रांचीः सूबे के शिक्षकों के लिए एक खुशखबरी है. राज्य सरकार की ओर से स्थानांतरण नियमावली में संशोधन को लेकर हरी झंडी दे दी गई है. इस नियमावली के तहत अगर वह दूसरे जिले में है तो गृह जिले में उनका तबादला हो सकता है.
लगातार हो रही थी मांग
गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से लगातार स्थानांतरण नियमावली में संशोधन करने को लेकर मांग की जाती रही है. शिक्षकों का तर्क है कि कई शिक्षक पति पत्नी है और अलग-अलग जिले में कार्यरत है और भी कई परेशानियां उनके समक्ष आ रही है. इस वजह से स्थानांतरण नीति में संशोधन किया जाए, इधर शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है. उन्होंने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को पत्र लिखकर नई नियमावली के आधार पर शिक्षकों का तबादला करने का निर्देश दिया है. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि शिक्षक संघ लगातार नियमावली में संशोधन की मांग कर रहे हैं. विभाग स्तर पर शिक्षकों का तबादला होगा और सबको एक जैसा लाभ दिया जाएगा, खाली पदों को भरा जाना है, अब उनके गृह जिले में ही तैनाती होगी, अगर वह दूसरे जिले में तैनात है तो जिले में तबादला हो सकेगा. वहीं दूसरे राज्यों के शिक्षकों को भी सीमावर्ती जिले या राज्य में पसंद के तीन विकल्पों के तहत जिलों में तबादला किया जा सकेगा.
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पारा शिक्षक स्थायीकरण नियमावली पर हो सकता है फैसला
इधर पारा शिक्षक स्थायीकरण नियमावली को शिक्षा मंत्री की ओर से संबंधित विभाग में भेजी गई है जल्द ही इस मुद्दे पर भी कुछ निर्णय आ सकता है. सरकारी B.ed कॉलेजों को लेकर प्रस्ताव तैयार. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों के लिए बीएड कॉलेजों में गणित विज्ञान सामाजिक विज्ञान जैसे पढ़ाई भी अनिवार्य होगा और इसे देखते हुए झारखंड के सरकारी बीएड कॉलेजों में बदलाव करने का संकेत मिल रहा है. राज्य के चारों बीएड कॉलेजों को विश्वविद्यालय के हवाले करने का निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है. इनका एकेडमिक से लेकर प्रशासनिक स्तर तक पूरा प्रबंधन कुलपतियों के हाथ में ही होगा. अभी तक सरकारी बीएड कॉलेजों का प्रशासनिक संचालन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के तहत होता आया है. राजकीय उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जल्द ही इस पर मुहर लगाई जा सकती है.