रांची: राजधानी में किरायेदारों का वेरिफिकेशन नहीं होने का पूरा फायदा अपराधी उठा रहे हैं. नया मामला बाइक चोर गिरोह से जुड़ा हुआ है. राजधानी के लोअर बाजार इलाके से पुलिस की टीम ने बाइक चोर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. सभी बाइक चोर मजदूर बनकर किराए के घर में पनाह लिए हुए थे. गिरफ्तार अपराधियों के पास से आधा दर्जन से अधिक चोरी की बाइक भी बरामद की गई है.
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क्या है पूरा मामला
राजधानी रांची में शातिर बाइक चोरों का एक गिरोह मजदूर बनकर किराए के घर में पनाह लेकर बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा था. शहर से बाइक चुराकर यह गिरोह ग्रामीण इलाकों में बेहद कम कीमत पर बेच दिया करते थे. लोअर बाजार थाने की पुलिस ने इस वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों में गिरोह का सरगना गुमला निवासी अफसर कुरैशी के अलावा महमूद राय उर्फ राय और शेर खान उर्फ शेरू शामिल है. चोर गिरोह के पास से पुलिस ने स्कूटी समेत करीब आधा दर्जन बाइक बरामद की है. पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह के दूसरे सदस्यों शाहीद राय, गोलू राय समेत अन्य साथियों के नामों का खुलासा किया है.
अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
रांची के सिटी डीएसपी दीपक कुमार ने बताया कि 7 जून को लोअर बाजार थाना क्षेत्र से एक बाइक की चोरी हुई थी, इसकी जानकारी मिलने के बाद एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर थानेदार संजय कुमार ने एक टीम का गठन किया. गठित टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाइक चोरी करने वाले अफसर कुरैशी को बेड़ो से गिरफ्तार किया. कड़ाई से पूछताछ में उसने पुलिस को वाहन चोरी के अंतर जिला गिरोह के बारे में बताया. सरगना की निशानदेही पर पुलिस की टीम ने महमूद और शेरू को गिरफ्तार किया. वहीं अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
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कई इलाकों में बेचे गए चोरी के वाहन
गिरफ्तार सरगना से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है, कि बाइक चोरी करने के बाद महमूद, शाहीद, गोलू और शेरू उसे ग्रामीण इलाकों में खपाते हैं. ज्यादातर चोरी की गाड़ियां सिमडेगा, खूंटी, लोहरदगा, बेड़ो आदि इलाकों में खपाया गया है. पांच से दस हजार रुपए में बाइक की बिक्री किया जाता था. खरीदारों से वे यह भी कहकर वाहन देते हैं कि इसका कोई कागजात नहीं है. ग्रामीण इलाकों में चेकिंग नहीं होने की वजह से लोग सस्ते दामों में उसे खरीदकर घूमते हैं. चोरी की सैकड़ों गाड़ियां ग्रामीण इलाकों में चल रही है. सिटी डीएसपी ने बताया कि पूरी प्लानिंग के साथ बाइक की चोरी की जाती है, एक बाइक को उड़ाने में गिरोह के दो लोग लगते हैं, एक बाइक की रेकी करता है, उसके बाद उसी बाइक को दूसरा उड़ा कर ले जाता है, चोरी करने के बाद बाइक सीधे बेड़ो स्थित सरगना के घर पर रखा जाता है, इसके बाद बाइक को बिक्री के लिए गिरोह के सदस्य ग्राहक तलाशने में जुट जाते हैं.
टायर दुकान की आड़ में चोरी का धंधा
सरगना अफसर कुरैशी ने पुलिस को बताया कि बाइक चोरी करने वाले गिरोह के सदस्य को बिक्री की राशि का आधा हिस्सा दिया जाता है. बाकी रकम गिरोह के अन्य सदस्य बराबर बांटते हैं, ताकि सभी को कुछ राशि मिल सके. लोअर बाजार थानेदार ने बताया कि शेरू खान उर्फ शेरू का कांटाटोली में अस्थायी टायर की दुकान है. उस दुकान में गिरोह का सरगना अफसर कुरैशी भी काम करता था. अफसर ने अधिक पैसे कमाने का लालच देकर शेरू को अपने साथ मिला लिया. दोनों मिलकर बाइक उड़ाने लगे. इसी क्रम में दोनों ने मिलकर अपना एक गिरोह तैयार कर लिया. शहर के अन्य हिस्सों से वे बाइक की चोरी करने लगे.