारी पार्किंग के पास थोड़ी जगह साइकिल पार्किंग के लिए भी आरक्षित हो.
  • सरकारी भवनों के पास भी साइकिल पार्किंग का निर्माण हो.
  • सड़कों के किनारे सेफ्टी साईनेज लगाए जाएं.
  • ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया के दौरान प्रशिक्षुओं को साइकिल चालक और पैदल चलने वाले व्यक्तियों के साथ व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाए.
  • विज्ञापन के माध्यम से सड़कों पर साइकिल और पैदल चलने वाले नागरिकों को सम्मान का बोध कराया जाए.


इसे भी पढ़ें- निशिकांत दुबे की पत्नी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत जारी, 27 जनवरी को होगी सुनवाई

मोरहाबादी इलाके में भी साइकिल ट्रैक चिन्हित
वहीं रांची स्मार्ट सिटी के सीईओ सह निदेशक सूडा अमित कुमार ने कहा कि आने वाले समय में मोरहाबादी इलाके में भी साइकिल ट्रैक चिन्हित किया जाना चाहिए. साइकिल ट्रैक का चिन्हितीकरण एक सर्किट के रुप में होना चाहिए. इससे साइकिल प्रेमियों को राहत मिलेगी और शहर में साइकिल की संस्कृति विकसित होगी. वहीं रांची के साइकिल मेयर कनिष्क पोद्दार ने कहा कि पब्लिक बाईसाइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत होने से पिछले दो वर्षों में साइकिल चालकों की संख्या बढ़ी है और पहले से बेहतर साइकिल की संस्कृति विकसित हुई है. इसे और आगे ले जाने की जरुरत है.


पूर्व में किए गए कई कार्यक्रम
पूर्व में इस प्रतिस्पर्द्धा की मदद से लोगों में साइकिल के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा चुके हैं. वहीं लोगों से ऑनलाइन गूगल पेज माध्यम से साइकिल चलाने में होने वाली प्रमुख कठिनाईयों का भी सर्वे किया गया है. साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कई साइकिल रैलियां भी निकाली जा चुकी हैं.

रांचीः केंद्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे साइकिल फॉर चेंज चैलेंज और स्ट्रीट फॉर पीपुल प्रतिस्पर्द्धा के तहत राजधानी के तीन महत्वपूर्ण मार्गों का चयन पायलट प्रोजेक्ट के लिए किया गया है. जिसमें बिरसा चौक से प्रोजेक्ट भवन, बिरसा चौक से राजेंद्र चौक और बिरसा चौक से कांके रोड वाया हरमू बाईपास की सड़क शामिल है.

मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित राज्य शहरी विकास अभिकरण निदेशक कार्यालय में साइकिल फॉर चेंज चैलेंज पर आधारित बैठक में रांची स्मार्ट सिटी के सीईओ अमित कुमार ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी. अब इस प्रतिस्पर्द्धा के लिए बनी टीम यह तय करेगी कि इन तीनों मार्गों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत टेस्टिंग के लिए क्या कुछ कदम उठाए जाए. इस बैठक में राजधानी में साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुझाव भी दिए गए.

साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए दिए गए सुझाव

  • शहर की सड़कों के किनारे सड़कों पर मौजूद पॉटहोल्स भरे जाएं.
  • सड़क के किनारे अवस्थित सरकारी पार्किंग के पास थोड़ी जगह साइकिल पार्किंग के लिए भी आरक्षित हो.
  • सरकारी भवनों के पास भी साइकिल पार्किंग का निर्माण हो.
  • सड़कों के किनारे सेफ्टी साईनेज लगाए जाएं.
  • ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया के दौरान प्रशिक्षुओं को साइकिल चालक और पैदल चलने वाले व्यक्तियों के साथ व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाए.
  • विज्ञापन के माध्यम से सड़कों पर साइकिल और पैदल चलने वाले नागरिकों को सम्मान का बोध कराया जाए.


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मोरहाबादी इलाके में भी साइकिल ट्रैक चिन्हित
वहीं रांची स्मार्ट सिटी के सीईओ सह निदेशक सूडा अमित कुमार ने कहा कि आने वाले समय में मोरहाबादी इलाके में भी साइकिल ट्रैक चिन्हित किया जाना चाहिए. साइकिल ट्रैक का चिन्हितीकरण एक सर्किट के रुप में होना चाहिए. इससे साइकिल प्रेमियों को राहत मिलेगी और शहर में साइकिल की संस्कृति विकसित होगी. वहीं रांची के साइकिल मेयर कनिष्क पोद्दार ने कहा कि पब्लिक बाईसाइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत होने से पिछले दो वर्षों में साइकिल चालकों की संख्या बढ़ी है और पहले से बेहतर साइकिल की संस्कृति विकसित हुई है. इसे और आगे ले जाने की जरुरत है.


पूर्व में किए गए कई कार्यक्रम
पूर्व में इस प्रतिस्पर्द्धा की मदद से लोगों में साइकिल के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा चुके हैं. वहीं लोगों से ऑनलाइन गूगल पेज माध्यम से साइकिल चलाने में होने वाली प्रमुख कठिनाईयों का भी सर्वे किया गया है. साइकिलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कई साइकिल रैलियां भी निकाली जा चुकी हैं.

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