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हेमंत कैबिनेट के विस्तार में देरी, कहीं विभाग बंटवारे को लेकर जिच तो नहीं, दिल्ली में हेमंत, चर्चा की संभावना!

झारखंड में महागठबंधन की सरकार को जनता ने बहुमत दिया है, लेकिन सरकार बनने के लगभग एक महाने बाद भी महागठबंधन अपने केबिनेट का विस्तार नहीं कर पाई है. सूत्रों की मानें तो विभागों पर चल रही पेंच की वजह से केबिनेट का विस्तार नहीं पाया है.

There can be talk on expansion of Hemant cabinet in Delhi
फाइल फोटो
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Published : Jan 20, 2020, 2:22 PM IST

रांची: प्रदेश में बनी महागठबंधन की बहुमत वाली सरकार के कैबिनेट एक्सपेंशन में हो रही देरी की वजह विभागों पर चल रही 'ज़िच' को भी माना जा रहा है. दरअसल एक तरफ जहां झामुमो सरकार पर पकड़ बनाए रखने के मकसद से महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखना चाहता है. वहीं, कांग्रेस 'सत्ता की चाबी' अपने हाथ में रखने को लेकर एक्टिव है.

देखें पूरी खबर

अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो मामला गृह, वित्त, सड़क निर्माण, भवन निर्माण समेत कल्याण विभाग को लेकर फंस रहा है. पिछली सरकार के फॉर्मूला अगर देखें तो तत्कालीन सीएम के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग थे, हालांकि मौजूदा सरकार में यह संभव नहीं होगा, लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महत्वपूर्ण विभागों को अपने पोर्टफोलियो में जोड़कर रखने की कवायद में लगे हैं. दरअसल सीएम के पास होम डिपार्टमेंट सूचना एवं जनसंपर्क विभाग भवन निर्माण जैसे विभागों को लेकर कांग्रेस अपनी डिमांड रख रही है.

ये भी देखें -आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों ने लहराया कामयाबी का परचम, JEE मेंस में सफल हुए 19 छात्र

इन विभागों पर है कांग्रेस की नजर
सरकार में कैबिनेट मंत्री और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पूर्व आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं. ऐसे में अपने अनुभवों का हवाला देते हुए वह होम डिपार्टमेंट की चाह रखते हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस से महिला कोटे में आने वाली मंत्री शिक्षा विभाग की तरफ नजर गड़ाए हुए हैं. इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के ऊपर भी कांग्रेस की नजर है. जबकि वित्त, सड़क निर्माण, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों पर भी पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है.

ये भी देखें- सिक्किम के गवर्नर पहुंचे जमशेदपुर, कहा- देश के विकास में समाज अपना सहयोग दें

झामुमो भी सरकार पर मजबूत पकड़ के फार्मूले पर है अडिग
इसके उलट झारखंड मुक्ति मोर्चा किसी भी हाल में गृह, वित्त, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य अपने पास रखना चाहता है. साथ ही अल्पसंख्यक कोटे से उसके संभावित मंत्री भी अपनी अलग दावेदारी में लगे हैं.

दिल्ली में हैं सोरेन, हो सकती है इन मामलों पर चर्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल दिल्ली में है. कांग्रेस के सूत्रों पर यकीन करें तो उनके इस दिल्ली ट्रिप में मंत्रियों के नाम और विभाग को लेकर फाइनल मुहर लग जाने की पूरी उम्मीद है. वहीं, कैबिनेट एक्सपेंशन पर 26 जनवरी के पहले तस्वीर साफ हो जाएगी. 22 से 24 तक गवर्नर द्रौपदी मुर्मू के बाहर होने की सूचना है. इसी वजह से कैबिनेट एक्सपेंशन के लिए 25 जनवरी के तारीख पर संभावनाएं ज्यादा हैं.

ये भी देखें- चोर-उच्चकों के खिलाफ पुलिस की दबिश, छह गिरफ्तार, चोरी की बाइक और मोबाइल बरामद

अधिकतम 8 मंत्रियों के पद हैं खाली
बता दें कि हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री समेत जेएमएम से 6, कांग्रेस से पांच और राजद से एक मंत्री को जगह मिलनी है, हालांकि 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री सोरेन के साथ राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस कोटे से दो मंत्रियों रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम ने शपथ ग्रहण किया है. प्रावधान के अनुसार अधिकतम 8 मंत्रियों के पद अभी और भरे जाने हैं.

रांची: प्रदेश में बनी महागठबंधन की बहुमत वाली सरकार के कैबिनेट एक्सपेंशन में हो रही देरी की वजह विभागों पर चल रही 'ज़िच' को भी माना जा रहा है. दरअसल एक तरफ जहां झामुमो सरकार पर पकड़ बनाए रखने के मकसद से महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखना चाहता है. वहीं, कांग्रेस 'सत्ता की चाबी' अपने हाथ में रखने को लेकर एक्टिव है.

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अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो मामला गृह, वित्त, सड़क निर्माण, भवन निर्माण समेत कल्याण विभाग को लेकर फंस रहा है. पिछली सरकार के फॉर्मूला अगर देखें तो तत्कालीन सीएम के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग थे, हालांकि मौजूदा सरकार में यह संभव नहीं होगा, लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महत्वपूर्ण विभागों को अपने पोर्टफोलियो में जोड़कर रखने की कवायद में लगे हैं. दरअसल सीएम के पास होम डिपार्टमेंट सूचना एवं जनसंपर्क विभाग भवन निर्माण जैसे विभागों को लेकर कांग्रेस अपनी डिमांड रख रही है.

