रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बंदी का दंश झेल रहे हैं. जिसके कारण कपड़ा व्यवसायियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उनके सामने आर्थिक संकट आ गया है. इसी कड़ी में प्रदेश के कपड़ा व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगाई है कि अनलॉक वन में कपड़ा व्यवसायियों को भी छूट दी जाए.
25 लाख लोग जुड़े है कपड़ा व्यापार से
झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष अनिल जालान ने कहा कि हैरत की बात यह है कि 4 फेज के अनलॉक वन को बीते हुए एक हफ्ता हो गया है. अभी तक राज्य सरकार ने कपड़े की दुकानों को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया है. उन्होंनें कहा कि सारे व्यवसाय जब खुल गए हैं. तो ऐसे में कपड़ा व्यापारियों को भी रियायत मिलनी चाहिए.
लगभग 25 लाख लोग हैं. इससे जुड़े हुए उन्होंने कहा कि एक आंकड़े के अनुसार 25 लाख लोग राज्य भर में इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. अब तक अप्रैल महीने के पैसे कर्मियों को व्यवसायियों ने दे दी है. लेकिन अब समस्या खड़ी हो रही है. उनके पास इतनी जमा पूंजी नहीं नहीं है. जिससे बहुत आगे खींच पाएं. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक तौर पर जब व्यापार होगा, तभी पैसे भी आएंगे. बंदी की स्थिति में व्यापार कहां से हो पाएगा. जालान ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात पर अगर ध्यान देंगे, तो व्यवसायियों को बड़ी राहत होगी.
सरकार जारी करे गाइडलाइन, उसी अनुसार खुलेंगी दुकानें
थोक वस्त्र विक्रेता संघ के सचिव प्रतीक मोर ने कहा कि रेस्टोरेंट वगैरह खुल गए हैं. लेकिन कपड़े की दुकानें अभी तक नहीं खुली है. राज्य सरकार को इस बाबत कोई निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि ट्रायल रूम में संक्रमण फैलने का ज्यादा डर है. ऐसे में राज्य सरकार को अपनी गाइडलाइन बनाकर इसके लिए परमिशन देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जो भी गाइडलाइन होगी उसे अपना व्यवसायी फॉलो करेंगे.