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Para Teachers Protest: टेट पास पारा शिक्षकों का आंदोलन, सरकार से वेतनमान की मांग

शिक्षक दिवस के दिन रांची में टेट पास पारा शिक्षकों का धरना प्रदर्शन देखने को मिला. सरकार से वेतनमान की मांग को लेकर उन्होंने राजभवन के पास धरना दिया. साथ ही भिक्षाटन कर अपना विरोध जताया.

TET pass Para teachers protest in Ranchi
कोलार्ज
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2023, 9:30 PM IST

Updated : Sep 5, 2023, 10:49 PM IST

देखें पूरी खबर

रांचीः शिक्षक दिवस के मौके पर एक ओर जहां झारखंड सहित देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर झारखंड के शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर भिक्षाटन करते नजर आए.

इसे भी पढ़ें- टेट पास पारा शिक्षकों का आंदोलन शुरू: वेतनमान की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष अनशन

मंगलवार को राजधानी में कुछ ऐसा ही नजारा रहा जब शिक्षक राजभवन के समक्ष न केवल धरना पर बैठे बल्कि अल्बर्ट एक्का चौक तक भिक्षाटन कर सरकार से वेतनमान की मांग करते रहे. भिक्षाटन करने निकले टेट पास पारा शिक्षकों ने इस दौरान सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा. वेतनमान की मांग कर रहे टेट पास पारा शिक्षकों का मानना है कि सरकार से इस संबंध में वार्ता होने और महाधिवक्ता की ओर से अनुशंसा देने के बावजूद भी सरकार इस पर निर्णय नहीं ले रही है जबकि अल्पसंख्यक विद्यालयों में वेतनमान के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं. टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक प्रमोद कुमार ने कहा कि ये टेट पास पारा शिक्षक 20-22 वर्षों से कम कर रहे हैं और सरकार इन्हें वेतनमान देने के बजाय सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में बैठने के लिए कह रही है.

वित्तरहित शिक्षकों ने भी किया आंदोलनः शिक्षक दिवस के मौके पर राजभवन के समक्ष सड़क पर उतरे वित्तरहित स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. इन शिक्षकों का मानना था कि वित्तरहित इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसा विद्यालयों का अधिग्रहण करने को लेकर सरकार ने सदन में आश्वासन दिया था. 11 अक्टूबर 2021 को मुख्यमंत्री के सदन में आश्वासन देने के बाद भी इस पर अब तक अमल नहीं किया गया है. ऐसे में राज्य के वित्तरहित स्कूल एवं कॉलेज के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब है. सरकार ऐसे 10 हजार शिक्षाकर्मी से बिना वेतन के काम करा रही है.

बता दें कि राज्य में 178 प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज, 106 प्रस्वीकृत एवं 207 राज्य सरकार से स्थापना अनुमति प्राप्त उच्च विद्यालय, 33 संस्कृत विद्यालय एवं 46 मदरसा विद्यालय हैं. जिसमें करीब 10 हजार शिक्षक कार्यरत हैं और 4 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं. ये वित्तरहित शिक्षण संस्थानों के शिक्षककर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

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रांचीः शिक्षक दिवस के मौके पर एक ओर जहां झारखंड सहित देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर झारखंड के शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर भिक्षाटन करते नजर आए.

इसे भी पढ़ें- टेट पास पारा शिक्षकों का आंदोलन शुरू: वेतनमान की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष अनशन

मंगलवार को राजधानी में कुछ ऐसा ही नजारा रहा जब शिक्षक राजभवन के समक्ष न केवल धरना पर बैठे बल्कि अल्बर्ट एक्का चौक तक भिक्षाटन कर सरकार से वेतनमान की मांग करते रहे. भिक्षाटन करने निकले टेट पास पारा शिक्षकों ने इस दौरान सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा. वेतनमान की मांग कर रहे टेट पास पारा शिक्षकों का मानना है कि सरकार से इस संबंध में वार्ता होने और महाधिवक्ता की ओर से अनुशंसा देने के बावजूद भी सरकार इस पर निर्णय नहीं ले रही है जबकि अल्पसंख्यक विद्यालयों में वेतनमान के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं. टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक प्रमोद कुमार ने कहा कि ये टेट पास पारा शिक्षक 20-22 वर्षों से कम कर रहे हैं और सरकार इन्हें वेतनमान देने के बजाय सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में बैठने के लिए कह रही है.

वित्तरहित शिक्षकों ने भी किया आंदोलनः शिक्षक दिवस के मौके पर राजभवन के समक्ष सड़क पर उतरे वित्तरहित स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. इन शिक्षकों का मानना था कि वित्तरहित इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसा विद्यालयों का अधिग्रहण करने को लेकर सरकार ने सदन में आश्वासन दिया था. 11 अक्टूबर 2021 को मुख्यमंत्री के सदन में आश्वासन देने के बाद भी इस पर अब तक अमल नहीं किया गया है. ऐसे में राज्य के वित्तरहित स्कूल एवं कॉलेज के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब है. सरकार ऐसे 10 हजार शिक्षाकर्मी से बिना वेतन के काम करा रही है.

बता दें कि राज्य में 178 प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज, 106 प्रस्वीकृत एवं 207 राज्य सरकार से स्थापना अनुमति प्राप्त उच्च विद्यालय, 33 संस्कृत विद्यालय एवं 46 मदरसा विद्यालय हैं. जिसमें करीब 10 हजार शिक्षक कार्यरत हैं और 4 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं. ये वित्तरहित शिक्षण संस्थानों के शिक्षककर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 5, 2023, 10:49 PM IST
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