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इन विभागों पर है कांग्रेस की नजर
सरकार में कैबिनेट मंत्री और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पूर्व आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं. ऐसे में अपने अनुभवों का हवाला देते हुए वह होम डिपार्टमेंट की चाह रखते हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस से महिला कोटे में आने वाली मंत्री शिक्षा विभाग की तरफ नजर गड़ाए हुए हैं. इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के ऊपर भी कांग्रेस की नजर है. जबकि वित्त, सड़क निर्माण, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों पर भी पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है.

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इसके उलट झारखंड मुक्ति मोर्चा किसी भी हाल में गृह, वित्त, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य अपने पास रखना चाहता है. साथ ही अल्पसंख्यक कोटे से उसके संभावित मंत्री भी अपनी अलग दावेदारी में लगे हैं.

दिल्ली में हैं सोरेन, हो सकती है इन मामलों पर चर्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल दिल्ली में है. कांग्रेस के सूत्रों पर यकीन करें तो उनके इस दिल्ली ट्रिप में मंत्रियों के नाम और विभाग को लेकर फाइनल मुहर लग जाने की पूरी उम्मीद है. वहीं, कैबिनेट एक्सपेंशन पर 26 जनवरी के पहले तस्वीर साफ हो जाएगी. 22 से 24 तक गवर्नर द्रौपदी मुर्मू के बाहर होने की सूचना है. इसी वजह से कैबिनेट एक्सपेंशन के लिए 25 जनवरी के तारीख पर संभावनाएं ज्यादा हैं.

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अधिकतम 8 मंत्रियों के पद हैं खाली
बता दें कि हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री समेत जेएमएम से 6, कांग्रेस से पांच और राजद से एक मंत्री को जगह मिलनी है, हालांकि 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री सोरेन के साथ राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस कोटे से दो मंत्रियों रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम ने शपथ ग्रहण किया है. प्रावधान के अनुसार अधिकतम 8 मंत्रियों के पद अभी और भरे जाने हैं.

Intro:रांची। प्रदेश में बनी महागठबंधन के बहुमत वाली सरकार के केबिनेट एक्सपेंशन में हो रहे देरी की वजह विभागों पर चल रही 'ज़िच' को भी माना जा रहा है। दरअसल एक तरफ जहां झामुमो सरकार पर पकड़ बनाए रखने के मकसद से महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखना चाहता है। वहीं कांग्रेस 'सत्ता की चाबी' अपने हाथ में रखने को लेकर एक्टिव है। अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो मामला गृह,वित्त, सड़क निर्माण, भवन निर्माण समेत कल्याण विभाग को लेकर पेंच फंस रहा है। पिछली सरकार के फॉर्मूले अगर देखें तो तत्कालीन सीएम के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग थे। हालांकि मौजूदा सरकार में यह संभव नहीं होगा लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन महत्वपूर्ण विभागों को अपने पोर्टफोलियो में जोड़कर रखने की कवायद में लगे हैं।
दरअसल सीएम के पास होम डिपार्टमेंट सूचना एवं जनसंपर्क विभाग भवन निर्माण जैसे विभागों को लेकर कांग्रेस अपने डिमांड रख रहा है।

इन विभागों पर है कांग्रेस की नजर
सरकार में कैबिनेट मंत्री और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव पूर्व आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं। ऐसे में अपने अनुभवों का हवाला देते हुए वह होम डिपार्टमेंट की चाह रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से महिला कोटे में आने वाली मंत्री शिक्षा विभाग की तरफ नजर गड़ाए हुई हैं। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के ऊपर भी कांग्रेस की नजर है। जबकि वित्त, सड़क निर्माण, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों पर भी पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है।




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झामुमो भी सरकार पर मजबूत पकड़ के फार्मूले पर है अडिग
इसके उलट झारखंड मुक्ति मोर्चा किसी भी हाल में गृह, वित्त, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य अपने पास रखना चाहता है साथ ही अल्पसंख्यक कोटे से उसके संभावित मंत्री भी अपनी अलग दावेदारी में लगे हैं।

दिल्ली में हैं सोरेन, हो सकती है इन मामलों पर चर्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल दिल्ली में है। काँग्रेज़ सूत्रों का यकीन करें तो उनके इस दिल्ली ट्रिप में मंत्रियों के नाम और विभाग को लेकर फाइनल मुहर लग जाने की पूरी उम्मीद है। वहीं केबिनेट एक्सपेंशन पर 26 जनवरी के पहले तस्वीर साफ हो जाएगी। 22 से 24 तक गवर्नर द्रौपदी मुर्मू के बाहर होने की सूचना है। इसी वजह से केबिनेट एक्सपेंशन के लिए 25 जनवरी के तारीख पर संभावनाएं ज्यादा हैं।








Conclusion:
अधिकतम 8 मंत्रियों के पद हैं ख़ाली
बता दें कि हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री समेत जेएमएम से 6, कांग्रेस से पांच और राजद से एक मंत्री को जगह मिलनी है। हालांकि 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री सोरेन के साथ राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस कोटे से दो मंत्रियों रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम ने शपथ ग्रहण किया है। प्रावधान के अनुसार अधिकतम 8 मंत्रियों के पद अभी भरे जाने हैं।


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