रांची: यास तूफान से तबाही के बीच रांची के लोगों के लिए 27 मई का दिन राहत भरा रहा. इस दिन हरमू मुक्तिधाम को छोड़कर शहर के किसी दूसरे मुक्तिधामों पर अंतिम संस्कार के लिए शव नहीं पहुंचा. हरमू मुक्तिधाम में भी केवल 6 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. मृतकों की संख्या में काफी कमी को स्थानीय लोगों ने अच्छा संकेत बताया है.
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मुक्तिधामों में नहीं पहुंचे शव
घागरा मुक्तिधाम के इंचार्ज और अरगोड़ा के अंचलाधिकारी अरविंद ओझा की मानें तो मुक्तिधाम पर सुबह से ही चिता सजाकर निगमकर्मी ने तैयारी कर ली थी, लेकिन देर शाम तक एक भी शव न आने से लोगों ने राहत की सांस ली. उन्होंने बताया कि अप्रैल के शुरुआती दिनों से ही घाघरा मुक्तिधाम पर प्रतिदिन 50 से ज्यादा कोरोना से संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा था लेकिन कुछ दिनों से शवों की संख्या में कमी आई है जोकि निश्चित रूप से राजधानीवासियों के लिए राहत की खबर है.
कम हो रहा है कोरोना का प्रकोप
घागरा मुक्तिधाम पर पहुंचने वाले शवों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. पिछले 5 दिनों की बात करें तो 23 मई को घागरा मुक्तिधाम में पांच शवों का अंतिम संस्कार हुआ था, 24 मई को 4 शवों का, 25 मई को तीन शवों का, 26 मई को चार शवों का अंतिम संस्कार किया गया. 27 मई को एक भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ, जबकि यही संख्या कुछ दिन पहले तक प्रतिदिन 50 से ज्यादा हुआ करती थी. जाहिर है कोरोना से मरने वालों की संख्या में काफी कमी है जो राज्य सरकार और लोगों के लिए शुभ संकेत है.
27 मई को 16 लोगों की मौत
पूरे झारखंड में 27 मई को कोरोना से 16 लोगों की मौत हो गई. केवल रांची की बात करें तो यहां भी मृतकों की संख्या में काफी कमी आयी है. गुरुवार को राजधानी में कोरोना संक्रमण से 5 लोगों की मौत हुई.