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Chhath Puja 2022: छठ के प्रसाद में ठेकुआ का है खास महत्व, व्रती भगवान भास्कर के लिये तैयार कर रहीं प्रसाद

चार दिवसीय अनुष्ठान छठ महापर्व का आज रविवार काे तीसरा दिन है. छठ व्रतियों द्वारा आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा (Chhath Puja Surya Arghya ). अर्घ्य के लिए अन्य फलों के साथ ठेकुआ का खास महत्व होता है. छठ व्रती खरना के बाद ठेकुआ तैयार कर रहे हैं.

Thekua has special importance in Chhath puja
Thekua has special importance in Chhath puja
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Published : Oct 30, 2022, 3:57 PM IST

जमुईः अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रती रविवार काे पहला अर्घ्य (Chhath Puja Surya Arghya ) देंगे. छठ घाट पर जाने से पहले महाप्रसाद ठेकुआ, खबोनी, लडुआ से सूप डाला को सजाया जा रहा है. स्वच्छता का ख्याल रखते हुऐ सूप दउरा काे सजाया जा रहा है. इसमें कई प्रकार के फल, पान-सुपाड़ी, ईंख, सांचा, मूली, नारियल आदि चुनरी एकरंगा आदि से ढककर ले जाया जाएंगे. इसे माथे पर रखकर छठ घाटों पर फूल माला से सजाकर ले जाया जाएगा.

इसे भी पढ़ेंः Chhath Puja: बिहार का एक ऐसा गांव जहां सिर्फ पुरुष करते हैं छठ व्रत

आज दिया जाएगा अर्घ्यः नदी, तालाब, पोखर में स्नान कर छठ व्रती और श्रद्धालु खड़े हो जाऐंगे. हाथ जोड़े भगवान भास्कर को नमन करते हुऐ पश्चिम की ओर मुख करते हुऐ खड़े हो जाएंगे और जैसे ही अस्ताचलगामी सूर्य की लालिमा दिखेगी अर्घ्य देने की शुरुआत होगी. कच्चा दूध, गंगा जल और निर्मल जल से एक-एक कर सभी सूप, डाला, दउरा सुपती आदि में अर्घ्य दिया जाऐगा. फिर कल सोमवार अहले सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन चलने वाला आस्था का महाव्रत पूर्ण होगा.

इसे भी पढ़ेंः छठ के लिए सात समंदर पार कर बिहार पहुंची कैटरीना, बोली- 'हे छठी मईया तहार महिमा अपरंपार'

ठेकुआ का है खास महत्वः भगवान भास्कर को फलों के अलावा ठेकुआ का प्रसाद (Thekua has special importance in Chhath puja) दिया जाता है. छठ के प्रसाद में गेहूं के आटे से बना ठेकुआ प्रमुख प्रसाद होता है. इसके लिए घर में व्रती और अन्य महिलाएं मिलकर ठेकुआ बना रही हैं. रविवार सुबह से ही महिला ठेकुआ बनाने में जुटी हैं. ठेकुआ शुद्ध घी के अलावा रिफाइन तेल में भी तैयार किया जाता है. ठेकुआ गेहूं के आटा, गुड़, चीनी आदि सामग्री से तैयार किया जाता है.

Thekua has special importance in Chhath puja
छठ के प्रसाद में ठेकुआ का है खास महत्व

छठ पूजा का तीसरा दिन

छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: 30 अक्टूबर, रविवार

सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

शुभ समय

सुकर्मा योग: प्रात: काल से शाम 07 बजकर 16 मिनट तक

धृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट से अगली सुबह तक

रवि योग: सुबह 07:26 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक

सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे से सुबह 07:26 बजे तक

जमुईः अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रती रविवार काे पहला अर्घ्य (Chhath Puja Surya Arghya ) देंगे. छठ घाट पर जाने से पहले महाप्रसाद ठेकुआ, खबोनी, लडुआ से सूप डाला को सजाया जा रहा है. स्वच्छता का ख्याल रखते हुऐ सूप दउरा काे सजाया जा रहा है. इसमें कई प्रकार के फल, पान-सुपाड़ी, ईंख, सांचा, मूली, नारियल आदि चुनरी एकरंगा आदि से ढककर ले जाया जाएंगे. इसे माथे पर रखकर छठ घाटों पर फूल माला से सजाकर ले जाया जाएगा.

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आज दिया जाएगा अर्घ्यः नदी, तालाब, पोखर में स्नान कर छठ व्रती और श्रद्धालु खड़े हो जाऐंगे. हाथ जोड़े भगवान भास्कर को नमन करते हुऐ पश्चिम की ओर मुख करते हुऐ खड़े हो जाएंगे और जैसे ही अस्ताचलगामी सूर्य की लालिमा दिखेगी अर्घ्य देने की शुरुआत होगी. कच्चा दूध, गंगा जल और निर्मल जल से एक-एक कर सभी सूप, डाला, दउरा सुपती आदि में अर्घ्य दिया जाऐगा. फिर कल सोमवार अहले सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन चलने वाला आस्था का महाव्रत पूर्ण होगा.

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ठेकुआ का है खास महत्वः भगवान भास्कर को फलों के अलावा ठेकुआ का प्रसाद (Thekua has special importance in Chhath puja) दिया जाता है. छठ के प्रसाद में गेहूं के आटे से बना ठेकुआ प्रमुख प्रसाद होता है. इसके लिए घर में व्रती और अन्य महिलाएं मिलकर ठेकुआ बना रही हैं. रविवार सुबह से ही महिला ठेकुआ बनाने में जुटी हैं. ठेकुआ शुद्ध घी के अलावा रिफाइन तेल में भी तैयार किया जाता है. ठेकुआ गेहूं के आटा, गुड़, चीनी आदि सामग्री से तैयार किया जाता है.

Thekua has special importance in Chhath puja
छठ के प्रसाद में ठेकुआ का है खास महत्व

छठ पूजा का तीसरा दिन

छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: 30 अक्टूबर, रविवार

सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

शुभ समय

सुकर्मा योग: प्रात: काल से शाम 07 बजकर 16 मिनट तक

धृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट से अगली सुबह तक

रवि योग: सुबह 07:26 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक

सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे से सुबह 07:26 बजे तक

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