रांची: देश में जितनी मौतें हार्ट अटैक, कैंसर जैसी बीमारियों से नहीं होती, उससे कहीं ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो जाती है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि सरकारी आंकड़े कह रहे हैं. सरकारी आंकड़ों की माने तो देश में 16.4% हार्ट अटैक, 18% कैंसर और 24.8% लोग बीमारी से मरते हैं, जबकि 40.8% प्रोडक्टिव एज ग्रुप की मौत रोड एक्सीडेंट से होती है. हालांकि सड़क दुर्घटना में मरने वाले आंकड़े केवल देश के लिए ही नहीं बल्कि झारखंड राज्य के लिए भी डराने वाले हैं.
रांची में सड़क हादसों के आंकड़ें भयावह
2019 के आंकड़े कहते हैं कि रांची में सड़क हादसों में 390 लोगों की मौत हुई है. जबकि 2018 के आंकड़े यह कहते हैं कि रांची में हर महीने लगभग 40 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. जिसमें लगभग हर महीने 30 लोगों की मौत हो जाती है. जनवरी से लेकर सितंबर 2018 के बीच रांची में 362 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. जिसमें 247 लोगों की जान चली गई. वहीं रांची जिले में 1 वर्ष में कुल 583 सड़क दुर्घटना के केस दर्ज हुए हैं. हादसों की भयावह संख्या को देखते हुए ही झारखंड पुलिस ने केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को एक सितंबर से सख्ती से लागू कर दिया है.
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झारखंड पुलिस सख्ती से करेगी कानून का पालन
झारखंड पुलिस के वरीय प्रवक्ता सह एडीजी अभियान एम एल मीना के अनुसार बढ़ते सड़क हादसों को रोकने में कारगर होने वाले मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को लेकर झारखंड पुलिस सख्ती से निपटेगी. रांची पुलिस ने रविवार से ही कानून को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. इसे लेकर पहले ही सभी जिलों के ट्रैफिक एसपी, ट्रैफिक थानों को पत्र जारी कर दिया गया है.
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में क्या हैं प्रावधान
वर्ष 1988 के मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर लाए गए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में काफी कड़े प्रावधान किए गए हैं. नए कानून के तहत न केवल जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है बल्कि कठोर सजा के प्रावधान भी किए गए हैं.
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अपराध एवं जुर्माने का प्रावधान:
अपराध | जुर्माना पहले (रुपए में) | जुर्माना अब (रुपए में) |
सीट बेल्ट नहीं पहनने पर | 100 | 1000 |
दोपहिया वाहनों पर 2 से ज्यादा सवारी | 100 | 1000 |
हेलमेट नहीं पहनने पर | 100 | 1000 और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित |
इमरजेंसी वाहनों को रास्ता नहीं देने पर | 0 | 10,000 |
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग | 500 | 5,000 |
ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने के बावजूद ड्राइविंग | 500 | 10,000 |
ओवरस्पीड | 400 | 2000 |
खतरनाक ड्राइविंग | 1000 | 5000 |
ड्रिंक एंड ड्राइविंग | 2000 | 10,000 |
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बात करने पर | 1000 | 5000 |
बिना परमिट पाए जाने पर | 5000 | 10000 |
ओवरलोडिंग | 2000 और उसके बाद प्रति टन 1000 | 20000 और उसके बाद प्रति टन 2000 |
बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर | 1000 | 2000 |
नाबालिग के गाड़ी चलाने पर | 0 | 25000 और 3 साल की सजा वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द और गाड़ी के मालिक तथा नाबालिग के अभिभावक दोषी माने जाएंगे, नाबालिग को 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं |
जागरूकता ही बचाव
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता आशीष बत्रा के अनुसार ट्रैफिक मैनेजमेंट के 3 आयाम होते हैं. जिसमें पहला बेसिक रिक्वायरमेंट होता है, दूसरा एडूकेशन होता है और तीसरा एनफोर्समेंट एक्शन होता है. पुलिस का मुख्य योगदान तीसरे आयाम में होता है. ऐसे में इन कड़े नियमों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में कमी तब तक नहीं आ सकती जब तक कि आम लोग खुद सतर्क और जागरुक न हो जाए. वाहन चलाते हुए वे अगर सतर्कता बरतेंगे, कानून को लेकर जागरुक रहेंगे तो जुर्माने की नौबत ही नहीं आएगी.