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JAP जवानों की समस्या का एक सप्ताह में होगा समाधान, समस्या निदान कोषांग के गठन का आदेश - झारखंड न्यूज

जवानों की भी काफी समस्याएं होती हैं. जिसकी शिकायत अक्सर वो उच्चस्तर पर करते भी हैं. कई बार समय पर उनकी समस्याओं का समय पर निदान नहीं हो पाता है. जिससे उनके हौसले में कमी आती है. इसी को देखते हुए जैप में समस्या निदान कोषांग गठन करने का फैसला लिया गया है.

झारखंड सशस्त्र बल
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Published : Jul 11, 2019, 7:48 AM IST

रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान और वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले झारखंड सशस्त्र बल(जैप) की समस्या सुझलाने की जिम्मेदारी वाहनियों के कमांडेट की होगी. जवानों के द्वारा समस्या बताने के एक हफ्ते के भीतर कमांडेंट को इसे सुलझाना होगा. बुधवार को जैप एडीजी तदाशा मिश्रा ने इससे संबंधित एक आदेश जारी किया है.

ये भी देखें- जमशेदपुर के मशहूर डॉक्टर पर फायरिंग, अपराधियों ने मांगी थी 5 लाख की रंगदारी


क्या है आदेश में

एडीजी के आदेश के मुताबिक, वाहिनी के पुलिसकर्मी अब अपनी समस्याओं को लेकर सीधे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को आवेदन नहीं देंगे. सीधे तौर पर बड़े अधिकारियों या विभाग को आवेदन देना अनुशासनहीनता माना जाएगा. एडीजी ने अपने आदेश में लिखा है कि सीधे पुलिस मुख्यालय या गृह विभाग को आवेदन देना विभागीय आचरण के खिलाफ है, साथ ही यह कमांडेंटस्तर के अधिकारियों के नियंत्रण की कमी को दिखाती है.


समस्या निदान कोषांग का होगा गठन

जैप में तैनात पुलिसकर्मियों की समस्या सुनने के लिए जैप मुख्यालय में डीएसपी स्तर के अधिकारी के अधीन समस्या निदान कोषांग का गठन किया जाएगा. एडीजी के आदेश के अनुसार, कोषांग में आने वाली समस्या कमांडेंट अगर एक हफ्ते में नहीं सुलझा पाते हैं, तो इसकी जानकारी आईजी जैप को अनुशंसा के साथ दें. आईजी स्तर के अधिकारी भी इस समस्या का निदान नहीं कर पाएं तो इसकी जानकारी एडीजी जैप को दें.

रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान और वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले झारखंड सशस्त्र बल(जैप) की समस्या सुझलाने की जिम्मेदारी वाहनियों के कमांडेट की होगी. जवानों के द्वारा समस्या बताने के एक हफ्ते के भीतर कमांडेंट को इसे सुलझाना होगा. बुधवार को जैप एडीजी तदाशा मिश्रा ने इससे संबंधित एक आदेश जारी किया है.

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क्या है आदेश में

एडीजी के आदेश के मुताबिक, वाहिनी के पुलिसकर्मी अब अपनी समस्याओं को लेकर सीधे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को आवेदन नहीं देंगे. सीधे तौर पर बड़े अधिकारियों या विभाग को आवेदन देना अनुशासनहीनता माना जाएगा. एडीजी ने अपने आदेश में लिखा है कि सीधे पुलिस मुख्यालय या गृह विभाग को आवेदन देना विभागीय आचरण के खिलाफ है, साथ ही यह कमांडेंटस्तर के अधिकारियों के नियंत्रण की कमी को दिखाती है.


समस्या निदान कोषांग का होगा गठन

जैप में तैनात पुलिसकर्मियों की समस्या सुनने के लिए जैप मुख्यालय में डीएसपी स्तर के अधिकारी के अधीन समस्या निदान कोषांग का गठन किया जाएगा. एडीजी के आदेश के अनुसार, कोषांग में आने वाली समस्या कमांडेंट अगर एक हफ्ते में नहीं सुलझा पाते हैं, तो इसकी जानकारी आईजी जैप को अनुशंसा के साथ दें. आईजी स्तर के अधिकारी भी इस समस्या का निदान नहीं कर पाएं तो इसकी जानकारी एडीजी जैप को दें.

Intro:


झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान और वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले झारखंड सशस्त्र बल(जैप) की समस्या सुझलाने की जिम्मेदारी वाहनियों के कमांडेट की होगी। जवानों के द्वारा समस्या बताने के एक हफ्ते के भीतर कमांडेंट को इसे सुलझाना होगा। बुधवार को जैप एडीजी तदाशा मिश्रा ने इससे संबंधित एक आदेश जारी किया है।

क्या है आदेश में
एडीजी के आदेश के मुताबिक, वाहिनी के पुलिसकर्मी अब अपनी समस्याओं को लेकर सीधी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय को सीधे आवेदन नहीं देंगे। सीधे तौर पर वरीय अधिकारियों या विभाग को आवेदन देना अनुशासनहीनता माना जाएगा। एडीजी ने अपने आदेश में लिखा है कि सीधे पुलिस मुख्यालय या गृह विभाग को आवेदन देना विभागीय आचरण के प्रतिकूल है, साथ ही यह कमांडेंट स्तर के अधिकारियों के नियंत्रण की कमी दिखाती है।

Body:समस्या निदान कोषांग होगा गठित

जैप वाहनियों में तैनात पुलिसकर्मियों की समस्या सुनने के लिए जैप वाहिनी मुख्यालय में डीएसपी स्तर के अधिकारी के अधीन समस्या निदान कोषांग का गठन किया जाएगा। एडीजी के आदेश में जिक्र है कि कोषांग में आने वाली समस्या कमांडेंट एक हफ्ते में नहीं सुलझाने पर इसकी जानकारी आईजी जैप को समुचित मंत्वय व अनुशंसा के साथ दे। आईजी स्तर के अधिकारी भी इस समस्या का निदान नहीं कर पाएं तो इसकी जानकारी एडीजी जैप को दें।

Conclusion:सीधी शिकातय मानी जाएगी अनुशासनहीनत
जैप एडीजी ने आदेश में लिखा है कि पुलिसकर्मी के द्वारा सीधे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय के यहां आवेदन देने को अनुशासनहीनता माना जाएगा। ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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